- शैक्षिक तकनीक मे परिवर्तन लाने में मील का पत्थर साबित होगा ऐप.
- संस्कृत अध्यापकों को ‘मोबाइल एप देववाणी’ के माध्यम से विद्यार्थियों के कल्याण का पुनित कार्य करना चाहिए.
- ‘देववाणी ऎप’ के द्वारा संस्कृत शिक्षा के विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण -कन्टेंट की पहुंच सुनिश्चित की जाएगी.
अध्यापक विद्यार्थियों के कल्याण का पुनित कार्य करें – संस्कृत शिक्षा राज्य मंत्री.
जयपुर । मंगलवार को संस्कृत शिक्षा राज्य शिक्षा मंत्री डॉ. सुभाष गर्ग ने शिक्षा संकुल में संस्कृत शिक्षा में सूचना एवं संचार तकनीकी के प्रयोग को बढ़ावा देने के लिए राजस्थान राज्य संस्कृत शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण संस्थान महापुरा जयपुर (एस.एस.आइर्.ई.आर.टी) महापुरा द्वारा तैयार ‘देववाणी मोबाइल ऎप’ का ई-लोकार्पण किया।
संस्कृत शिक्षा राज्य मंत्री डॉ. सुभाष गर्ग ने इस अवसर पर अपने सम्बोधन में कहा कि संस्कृत भाषा सबसे प्राचीन और देवताओं की भाषा है। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार देव मानव कल्याण का कार्य करते हैं उसी प्रकार संस्कृत अध्यापकों को ‘मोबाइल एप देववाणी’ के माध्यम से विद्यार्थियों के कल्याण का पुनित कार्य करना चाहिए।
संस्कृत शिक्षा राज्य मंत्री ने इस अवसर पर ‘देववाणी एप’ का निर्माण करने वाले प्रसिद्ध शिक्षक एवं एप गुरू मौहम्मद इमरान खान की प्रशंसा करते हुए कहा कि उनके जैसे अध्यापक का विभाग में होना गर्व की बात है।
उल्लेखनीय है कि इमरान खान ने इससे पूर्व 80 से भी अधिक शैक्षिक मोबाइल एप तैयार कर मुफ्त में शिक्षा जगत की सेवा में समर्पित किया है। इन एप का उपयोग पूरी दुनिया में 22 करोड़ लोग कर रहें है।
डॉ. गर्ग ने संस्कृत शिक्षा के क्षेत्र में किए गए इस नवाचार की प्रशंसा करते हुए अन्य नवाचारों को प्रोत्साहित करने की भी बात कही। शिक्षा के क्षेत्र में पूरे भारत वर्ष में यह नवनिर्मित एप एक अपनी तरह की उपलब्धि है। उन्होंने कहा कि संस्कृत शिक्षा राजस्थान के अन्तर्गत एस.एस.आई.ई.आर.टी द्वारा तैयार करवाया गया । यह एप शैक्षिक तकनीक मे परिवर्तन लाने में मील का पत्थर साबित होगा। ‘देववाणी एप’ ना केवल विभाग के छात्रों के लिए अपितु अध्यापकों के लिए भी अपने शिक्षण कौशल को बढ़ाने में सहायक सिद्व होगा।
संस्कृत शिक्षा राज्य मंत्री ने कहा कि इस ऎप का उद्देश्य संस्कृत शिक्षा में सूचना एवं संचार तकनीक के प्रयोग को बढ़ावा देना है। वहीं वर्तमान में कोरोना महामारी के कारण विद्यार्थियों के शिक्षण में हो रही क्षति की भरपाई के लिए तकनीक की सहायता लेना है।
उन्होंने कहा कि ‘देववाणी ऎप’ के द्वारा संस्कृत शिक्षा के विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण -कन्टेंट की पहुंच सुनिश्चित की जाएगी, जिससे विद्यार्थी जब चाहे जितना चाहे अध्ययन कर सकेगा। इस एप उद्देश्य संस्कृत शिक्षा में अध्ययनरत विद्यार्थियों को ई-लर्निग व एम-लर्निग के अवसर मुहैया कराना हैं।
डॉ. गर्ग ने बताया कि देववाणी ऎप में कक्षा, विषय और अध्याय के अनुसार -कंटेन्ट उपलब्ध कराया गया है तथा प्रत्येक अध्याय के साथ ऑनलाइन टेस्ट की सुविधा भी है। इस ऎप में सिंगल क्लिक गूगल साइन-इन कर विद्यार्थी और अध्यापक रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं। उन्होंने ऎप की विशेषताएं बताते हुए कहा कि देववाणी ऎप में विभागीय एवं शैक्षिक वेबसाइट के लिंक, स्वयं मूल्यांकन के लिए क्विज एवं रिव्यू तथा महत्वपूर्ण सूचनाओं के नोटिफिकेशन अलर्ट इत्यादि सुविधाओं के साथ सोशल मीडिया पर शेयर करने की सुविधा एवं ऑनलाइन शंका समाधान हेतु लर्निग फोरम भी उपलब्ध हैं।
‘मोबाइल देववाणी ऎप’ के ई-लोकार्पण के अवसर पर डॉ.समित शर्मा आयुक्त संस्कृत शिक्षा, एस.एस.आइर्.ई.आर.टी उपनिदेशक श्रीमती मनीषी लालस तथा शिक्षक और इस एप के निर्माता मौहम्द इमरान खान एवं हजारों की संख्या में शिक्षक व गणमान्य लोग ऑंनलाइन उपस्थित रहे।
आयुक्त संस्कृत शिक्षा राजस्थान डॉ़ समित शर्मा ने ‘देववाणी ऎप’ की विशेषताओं पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि संस्कृत शिक्षा विभाग के समस्त छात्रो एवं अध्यापकों द्वारा ‘एप’ पर रजिस्ट्रेशन के उपरान्त समस्त डेटा विभाग के पास उपलब्ध रहेगा। समय-समय पर अध्यापकों, छात्रो एवं अभिभावको से सुझाव लिए जाकर उनके आधार पर एप में संशोधन किये जाते रहेंगे। इस ‘देववाणी एप’ में कुुल 499 वीडियो/ई-कन्टेंट के रूप में उपलब्ध है जिससे संस्कृत शिक्षा के तकरीबन 25 हजार विद्यार्थी लाभान्वित होंगे। साथ ही यह ऎप संस्कृत विषय मे रूचि रखने वाले प्रतियोगी छात्रों के लिए भी रामबाण सिद्व होगा। ‘देववाणी एप’ संस्कृत साहित्य, संस्कृत वाड्मय, वेद, ज्योतिष शास्त्र, जैन दर्शन, व्याकरण शास्त्र, और धर्म शास्त्र विषय का समावेश है।
एस.एस.आई.ई.आर.टी उपनिदेशक श्रीमती मनीषी लालस ने समस्त आमन्त्रित अतिथियों का धन्यवाद ज्ञापित किया।