
जयपुर। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने विशाखापत्तनम (Visakhapatnam), आंध्र प्रदेश (Andhra Pradesh) में 10,500 करोड़ रुपये से अधिक कीमत की अनेक परियोजनाओं का शिलान्यास (Foundation Stone) किया और उन्हें राष्ट्र को समर्पित किया। प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन का आरंभ उस समय को याद करते हुए किया, जब विप्लव वीरुदू अल्लुरू सीतारामराजू की 125वीं जयंती के अवसर पर उन्हें आंध्रप्रदेश आने का अवसर मिला था। प्रधानमंत्री ने हर्ष व्यक्त किया कि परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास (Foundation Stone) आज किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इससे राज्य के विकास को और गति मिलेगी।
प्रधानमंत्री ने कहा कि विशाखापत्तनम कारोबार और व्यापार की अत्यंत समृद्धशाली परंपरा वाला अति विशिष्ट शहर है। उन्होंने कहा कि विशाखापत्तनम प्राचीन भारत का महत्वपूर्ण बंदरगाह होने के नाते हजारों साल पहले पश्चिम एशिया और रोम जाने वाले व्यापार मार्ग का हिस्सा रहा है।


प्रधानमंत्री ने कहा कि आज 10,500 करोड़ रुपये की कीमत वाली परियोजनाओं का लोकार्पण (Foundation Stone) हो रहा है और उनकी आधारशिला रखी जा रही है। ये परियोजनाएं अवसंचरना में नये आयाम जोड़कर, जीवन सुगमता और आत्मनिर्भर भारत के जरिये विशाखापत्तनम तथा आंध्रप्रदेश की उम्मीदों व आकांक्षाओं को पूरा करने का माध्यम बनेंगी। प्रधानमंत्री ने भारत के पूर्व उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडु का विशेष उल्लेख किया और कहा कि आंध्रप्रदेश के लिए उनका प्रेम और समर्पण अद्वितीय है।
प्रधानमंत्री ने कहा, “इस अमृतकाल में भारत विकसित देश बनने के उद्देश्य के साथ विकास-पथ पर तेजी से आगे बढ़ रहा है।” विकास-पथ को बहुआयामी बताते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि इसका पूरा ध्यान आम नागरिक की आवश्यकताओं व जरूरतों पर है तथा यह उन्नत अवसंरचना के लिए एक रोडमैप भी पेश करता है। उन्होंने समावेशी उन्नति के लिए सरकार की परिकल्पना को रेखांकित किया।
उन्होंने बताया कि सरकार ने अवसंरचना विकास के प्रति नई समझ अपनाई है, क्योंकि आपूर्ति श्रृंखला तथा लॉजिस्टिक्स बहुविध कनेक्टीविटी पर आश्रित होती है। इसके साथ ही विकास के प्रति एकीकृत नजरिया अपनाने की भी जरूरत होती है। आज की परियोजनाओं के मद्देनजर विकास के एकीकृत दृष्टिकोण का उदाहरण देते हुए प्रधानमंत्री ने प्रस्तावित आर्थिक कॉरिडोर परियोजना में छह-लेन के सड़क निर्माण, बंदरगाह को जोड़ने के लिये एक अलग सड़क, विशाखापत्तनम रेलवे स्टेशन के सुंदरीकरण तथा उत्कृष्ट मछली-बंदरगाह के निर्माण का उल्लेख किया।
उन्होंने कहा, “बहुविध यातायात प्रणाली हर शहर का भविष्य है और विशाखापत्तनम ने इस दिशा में कदम बढ़ा दिया है।” उन्होंने कहा कि आंध्रप्रदेश और उसका तटीय क्षेत्र नई गति और ऊर्जा के साथ विकास की दौड़ में आगे निकल जायेंगे। प्रधानमंत्री ने उल्लेख किया कि पीएलआई योजना, जीएसटी, आईबीसी और आसन्न राष्ट्रीय अवसंरचना के कारण भारत में निवेश बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि इसके साथ ही गरीबों के कल्याण के लिए चलाई जा रही योजनाओं का भी लगातार विस्तार हो रहा है।
उन्होंने कहा, “ब्लू इकोनॉमी पहली बार इतनी बड़ी प्राथमिकता बन गई है।” उन्होंने मछुआरों के लिये किसान क्रेडिट कार्ड और विशाखापत्तनम में आज शुरू होने वाले मछली-बंदरगाह के आधुनिकीकरण जैसे उपायों का भी उल्लेख किया।
प्रधानमंत्री ने उल्लेख किया कि सदियों से समुद्र भारत के लिए समृद्धि का स्रोत रहा है तथा हमारे समुद्री तट इस समृद्धि का प्रवेशद्वार रहे हैं। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि करोड़ों रुपये की कीमत वाली परियोजनाएं, जो देश के बंदरगाहों के विकास के लिए हैं, उनमें आज के बाद और विस्तार होगा।
अपने संबोधन का समापन करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, “21वीं सदी का भारत विकास के समग्र विचार को जमीन पर उतार रहा है।” उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि आंध्रप्रदेश देश के इस विकास अभियान में केंद्रीय भूमिका निभाता रहेगा।
इस अवसर पर आंध्रप्रदेश के मुख्यमंत्री वाईएसआर जगन रेड्डी, आंध्रप्रदेश के राज्यपाल बिस्व भूषण हरिचंदन, केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव, संसद सदस्य और आंध्रप्रदेश विधान परिषद के सदस्य भी उपस्थित थे।