
सीकर (Sikar) जिले के श्रीमाधोपुर (Shrimadhopur) तहसील के गाँव झाड़ली की रहने वाली गोल्डमेडलिस्ट (gold medalist) उर्मिला कुमावत के लिए सोशल मीडिया (Social Media) पर चलाई गई मुहिम रंग ला रही है। अब लोगों ने उनकी आर्थिक मदद के लिए हाथ बढ़ाया है।
गाँव झाड़ली की रहने वाली गोल्डमेडलिस्ट उर्मिला कुमावत (gold medalist Urmila Kumawat) ने कबड्डी में कई गोल्ड मैडल लेकर अपने परिवार का ही नहीं बल्कि अपने गाँव , जिले व राज्य का भी नाम रोशन किया है। गोल्ड मेडलिस्ट कबड्डी खिलाड़ी उर्मिला कुमावत (Urmila Kumawat) को प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए गोवा जाना है लेकिन परिवार के आर्थिक हालातो के चलते उर्मिला कुमावत प्रतियोगिता में भाग नहीं लेने को मजबूर है।


जब इस बात का पता पंचायत समिति सदस्य प्रतिनिधि प्रदीप सिंह रामपुरा को चला तो वे उनके परिवार से मिले और सोशल मीडिया पर मदद की मुहिम चलाई। पंचायत समिति सदस्य प्रतिनिधि प्रदीप सिंह रामपुरा द्वारा सोशल मीडिया पर चलाई मुहिम रंग लाने लगी। सोशल मीडिया पर मदद की मुहिम पर झाड़ली से भामाशाह युवा नेता नरपत सिंह झाड़ली ओर समाजसेवी सुरेन्द्र कुमावत उर्फ सिकू ने मदद के लिए हाथ बढ़ाया।
दोनों ने छात्रा खिलाड़ी उर्मिला कुमावत के घर पर जाकर 5100 रुपए की मदद की और आगे भी मदद करने का आश्वासन दिया। छात्रा खिलाड़ी कबड्डी में कई गोल्ड मेडल हासिल कर चुकी है। उर्मिला सूरजगढ़, नेपाल, गोगामेड़ी, आगरा में भी गोल्ड मेडल जीत चुकी है। अब अगले माह गोवा में प्रतियोगिता होने वाली है। इसके बाद मथुरा में होने वाले प्रतियोगिता में भाग लेने वाली है लेकिन आर्थिक तंगी की वजह से आगे नहीं बढ़ पा रही है।
उर्मिला निजी महाविद्यालय में सेकंड वर्ष की छात्रा है। उर्मिला कुमावत के पिताजी मोहनलाल कुमावत व माताजी दोनों मजदूरी करके अपने परिवार का पालन पोषण करते है। उर्मिला के चार बहन ओर दो भाई है।
उर्मिला ने जीते है अब तक कई मेडल
रामपुरा झाड़ली की उर्मिला ने कराटै ओर कबड्ड़ी में राष्ट्रीय (national) और अन्तर्राष्ट्रीय (international) स्पर्धा में कई मेडल (medal) जीते है। उन्होंने अप्रैल माह में नेपाल में संपन्न हुई ओपन कबड्ड़ी (Kabaddi) और कराटे में गोल्ड मेडल हासिल किया था। वहीं मार्च 2020 में भी आगरा में हुई राष्ट्रीय स्तरीय ओपन प्रतियोगिता में गोल्ड मेडल जीता था। इसके अलावा स्कूल स्तर पर भी कई मेडल जीत चुकी है।
उर्मिला कुमावत की ही तरह न जाने कितनी ही प्रतिभाएं आर्थिक तंगी के कारण अपने हौसलों को उड़ान नहीं दे पाती होगी। जरूरत है हमें ऐसी प्रतिभाओ के लिए मदद के लिए आगे आने की।