महाराणा प्रताप का जन्मोत्सव: हिंदू रक्षक दल द्वारा मनाया गया महाराणा प्रताप का जन्मोत्सव, महाराणा प्रताप के चित्र पर अर्पित किए पुष्प

हिंदू रक्षक दल चौमूं द्वारा विभिन्न जगहों पर मेन चौपड़ में महाराणा प्रताप का जन्मोत्सव (The Birth Anniversary of Maharana Pratap) हर्षोल्लास से मनाया गया।
हिंदू रक्षक दल चौमूं द्वारा विभिन्न जगहों पर मेन चौपड़ में महाराणा प्रताप का जन्मोत्सव (The Birth Anniversary of Maharana Pratap) हर्षोल्लास से मनाया गया।

जयपुर। आज हिंदू रक्षक दल (Hindu Rakshak Dal) चौमूं द्वारा विभिन्न जगहों पर मेन चौपड़ और गुरुकृपा क्लासेज में महाराणा प्रताप का जन्मोत्सव (The Birth Anniversary of Maharana Pratap) हर्षोल्लास से मनाया गया। इस अवसर पर महाराणा प्रताप (Maharana Pratap) के चित्र पर फूलों की माला पहनाकर व पुष्प अर्पित करते हुए उनके जीवन पर प्रकाश डाला गया।

हिंदू रक्षक दल के राजेश गोरा ने बताया कि महाराणा प्रताप की जयंती (The Birth Anniversary of Maharana Pratap) विक्रमी संवत् कैलेंडर के अनुसार प्रतिवर्ष ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष तृतीया को मनाई जाती है,महाराणा प्रताप का जन्म राजस्थान के कुंभलगढ़ हुआ, महाराणा प्रताप का जन्म (Maharana Pratap’s Birth Anniversary) महाराजा उदयसिंह एवं माता राणी जीवत कंवर के घर ई.स. 1540 में हुआ था। महाराणा प्रताप को बचपन में कीका के नाम से पुकारा जाता था। महाराणा प्रताप का राज्याभिषेक गोगुंदा में हुआ था।

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सन् 1576 के हल्दीघाटी युद्ध (Battle of Haldighati) में करीब बीस हजार राजपूतों को साथ लेकर महाराणा प्रताप ने मुगल सरदार राजा मानसिंह के अस्सी हजार की सेना का सामना किया। महाराणा प्रताप के पास एक सबसे प्रिय घोड़ा था, जिसका नाम ‘चेतक’ था।

इस युद्ध में अश्व चेतक की भी मृत्यु हुई। शत्रु सेना से घिर चुके महाराणा प्रताप को शक्ति सिंह ने बचाया। यह युद्ध केवल एक दिन चला परंतु इसमें सत्रह हजार लोग मारे गए। मेवाड़ को जीतने के लिए अकबर ने भी सभी प्रयास किए। महाराणा प्रताप ने भी अकबर की अधीनता को स्वीकार नहीं किया था।

उन्होंने कई वर्षों तक मुगल सम्राट अकबर के साथ संघर्ष किया। मेवाड़ की शौर्य-भूमि धन्य है जहां वीरता और दृढ प्रण वाले प्रताप का जन्म हुआ। मेवाड़ की धरती को मुगलों के आतंक से बचाने वाले ऐसे वीर सम्राट, शूरवीर, राष्ट्रगौरव, पराक्रमी, साहसी, राष्ट्रभक्त जिन्होंने इतिहास में अपना नाम अजर-अमर कर दिया।

उन्होंने धर्म एवं स्वाधीनता के लिए अपना बलिदान दिया। ऐसे शूरवीर को की जीवनी सभी युवाओं को अपने जीवन में उतारने का संकल्प लिया।

इस मौके पर सुरेश गोदारा, कानाराम निठारवाल, समीर चौधरी, राहुल घोसल्या, राहुल योगी, शंकर गोरा, पार्षद कन्हैया लाल गोयल, हरिनारायण सैनी, नितिन सेन राहुल दुन, उग्र प्रताप सिंह, सोहन जीतरवाल, विकास रणकटिया, सुनील गोरा, तेजपाल बराला आदि हिंदू रक्षक दल के कार्यकर्ताओं द्वारा हर्षोल्लास से जन्म महाराणा प्रताप का जन्मोत्सव (The Birth Anniversary of Maharana Pratap) मनाया गया।

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