- हाथरस (Hathras) घटना पर विरोध प्रदर्शन के साथ श्रद्धांजलि सभा हुई आयोजित.
- संविधान द्वारा प्रदत्त गरिमा पूर्ण अंतिम संस्कार के अधिकार का पूरी तरह उल्लंघन हुआ.
- प्रशासन द्वारा ही किया गया घृणित कृत्य.
जयपुर। उत्तर प्रदेश के हाथरस (Hathras) में दलित परिवार की बालिका के साथ सामूहिक दुराचार की घटना के उपरांत हुई मौत एवं उसके पश्चात प्रशासन द्वारा उसके शव को परिवार जनों की सहमति के बिना अमानवीय तरीके से अंतिम संस्कार किए जाने की घटना के विरोध में राजस्थान विश्वविद्यालय (Rajasthan University) के शिक्षकों द्वारा विश्वविद्यालय द्वार पर साथ में तख्तियां लेकर विरोध प्रदर्शन किया तथा श्रद्धांजलि सभा का आयोजन के रखा ।
घटना पर विरोध प्रदर्शित करते हुए शिक्षकों ने बताया कि सामूहिक दुष्कर्म की शिकार बालिका के शव के साथ जिस प्रकार का अमानवीय व्यवहार उत्तर प्रदेश प्रशासन द्वारा किया गया व न केवल देश के लिए शर्मनाक है बल्कि संविधान द्वारा प्रदत्त गरिमा पूर्ण अंतिम संस्कार के अधिकार का पूरी तरह उल्लंघन है। यह मामला तब बहुत गंभीर मामला हो जाता है जब प्रशासन द्वारा ही इस प्रकार का घृणित कृत्य किया जाता है।
जिसकी राजस्थान विश्वविद्यालय (Rajasthan University) का पूरा शिक्षक समुदाय कड़े शब्दों में निंदा करता है। हाथरस (Hathras) में जिस प्रकार से मीडिया को पीड़ित परिवार से मिलने से रोका जा रहा है वह निश्चित ही सरकारों की तानाशाही प्रवृत्ति एवं असंवेदनशीलता को प्रदर्शित करता है।
हाथरस (Hathras) घटना पर प्रशासन पीड़ित परिवार को ही दंडित करने पर तुला हुआ है:
लोक प्रशासन विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. ओम महिला ने बताया कि उत्तर प्रदेश प्रशासन के रवैए से ऐसा प्रतीत होता है कि प्रशासन पीड़ित परिवार को ही दंडित करने पर तुला हुआ है। आज तक अपराधियों का नार्को टेस्ट होते हुए देखा है लेकिन यहां उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा पीड़ित परिवार का नार्को टेस्ट का आदेश देना एक प्रकार से पीड़ित परिवार को डराकर चुप कराने की धमकी हैं। जिसकी विश्वविद्यालय का शिक्षक समुदाय कठोर शब्दों में निंदा करता है।
इस विरोध प्रदर्शन एवं श्रद्धांजलि सभा में सी बी यादव, डॉ मनीष सिंह सिनसिनवार, डॉ. जगदीश गिरी, डॉ. आई. यू. खान, डॉ. आनुभव वासनिक, डॉ. विशाल विक्रम, डॉ. डी. सुधीर, डॉ. संजीव चौधरी, डॉ. संदीप मील, डॉ. मनीष गोठवाल सहित कई शिक्षकों ने भाग लिया। यह जानकारी राजस्थान विश्वविद्यालय (Rajasthan University) के लोक प्रशासन विभाग के सहायक प्रोफेसर सी.बी.यादव ने दी।