Bhartiya Kisan Sangh के प्रतिनिधियों ने 6 मांगों को लेकर मंडी सचिव को सौंपा ज्ञापन

Representatives of Bhartiya Kisan Sangh submitted memorandum to the KUMS secretary regarding 6 demands
Representatives of Bhartiya Kisan Sangh submitted memorandum to the KUMS secretary regarding 6 demands

चौमूं । भारतीय किसान संघ (Bhartiya Kisan Sangh) के प्रतिनिधि मंडल ने गुरुवार को कृषि उपज मंडी का औचक निरीक्षण किया। भारतीय किसान संघ (Bhartiya Kisan Sangh) प्रतिनिधि लोकेश पारीक ने बताया कि मंडी में किसानों के प्लेटफार्म पर व्यापारियों ने कब्जा कर रखा था। तुलाई देखी गई तो कमतौल लिखना पाया गया ,एक बोरी पर चार सौ ग्राम कमतौल लिख रहे थे।

मौके पर मंडी सचिव अमर चंद सैनी को बुलाया गया। बाद में कॉन्फ्रेंस हॉल में व्यापारियों, मंडी मंडी सचिव, मंडी कर्मचारीयों व भारतीय किसान संघ (Bhartiya Kisan Sangh) के प्रतिनिधि लोकेश पारीक व हरफूल बिजारणिया के मध्य वार्ता हुई । वार्ता के बाद भारतीय किसान संघ (Bhartiya Kisan Sangh) के प्रतिनिधियों ने किसानों की 6 मांगों को लेकर कृषि मंडी सचिव अमर चंद सैनी को ज्ञापन दिया।

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ये थी मांगे:-

  1. कृषक द्वारा लाये गये जिन्स में अक्षर यह देखा गया हैं कि खुली निकासी कुछ व्यापारी पुल बनाकर निलामी में भाग लेते हैं। इस कारण से किसान को कम से कम दो सौ से तीन सौ तक प्रति क्वी. की हानि हैं अतः यह सुनिश्चित किया जाये की एक ढेरी में एक ही क्रेता का माल तुले व एक ही बारदाना में तुले।
  2. अक्षर मंडी नियमानुसार कृषि जिन्सो की तुलाई पर बारदाना के पिछे बारदाना लगाकर तोलने का प्रावधान था लेकिन इलेक्ट्रोनिक कांटे के द्वारा माल की तुलाई की जाती इसमें यह संभव नही हैं लेकिन मंडी यार्ड में भारतीय किसान संघ (Bhartiya Kisan Sangh) पदाधिकारी द्वारा ओचक निरिक्षण किया गया तो उसमें यह पाया जूट के बारदाने को औसतन 1 कि.ग्रा. का मानकर 200 से 250 ग्राम ज्यादा लिया जा रहा हैं। जबकि जूट बारदाना 700 से 900 ग्राम पाया गया व प्लास्टिक का 200 ग्राम का कट्टा पाया गया। इस विषय में व्यापार मण्डल चौमूं से बातचीत की तो बताया गया की मण्डी में बारदाना के आलावा 100 ग्राम अधिक देने का प्रावधान हैं। अतः आप सुनिश्चित करे की बारदाने के वजन के अनुसार ही तुलाई हो।
  3. चौमूं मंडी प्रांगण में जो प्लेट फार्म बने हुये हैं उन प्लेट फार्म पर गाडी चढने के लिये रेम्प नही बने हुये हैं इस कारण किसान को मजबूरीवश सडक पर माल उतारना पडता हैं। जिससे बरसात से व आने-जाने वाले वाहनो से किसान के माल का काफी नुकसान होता हैं, अतः अविलम्ब प्लेट फार्म आगे वाली प्लेटी को तोडकर रेम्प बनवाये जायें । इस कारण से प्लेट फार्म का उपयोग व्यापारी करते हैं। कई बार नोटिस के बाद भी व्यापारी प्लेट फार्म पर कब्जा कर रखे हैं। प्लेट फार्म हमेशा 24 घंटे 365 दिन किसानो के लिये खाली रहने चाहीए।
  4. मण्डी में हर दुकान के आगे पर्याप्त जगह हैं लेकिन व्यापारी जानबूझकर अपने स्वार्थ के लिये मैन रास्ते पर किसान का माल उतरवाते हैं। इस वजह से किसान का माल खराब होता हैं, अतः जाम की स्थिति हो जाती हैं । अतः हमारी मांग हैं कि सभी व्यापारी कृषि जिन्स अपनी दुकान के आगे या अपने गोदाम के आगे उतरवाने व उन्ही जिन्सो की बोली लगे । रोड पर रखे माल की बोली न लगे।
  5. मण्डी गेट में घुसते ही कुछ लपके टाईप के व्यक्ति गेट पर सक्रिय रहते हैं जो कि आने वाले किसान को देख लेते हैं व ड्राईवर को प्रलोभन देकर अपनी दुकान पर ले जाते हैं, अतः ऐसे व्यक्तियों की पहचान कर गिरफ्तार किया जाये व फर्म व लपको के विरूध कड़ी से कड़ी कार्यवाही की जाये।
  6. मण्डी व्यापारियों द्वारा सफाई कर्मी रखे जाते हैं जो कि किसानो की जिन्स की भराई तुलाई में सहायता करते हैं लेकिन उन्हे किसानो के माल में से ओसतन 20 बोरियों पर 2.5 से 3 कि.ग्राम माल दिया जाता हैं जो कि पूर्ण रूप से गलत हैं, अतः इस व्यवस्था को तुरन्त बन्द किया जाये।

आपको बता दें कि मंडी में वर्तमान में 5 हजार बोरी मूंगफली सीजन में लगभग 20 हजार के करीब की आवक रहती है। मंडी में वर्तमान में तीन कृषक प्लेटफार्म बने हुए हैं और 113 दुकाने वर्तमान में सुचारू रूप से चालू है । चौमूं अनाज मंडी में आसपास के सभी जिलों से कृषि जिंसों की आवक रहती है।

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