ब्लाईण्ड मर्डर का पर्दाफाश: चौदह वर्ष लिव-इन- रिलेशनशीप में रहने के बाद प्रेमिका की हत्या, सुपारी देकर दिल्ली से लाकर प्रेमिका की प्रेमी ने करवाई थी हत्या!

चौमूं थाना पुलिस ने अज्ञात महिला के सनसनीखेज ब्लाईण्ड मर्डर (Blind Murder) का पर्दाफास कर मुख्य अभियुक्त मृतका के प्रेमी सहित 6 आरोपियो को गिरफ्तार कर लिया है।
चौमूं थाना पुलिस ने अज्ञात महिला के सनसनीखेज ब्लाईण्ड मर्डर (Blind Murder) का पर्दाफास कर मुख्य अभियुक्त मृतका के प्रेमी सहित 6 आरोपियो को गिरफ्तार कर लिया है।

जयपुर। चौमूं थाना (Chomu Police Station) पुलिस ने अज्ञात महिला के सनसनीखेज ब्लाईण्ड मर्डर (Blind Murder) का पर्दाफास कर मुख्य अभियुक्त मृतका के प्रेमी (Lover) सहित 6 आरोपियो को गिरफ्तार कर लिया है। प्रेमिका (Girlfriend) के प्रेमी मुख्य अभियुक्त ने ढाई लाख में सुपारी देकर दिल्ली (Delhi) से लाकर प्रेमिका की हत्या करवाई थी। गत एक माह में तीन बार पहले भी मृतका की हत्या के प्रयास किये थे आखिरकार चौथे प्रयास मे अपराधी अपनी योजना में सफल हो पाये। चौदह वर्ष लिव इन रिलेशनशीप (Live In Relationship) में रहने के बाद प्रेमी ने प्रेमिका की हत्या कर रिश्तो को शर्मसार कर दिया। पुलिस (Police) प्रकरण में अग्रिम पूछताछ में जुट गई है।

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पुलिस उपायुक्त जयपुर (Deputy Commissioner of Police Jaipur) पश्चिम प्रदीप मोहन शर्मा ने बताया कि दिनांक 29-09-2021 को रात्रि के लगभग 12.30 बजे चौमू थाना को कन्ट्रोल रूम से इत्तला मिली की एन.एच. 52 मोरीजा पुलिया पर एक महिला की लाश पड़ी हुई है। सूचना लगते ही थानाधिकारी हेमराज सिंह गुर्जर मय जाप्ता मौके पर पहुंचे। तो पाया कि एक महिला की लाश मोरीजा पुलिया के ऊपर लिटाई हुई स्थिति में पड़ी हुई थी, जिसकी मृत्यु हो चुकी थी, महिला के पास कुछ भी सामान नहीं था। आस-पास तलाश की गई तो महिला की लाश से लगभग 40-50 फीट दूर रोड के किनारे रैलिंग के साथ एक लेडिज बेग पड़ा था जिसकी तलाशी ली गई तो उसमे छोटे-मोटे दीगर सामान के साथ तीन पन्ने का एक टाईपशुदा लेटर जिसके आखिर में गुलाब देवी के रूप में हस्ताक्षर किये हुये थे मिला व हंसराज मीणा व्यक्ति नाम के व्यक्ति के आधार कार्ड की प्रति व उसकी दिनांक 21-05 2020 को हुये पोस्टमार्टम रिपोर्ट की फोटोकॉपी साथ में थी।

