तारा ज्योतिष साधना केंद्र के अध्यक्ष पंडित डॉ. रविंद्र आचार्य अंतरराष्ट्रीय भविष्यवक्ता ने बताया कि फाल्गुन मास की पूर्णिमा तिथि को होलिका दहन (Holika Dahan) होता है। ऐसे में बहुत से लोगों को होली (Holi) की डेट को लेकर काफी कन्फ्यूज है तो आइए जानते हैं होली और होलिका दहन की बिल्कुल सही तिथि और पूजा का शुभ मुहूर्त (Holi Pujan Muhurat) …
होली का दहन फाल्गुन मास की शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को होता है। शुक्ल पक्ष की अष्टम तिथि से होलाष्टक शुरू हो जाते हैं। हर साल फाल्गुन मास की शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को होलिका (Holi) दहन का त्यौहार (Festival) मनाया जाता है। उसके अगले दिन चेत्र माह की प्रतिपदा तिथि के दिन रंगोत्सव मनाते हैं। रंगों के इस उत्सव को उत्साह और प्रेम के साथ मनाया जाता है। होली का त्यौहार (Festivalबुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक होता है। होली से 8 दिन पहले होलाष्टक लग जाते हैं जिस दौरान कोई भी शुभ कार्य करना वर्जित माना जाता हैं।
होली दहन (Holika Dahan) की पूजा के लिए मिलेगा बस इतना समय:
पूर्णिमा तिथि 17 मार्च 2022 को दोपहर 1 बजकर 29 मिनट से शुरू होकर 18 मार्च दोपहर 12 बजकर 47 मिनट तक रहेगी। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार होलिका दहन (Holika Dahan) का मुहूर्त 17 मार्च को रात 9 बजकर 20 मिनट से देर रात 10 बजकर 31 मिनट तक रहेगा यानी होलिका दहन के लिए करीब 1 घंटा 10 मिनट का समय मिलेगा। होलिका दहन (Holika Dahan) का मुहूर्त किसी त्योहार के मुहूर्त से ज्यादा महत्वपूर्ण माना जाता है। होलिका दहन (Holika Dahan) की पूजा अगर अनुपयुक्त समय पर हो जाए तो उसके दुर्भाग्य और पीड़ा का सामना करना पड़ता है।
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(Disclaimer: इस स्टोरी (लेख) में दी गई सूचनाएं सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित हैं। यह पाठ्य सामग्री आम धारणाओं और इंटरनेट पर मौजूद सामग्री के आधार पर लिखी गई है। thenewsworld24 .com इनकी पुष्टि नहीं करता है। इन तथ्यों को अमल में लाने से पहले संबधित विशेषज्ञ से संपर्क करें।)