जयपुर। बूंदी महोत्सव (Bundi Festival) के दूसरे दिन सुखमहल में सुरम्य प्राकृतिक छटा के बीच देशी-विदेशी पावणों की देशी व्यंजनों से मनुहार की गई। इस अवसर पर नगर परिषद सभापति मधु नुवाल, मुख्य कार्यकारी अधिकारी करतार सिंह, उपखण्ड अधिकारी सोहनलाल सहित जिला प्रशासन के अन्य अधिकारियों एवं गणमान्य नागरिकों ने मेहमानों की खातिरदारी करते हुए उन्हें हाड़ौती के पसंदीदा व्यंजन कत्त बाफले से सत्कार किया।
कार्यक्रम में पावणों को रोली अक्षत का टीका लगाकर, रक्षा सूत्रा और साफा बाध कर स्वागत किया गया। तिलक किया। वही विदेशी महिलाओं को चूड़िया पहना कर और हाथो में मेंहदी लगाई गई। विदेशी मेहमान इस मान मनुहार से बहुत अभिभूत नजर आए और इस आयोजन को सराहते रहे।
कार्यक्रम में लोक कलाकारों ने कच्छी घोड़ी नृत्य और अन्य नृत्य गीतों से समा बांधा दिया। साथ ही विदेशी सैलानी लोक कलाकारों के साथ थिरकते दिखे।
कुंभ स्टेडियम परिसर में आयोजित बूंदी उद्योग एवं हस्तशिल्प मेला परिसर में सजाया गए शिल्पग्राम में ग्रामीण अंचल की झलक दिखने को मिल रही है। इंटेक संयोजक राजकुमार दाधीच के निर्देशन में संस्कृति संस्था की महिला सदस्यों की ओर से तैयार किए गए शिल्पग्राम में मांडने, परिंडा, चूल्हा, चौकी, कुएं से पानी खींचते बैल, चॉक, भैरू जी व माता जी का थानक, लोक देवता, घांस भैरू आदि से सजा कर ठेठ ग्रामीण अंचल की झलक दी गई है। शिल्पग्राम मंच पर आगामी 20 नवंबर तक प्रतिदिन विविध कार्यक्रम आयोजित होंगे।
ऐतिहासिक 84 खंभों की छतरी पर आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रमों का शुभारंभ वीर कुंभा पर नाट्य मंचन से हुआ। यहां श्री भरतमुनि नाट्य मण्डल के कलाकारों ने वीर कुंभा के बलिदान और शौर्य का बेहतरीन नाट्य मंचन प्रस्तुत किया। कार्यक्रम में उदयपुर की हंजा देवी ने तेरहताली नृत्य की आकर्षक प्रस्तुति दी। वहीं पंजाब के रूपीन्द्र सिंह के भांगडा, जिंदा ने दर्शकों को जोश से भर दिया। बारां के छबडा के रूप सिंह दल ने पारंपरिक गीतों के साथ चकरी लोक नृत्य की शानदार प्रस्तुति दी।
जम्मू कश्मीर के मुश्ताक अहमद शाह के धमाल और हरियाणा के नरेश कुमार द्वारा प्रस्तुत घूमर-फाग ने दर्शकों की खूब तालिया बटोरी। हिमाचल प्रदेश के उत्तम नरूला ने घोडी नाट्य के माध्यम से अपनी कला का प्रदर्शन किया। वहीं बाडमेर के गोत्तम परमार ने कालबेलिया नृत्य की शानदार प्रस्तुति दी।