Hariyali Teej 2021: जाने हरियाली तीज के बारे में सब कुछ; कब का है मुहूर्त और कैसे मानते है?

हिन्दू पंचांग के अनुसार, हर वर्ष हरियाली तीज (Hariyali Teej) सावन माह में शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि के दिन मनाई जाती है।
हिन्दू पंचांग के अनुसार, हर वर्ष हरियाली तीज (Hariyali Teej) सावन माह में शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि के दिन मनाई जाती है।(File Photos)

हर‍ियाली तीज (Hariyali Teej) हिन्दू धर्म (Hindu religion) का प्रमुख पावन पर्व है। राजस्थान में यह यह पर्व (Festival) बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। धरती माँ जब हरी चादर ओढ़ लेती है यानी क‍ि हर तरफ हर‍ियाली ही हर‍ियाली होती है तब हर‍ियाली तीज (Hariyali Teej) का पर्व मनाया जाता है। हर‍ियाली तीज को कजरी तीज के नाम से भी जाना जाता है। हरियाली तीज का त्योहार मुख्य रूप से उत्तर भारत के राज्यों में बड़े ही धूम धाम के साथ मनाई जाती है। हिन्दू पंचांग (Hindu Calendar) के अनुसार, हर वर्ष हरियाली तीज सावन माह (Sawan Month) में शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि के दिन मनाई जाती है।

हरियाली तीज 2021 (Hariyali Teej 2021) पूजन के शुभ मुहूर्त-

हरियाली तीज (Hariyali Teej) महिलाओं का प्रमुख पर्व है। सुहागन स्त्रियों के लिए हरियाली तीज का व्रत हिन्दू धर्म में बहुत महत्त्व रखता है। इस बार हर‍ियाली तीज 11 अगस्‍त बुधवार को पड़ रही है। सावन मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि 10 अगस्त, 2021 को मंगलवार की शाम 06:05 बजे प्रारम्भ व 11 अगस्त, 2021 बुधवार को शाम 04:53 बजे समाप्त हो जायेगी।

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हरियाली तीज के दिन सुहागिन स्त्रियां व्रत रखती हैं। हाथों में मेहंदी, नई चूड़ियां और नए वस्त्र पहनकर सुहाग‍िनें एकत्रित होकर किसी बाग या मंदिर में जाकर मां पार्वती की प्रतिमा को रेशमी वस्त्र और गहनों से सजाती हैं। सुहागिन महिलाएं श्रृंगार कर दिनभर व्रत रखते हुए भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा-आराधना और जाप करती हैं और अपने पति की लंबी उम्र व परिवार की सुख-समृद्धि की कामना करती है।

पूजा व कथा सुनने के बाद बुजुर्ग महिलाओं के पैर छू कर आशीर्वाद लिया जाता है। मान्यता है कि सावन महीने में भगवान शिव ने देवी पार्वती की तपस्या से प्रसन्न होकर उन्हें पत्नी रूप में स्वीकार करने का वर दिया था। मान्यता है कि इस दिन भगवान शिव (Lord Shiva) व माता पार्वती की पूजा करने एवं व्रत रखने से अखंड सौभाग्य का वर मिलता है।

हरियाली तीज (Hariyali Teej) पर राजस्थान में डलते है झूले-

हरियाली तीज पर राजस्थान में झूले (Swing) लगते हैं और मेलों (Fair) का आयोजन होता है। सावन मास में पेड़ों पर डाले गये झूलों पर झूलने का मजा ही कुछ ओर है। इस मौके पर महिलाएं झूला झूलती हैं, सावन के मधुर लोकगीत (Folk Song) गाती हैं और खुशियां मनाती हैं। वैसे हरियाली तीज मनाने के तरीके सब जगहों पर अलग अलग है।

इस दिन नव विवाहित महिलाओं के पीहर में उनके ससुराल से बड़े बुजुर्ग सिंजारा (Sinjara) लाते है। सिंजारे में उनके लिए घेवर(Ghevar), मिठाईया व लहरिया (Lehariya) आदि लाते है। सावन मास में महिलाएं रंग बिरंगे लहरिए ओढ़ना ज्यादा पसंद करती है ख़ास कर जयपुर में। वैसे आजकल सावन में लहरिया ओढ़ने का प्रचलन पूरे राज्य में हो गया है।

दो दिन तक निकलती है हरियाली तीज (Hariyali Teej) की सवारी-

हरियाली तीज (Hariyali Teej) पर अधिकांश शहरों में गाजे बाजों के साथ तीज की सवारी (Teej Ki Swari) भी निकाली जाती है। तीज की शोभायात्रा में लोक कलाकारों द्वारा करतब दिखाए जाते है। तीज की शोभायात्रा (Procession) में लोक कलाकारों द्वारा लोक नृत्यों (Folk Dances) का प्रदर्शन भी किया जाता है । जयपुर में तीज की सवारी सिटी पैलेस (City Palace) से निकलती है जिसे देखने देश विदेश से लोग आते है। राजा महाराजाओं के काल से चली आ रही परम्परा आज भी जारी है। शोभायात्रा में शहर के गणमान्य व्यक्ति भी शामिल होते है। तीज की सवारी दो दिन तक लगातार निकलती है।

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