दलित परिवार के लिए मददगार बनी खाकी: पुलिसकर्मियों ने दलित परिवार की मदद के लिए बढ़ाए हाथ; सामाजिक समरसता की यह मिसाल खूब बटोर रही है सुर्खियां!

गोविंदगढ़ थाना के अधीन पुलिस चौकी हस्तेडा के पुलिसकर्मी (Policemen) बिन बाप की दोनों दलित बेटियों के लिए मददगार बने।
गोविंदगढ़ थाना के अधीन पुलिस चौकी हस्तेडा के पुलिसकर्मी (Policemen) बिन बाप की दोनों दलित बेटियों के लिए मददगार बने।

जयपुर। खाकी (Policemen) अपराधियों के लिए कठोर है तो बेबस के लिए मददगार भी है। इसका एक उदाहरण चौमूं उपखण्ड के ग्राम मंडा भिंडा में देखने को मिला। जहां खाकी ने एक दलित परिवार (Dalit Family) की मदद के लिए अपना हाथ बढ़ाया।

दरअसल दो बेटियों का पिता कालूराम हरिजन मंडा भिंडा की अस्थाई पुलिस चौकी (Police Post) पर सफाई कर्मचारी के पद पर कार्यरत था जिसकी बिमारी के चलते मौत हो गई। इसके बाद परिवार की आर्थिक स्थिति भी खराब हो गई। ऐसी स्थिति में दोनों बेटियों की शादी में गोविंदगढ़ थाना के अधीन पुलिस चौकी हस्तेडा के पुलिसकर्मी (Policemen) बिन बाप की दोनों दलित बेटियों के लिए मददगार बने।

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चौकी प्रभारी रतनलाल यादव, पुलिसकर्मी (Policemen) राजकुमार यादव, दिनेश कुमार यादव, रामकरण गुर्जर, इंदरजीत यादव, महेंद्र चौधरी एवं रीको के रामकिशोर जाट ने दोनों बेटियों की शादी में 21 हजार रुपए, चांदी की दो अँगूठिया और कपड़े भेंट किए।

यही नहीं दोनों बेटियों को निसंकोच घोड़ी पर बैठाया और सामाजिक रीति रिवाजों के अनुसार शादी समारोह आयोजित करवाया। दलित परिवार की दोनों बेटियों नीतू व काजल की शादी दांतारामगढ़ गांव के गौरव व युवराज के साथ सम्पन्न हुई है।

खाकी (Policemen) की सामाजिक समरसता की यह मिसाल गाँव में ही नहीं बल्कि आस पास के कई गाँवों में खूब सुर्खियां बटोर रही है।

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