उन्होंने बताया कि इन दस्तावेजो व मृतका (Murder) की लाश जिस स्थिति में पड़ी हुई थी को देखकर थानाधिकारी के दिमाग में उसी वक्त आ गया कि यह कोई दुर्घटना का मामला नहीं है बल्कि महिला की कही और हत्या कर लाश को यहा डाला गया हैं। दौसा पुलिस से सम्पर्क कर मृतका की पहचान करने के प्रयास किये गये, चार-पांच घण्टे के लगातार की गई मेहनत के फलस्वरूप दौसा कोतवाली पुलिस के सहयोग से महिला की शिनाख्त सम्भव हो पाई पर चूंकि दस्तावेज के अवलोकन से यह प्रतीत हो रहा था कि मृतक महिला व उसके भाईयो के मध्य प्रोपर्टी का विवाद है और वो उसकी हत्या (Murder) कर सकते है। इस पर पुलिस ने रिपोर्ट प्राप्त कर अज्ञात हत्यारों के विरूद्ध मामला दर्ज कर अनुसंधान शुरू किया गया। मृतका की लाश को बाद पोस्टमार्टम परिजनों को सुपुर्द किया गया।

उन्होंने बताया कि मृतका के परिजनो से पूछताछ के दौरान यह तथ्य सामने आया कि मृतका के पति की 1994 में ही मृत्यु हो गई थी, और पति की जगह पर वह दिल्ली विधुत विभाग में नौकरी कर रही थी तथा किसी बाबूलाल मीणा नाम के व्यक्ति के साथ दिल्ली में ही लिव इन रिलेशनशीप में रह रही थी। मृतका के हंसराज नाम का एक बेटा था जिसने ननिहाल में दौसा रहते हुये गत वर्ष सुसाइड कर लिया था। मृतका के बैग मे जो लेटर मिला था उसमे भी यह लिखा हुआ था कि हंसराज के मामाओं ने उसकी हत्या (Murder) कर उसे आत्महत्या का रूप दे दिया था। पुलिस की गठित टीम इस नतीजे पर पहुंची की निश्चित रूप से महिला की कही और हत्या की गई है और सबूत नष्ट करने के लिये डेड बॉडी को घटनास्थल पर डाला गया है और सम्भवतः महिला की हत्या अज्ञात हत्यारो द्वारा की गई है।

उन्होंने बताया कि उक्त गठित टीम ने योजनाबद्ध तरीके से कटी घाटी राजगढ़ रोड अलवर से बाबूलाल मीणा को हिरासत में ले लिया, फौरी पूछताछ के दौरान उसके द्वारा अपने सहयोगियों के साथ दिल्ली से जयपुर लाकर महिला की हत्या (Murder) करना स्वीकार कर लिया गया। सहयोगियों मे केवल एक जगराम को जानना बताया बाकी अन्य चार सहयोगी बदमाशों के बारे में ही जगराम ही बता सकता है बताया।

उन्होंने बताया कि पुलिस ने बाबूलाल मीणा निवासी गांव नांगल सोहन थाना राजगढ़ जिला अलवर हाल किरायेदार मकान नंबर 146/14 गली नंबर 43, राजनगर ॥ पालम थाना पालम नई दिल्ली, जगराम मीणा निवासी गांव अलीपुर, जोश वाली ढाणी थाना महूवा जिला दौसा हाल मालवीय नगर, गट्टा थाना अरावली विहार जिला अलवर, हरिओम मीणा निवासी गांव कोठारी का बास मालाखेडा थाना मालाखेडा जिला अलवर, रोहिताश मीणा निवासी गांव रतनगढ थाना मालाखेडा जिला अलवर, सुनिल कुमार मीणा निवासी गांव रतनगढ़ पाला थाना मालाखेडा जिला अलवर, व भूपेन्द्र सैन निवासी रतनगढपाला थाना मालाखेडा जिला अलवर (Alwar) ना केवल हिरासत मे लेने में सफलता प्राप्त की बल्कि वारदात में काम में लिये गये वाहन बोलेरो को भी दस्तियाब करने में सफलता प्राप्त की।

