इस बार होली (Holi) फागुन शुक्ला चतुर्दशी गुरुवार 17 मार्च 2022 को मनाई जाएगी। होली का त्यौहार (Festival) हमेशा पूर्णिमा (Purnima) को मनाया जाता है लेकिन इस बार विशेष कारणों के कारण से होली का त्यौहार (Holi Festival) चतुर्दशी को मनाया जाएगा। शास्त्रों के अनुसार होली का जो पर्व है वह पूर्णिमा के प्रदोष काल में मनाया जाता है।
इस बार 17 मार्च 2022 गुरुवार के दिन पूर्णिमा तिथि दोपहर 1:30 पर प्रारंभ होगी दूसरे दिन शुक्रवार 18 मार्च 2022 को दोपहर 12:47 तक रहेगी। अतः इस अनुसार प्रदोष काल पूर्णिमा तिथि 17 मार्च 2022 गुरुवार को रहेगी। इसलिए होली (Holi) का त्यौहार 17 मार्च 2022 गुरुवार को ही माना जाएगा।
धुलण्डी (Dhulandi) का जो पर्व है वह 18 मार्च 2022 शुक्रवार (Festival Of Colours) को मनाया जाएगा। जबकि पूर्णिमा तिथि दोपहर बाद प्रारंभ होती है जैसा कि इस बार पूर्णिमा तिथि के प्रारंभ होने के साथ ही भद्राकाल भी प्रारंभ हो जाता है।
गुरुवार 17 मार्च 2022 को पूर्णिमा के साथ ही भद्राकाल भी दोपहर 1:30 से प्रारंभ होगा जो कि रात्रि 1:09 तक का रहेगा। शास्त्रों का मानना है कि भद्रा काल में होलिका दहन (Holika Dahan) नहीं होना चाहिए लेकिन शास्त्रों में धर्म सिंधु निर्णय सिंधु के अनुसार एक परिहार बताया गया है कि भद्रा काल में भद्रा का जो पुच: का समय है उस समय होलिका दहन (Holi dahan) किया जा सकता है। इस बार भद्रा का जो पुच: का समय है। वह रात्रि 9:02 से रात्रि 10:14 तक यह समय होलिका दहन का समय रहेगा।
पं. डॉ. राजेश्वर वशिष्ठ (चिनिया दास )
विश्व प्रसिद्ध भविष्य वक्ता
गोल्ड मेडलिस्ट वास्तु हस्तरेखा कुंडली फेस रीडर
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(Disclaimer: इस स्टोरी (लेख) में दी गई सूचनाएं सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित हैं। यह पाठ्य सामग्री आम धारणाओं और इंटरनेट पर मौजूद सामग्री के आधार पर लिखी गई है। thenewsworld24 .com इनकी पुष्टि नहीं करता है। इन तथ्यों को अमल में लाने से पहले संबधित विशेषज्ञ से संपर्क करें।)