निम्बार्क दर्शनशास्त्र में महाराजश्री को मिली पीएचडी की डिग्री, जनप्रतिनिधियों एवं समाजसेवियों ने किया सम्मान

प्रसिद्ध निम्बार्क पीठ मंदिर के महंत जुगलशरण महाराज द्वारा निम्बार्क दर्शनशास्त्र (Nimbark Philosophy) में पीएचडी की डिग्री प्राप्त करने पर जनप्रतिनिधियों एवं समाजसेवियों ने किया सम्मान।
प्रसिद्ध निम्बार्क पीठ मंदिर के महंत जुगलशरण महाराज द्वारा निम्बार्क दर्शनशास्त्र (Nimbark Philosophy) में पीएचडी की डिग्री प्राप्त करने पर जनप्रतिनिधियों एवं समाजसेवियों ने किया सम्मान।

जयपुर। राजधानी के रेनवाल कस्बे के बडे मंदिर के नाम प्रसिद्ध निम्बार्क पीठ मंदिर के महंत जुगलशरण महाराज ने निम्बार्क दर्शनशास्त्र (Nimbark Philosophy) में पीएचडी (PhD) की डिग्री प्राप्त की है। पीएचडी प्राप्त करने पर बडे मंदिर में महंत श्री का जनप्रतिनिधियों एवं समाजसेवियों ने किया सम्मान।

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प्रमुख समाजसेवी विद्याधरसिंह चौधरी, नगरपालिका अध्यक्ष (Chairman) अमित ओसवाल, उपाध्यक्ष छीतरमल परेवा, अधिशाषी अधिकारी सलीम खांन, समाजसेवी बैजनाथ सोनी, खुदरा किराना व्यापार मण्डल अध्यक्ष रामगोपाल जोगीदास सहित अनेक प्रबुद्धजनो ने महाराजश्री को माला और शाॅल ओढ़ाकर सम्मान करते हुए बधाई दी।

पंडित रविशंकर शर्मा ने बताया कि महाराजश्री ने जगद्गुरु रामानंदाचार्य संस्कृत विश्वविद्यालय (Jagadguru Ramanandacharya Sanskrit University), भांकरोटा-जयपुर के साहित्य विभाग (Literature Department) के सहायकाचार्य एवं विभागाध्यक्ष डाॅ.उमेशनेपाल के सानिध्य में निम्बार्क दर्शनशास्त्र (Nimbark Philosophy) में शोध करते हुये पीएचडी की डिग्री प्राप्त की। निम्बार्क दर्शनशास्त्र में पांच वर्षीय शोध अध्ययन करने पर महाराजश्री को विद्या वारिधि की उपाधि से सम्मानित किया जायेगा।

संस्कृत (Sanskrit) और संस्कृति (Culture) के प्रचार-प्रसार एवं धर्म के द्वारा समाज के सर्वागिंण विकास के लिए प्रेरित करते हुये राज्यपाल द्वारा अतिशीघ्र महाराजश्री को विद्या वारिधि उपाधि से भी सम्मानित किया जायेगा।

निम्बार्क दर्शनशास्त्र (Nimbark Philosophy) में पीएचडी की डिग्री प्राप्त करने पर महाराजश्री ने अपनी सफलता का श्रेय बडे मंदिर के पूर्व महंत स्व. हरिवल्लभदास महाराज को दिया। उन्होंने रेनवाल (Renwal) की आम जनता के अमूल्य सहयोग का भी आभार व्यक्त किया। बडे मंदिर के महंत जुगलशरण महाराज को शुरु से अध्ययन में रूचि रही है तथा धार्मिक एवं सामाजिक सम्मेलनो में धर्म और शिक्षा पर संबोधित करते हुये युवाओ को प्रेरित भी करते है।

व्याकरणाचार्य तथा दर्शानाचार्य के साथ एमफिल करते हुये महाराजश्री दर्शानाचार्य में गोल्ड मेडलिस्ट भी है । महाराजश्री का सम्मान करते हुये माहेश्वरी समाज के पूर्व अध्यक्ष रामजीदास जाखोटिया, युवा वार्ड पार्षद महेन्द्र सुल्तानिया, शंकर सोनी, पुखराज परेवा, भीवाराम सेपट, शरद तोतला, मुकेश रांवका, अमरचंद जोगीदास, रामगोपाल अग्रवाल सहित कई गणमान्य लोगों ने निम्बार्क दर्शनशास्त्र (Nimbark Philosophy) में पीएचडी की डिग्री प्राप्त करने पर शुभकामनाए दी और उनके उज्जवल भविष्य की कामना की। (विष्णु जाखोटिया की रिपोर्ट )

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