उन्होंने बताया कि पुलिस पूछताछ के दौरान यह सामने आया कि मुख्य अभियुक्त बाबूलाल मीणा दिल्ली में रहता था व लेब असिस्टेन्ट का काम करता है। वर्ष 2007 में मृतका से उसकी मुलाकात हुई व दोनो लिव इन रिलेशनशीप में एक साथ रहने लग गये और फिर 2011 में आर्य समाज में शादी कर ली। वर्ष 2011 में बाबूलाल ने मृतका गुलाब देवी के नाम से एक फ्लेट लिया जिसमे से 17 लाख रूपये बाबूलाल ने दिये व 5 लाख रूपये मृतका ने दिये, बाद में नजबगढ़ में एक प्लॉट और ले लिया। अब लगभग डेढ़ दो माह से मृतका किसी और व्यक्ति से शादी करने और अपने चाचा के परिवार से किसी बच्चे को गोद लेने की बाते करने लग गई व मुल्जिम बाबूलाल को छोड़ने की बातें करने लग गई।

इसी के चलते लगभग डेड दो माह पहले खुद के फ्लेट में किरायेदार रखकर दूसरी जगह साथ में किराये से रहने लग गये। इन राब चीजो के चलते मुल्जिम बाबूलाल मृतका गुलाब देवी को लेकर अपने परिवार पर भी ध्यान नहीं रख पाया और जब वह इस स्थिति में उसको छोड़कर जाने की बातें करने लगी और प्रोपर्टी के जाने का भी डर भी सताने लग गया कि ये प्रोपर्टी भी इसके नाम है जो इसको बेच देगी। इस बात से आशंकित होकर मुल्जिम बाबूलाल मीणा ने इसको ठिकाने लगाने की योजना लगभग डेढ दो माह पहले बना ली थी। उसने अपने मिलने वाले जगराम मीणा से बातचीत की और लडको की व्यवस्था करने के लिये कहा।

जगराम ने गुलाब देवी की हत्या (Murder) करने के लिये ढाई लाख रूपये मे सौदा तय कर लिया। योजना बनाई की हत्या इस प्रकार से करनी है कि पुलिस उन तक नहीं पहुंच सके। इसके लिये मोबाईल वगैराह को लेकर तमाम सावधानियां बरती गई व साथ ही एक लेटर और टाईप करवाया गया जो कि मौके पर मिला जिसके अनुसार पुलिस मृतका के भाईयो को इस हत्याकाण्ड में गिरफ्तार कर ले क्योंकि उस पत्र को गुलाब देवी की तरफ से लिखा जाना जाहीर किया गया, जिसमे मृतका का अपने भाईयो के साथ प्रोपर्टी का विवाद होने व अपने पुत्र हंसराज की हत्या (Murder) को आत्महत्या का रूप देने की बात लिखी गई थी।

घटना से पहले तीन बार गुलाब देवी की हत्या (Murder) करने के प्रयास दिल्ली से जयपुर लाकर मुल्जिमान के द्वारा किये गये, इस दौरान केवल तीन मुल्जिमान ही आये थे लेकिन बात नही बनती देख चौथी बार में सभी 6 मुल्जिमानो ने योजनाबद्ध तरीके से गोविन्दगढ (Govindgarh) के पास गाड़ी में ही गुलाब देवी की हत्या (Murder) कर दी और उसकी लाश को मोरीजा पुलिया पर लिटाकर व उसके हैण्ड बैग को रेलिगं के पास रखकर फरार हो गये। मुल्जिमान की यह शातिराना सोच थी कि पुलिस उन तक नहीं पहुंच पायेगी और हत्या (Murder) के आरोप में पुलिस मृतका के भाईयो को गिरफ्तार कर लेगी लेकिन चौमू पुलिस द्वारा की गई अथक मेहनत व प्रयास के फलस्वरूप ना केवल अतिशीघ्र अज्ञात महिला की शिनाख्त हो पाई ब्लकि उसके कातिल भी पकड़ में आ गये।

पुलिस वारदात से संबंधित अन्य सबूतों की बरामदगी के लिये पूछताछ कर रही है साथ ही आरोपियों के आपराधिक रिकॉर्ड भी खंगाल रही है।

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