पुलिस इस भावना के साथ काम करे की पीड़ित पक्ष को हर हाल में मिले न्याय:- C M Gehlot

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने  वी सी के माध्यम से करीब 34 करोड़ रूपए की लागत से तैयार 15 पुलिस (Police) थानों के नवीन भवन के लोकार्पण तथा नवसृजित 9 पुलिस थानों का शुभारम्भ किया।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने वी सी के माध्यम से करीब 34 करोड़ रूपए की लागत से तैयार 15 पुलिस (Police) थानों के नवीन भवन के लोकार्पण तथा नवसृजित 9 पुलिस थानों का शुभारम्भ किया।


जयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बुधवार को मुख्यमंत्री निवास से वी सी के माध्यम से करीब 34 करोड़ रूपए की लागत से तैयार 15 पुलिस (Police) थानों के नवीन भवन के लोकार्पण तथा नवसृजित 9 पुलिस थानों के शुभारम्भ समारोह को संबोधित किया। उन्होंने कहा है कि पुलिस इस भावना के साथ काम करे कि हर हाल में पीड़ित पक्ष को न्याय मिले। उन्होंने जयपुर, झुंझुनूं, टोंक, हनुमानगढ़, पाली, चित्तौड़गढ़ और राजसमन्द में एक-एक, उदयपुर में 2 और भीलवाड़ा एवं नागौर में 3-3 पुलिस थानों के नए भवन का लोकार्पण तथा जयपुर पूर्व और डूंगरपुर में 2-2, चूरू, हनुमानगढ़, उदयपुर, अलवर और चित्तौड़गढ़ में एक-एक नए थाने का शुभारंभ किया।

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Chief Minister Ashok Gehlot) ने कहा कि विगत ढाई वर्ष में अनिवार्य एफआईआर पंजीयन, थानों में स्वागत कक्ष, महिला अपराध पर लगाम के लिए स्पेशल इनवेस्टीगेशन यूनिट सहित कई महत्वपूर्ण नीतिगत फैसले लेने के साथ ही पुलिस को आधुनिक संसाधन उपलब्ध कराए गए हैं।


गहलोत ने कहा कि राजस्थान (Rajasthan) ऎसा पहला राज्य है, जिसने अनिवार्य एफआईआर रजिस्ट्रेशन की नीति लागू की। इससे न्यायालयों में इस्तगासों में कमी आई है। बलात्कार के प्रकरणों में वर्ष 2017-18 में करीब 33 प्रतिशत महिलाओं को एफआईआर के लिए कोर्ट जाना पड़ता था। अब यह आंकड़ा घटकर 16 प्रतिशत रह गया है। उन्होंने कहा कि महिला दुराचार के प्रकरणों की जांच में लगने वाला औसत समय भी प्रदेश में 287 दिनों से घटकर 140 दिन रह गया है।

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मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य और जिला स्तर पर गंभीर एवं जघन्य अपराधों के अनुसंधान के लिए हीनियस क्राइम मॉनिटरिंग यूनिट स्थापित की गई है। नई सोच के साथ पुलिस थानों के प्रशासनिक भवनों का क्षेत्रफल बढ़ाया जा रहा है। साथ ही, थानों में सीसीटीएनएस कक्ष, साइबर कक्ष, पुलिस अनुसंधान कक्ष, महिला बैरक, रेस्ट रूम, स्वागत कक्ष आदि का निर्माण किया जा रहा है। पुलिस (Police) प्रोफेशनलिज्म के साथ काम करते हुए झूठे मामले दर्ज करवाने की प्रवृत्ति को हतोत्साहित करे और पीड़ित को न्याय दिलाना सुनिश्चित करे।


मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर नवनिर्मित पुलिस (Police) थानों-हनुमानगढ़ सदर, जहाजपुर (भीलवाड़ा) तथा महिला पुलिस थाना (Mahila Police Station) (नागौर) में उपस्थित जनप्रतिनिधियों, पुलिस अधिकारियों-कार्मिकों, ग्राम रक्षक, सुरक्षा सखी, सीएलजी मेंबर आदि से संवाद भी किया। पुलिस अधिकारी एवं कार्मिक राज्य सरकार की मंशा के अनुरूप इन स्वागत कक्षों में फरियादियों की प्रभावी सुनवाई सुनिश्चित करें।


मुख्य सचिव (Chief Secretary) निरंजन आर्य ने कहा कि वाहनों एवं अन्य इन्फ्रास्ट्रक्चर के लिए पुलिस (Police) को आवश्यक वित्तीय संसाधन उपलब्ध कराए गए हैं। इसका पुलिस (Police) की कार्यशैली पर सकारात्मक असर भी देखने को मिला है। पुलिस महानिदेशक (Director General of police) एमएल लाठर ने स्वागत उद्बोधन देते हुए कहा कि करीब 454 पुलिस थानों में स्वागत कक्ष का निर्माण हो चुका है और शेष में कार्य प्रगति पर है।


प्रमुख शासन सचिव गृह अभय कुमार ने कहा कि कानून-व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए प्रदेश में विगत ढाई वर्ष में एक पुलिस (Police) जिला, 2 अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक कार्यालय, 21 थानों, 2 साइबर थानों, 32 चौकियों, 2 एटीएस की चौकियों, माफियाओं पर कार्रवाई के लिए एसओजी की 2 फील्ड यूनिट एवं एक एंटी नार्कोटिक इकाई का गठन किया गया है। साथ ही, 2422 हैड कांस्टेबल और कांस्टेबल को माइनर अनुसंधान के अधिकार दिए गए हैं।


इस अवसर पर संबंधित जिलों के विधायकगण, अन्य जनप्रतिनिधि, अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक हाउसिंग ए पोन्नूचामी, पुलिस आयुक्त, पुलिस महानिरीक्षक, पुलिस अधीक्षक, सीएलजी मेंबर, ग्राम रक्षक, सुरक्षा सखी सहित अन्य अधिकारी एवं आमजन उपस्थित रहे।

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