25 लाख रूपये की ठगी: पुलिस ने आरोपी को ऋषिकेश से किया गिरफ्तार, फर्जी कम्पनी बनाकर ग्रामीणों को झांसा देकर की थी ठगी

चंदवाजी थाना पुलिस (Police) ने ग्राम अचरोल में फर्जी कंपनी बनाकर 25 लाख रूपये की ठगी कर फरार हुए अभियुक्त को गिरफ्तार किया है।
चंदवाजी थाना पुलिस (Police) ने ग्राम अचरोल में फर्जी कंपनी बनाकर 25 लाख रूपये की ठगी कर फरार हुए अभियुक्त को गिरफ्तार किया है।

जयपुर। जयपुर ग्रामीण पुलिस (Jaipur Rural Police) के चंदवाजी थाना पुलिस (Chandwaji Police Station) ने ग्राम अचरोल में फर्जी कंपनी बनाकर 25 लाख रूपये की ठगी (Cheating) कर फरार हुए अभियुक्त को गिरफ्तार किया है। पुलिस (Police) ने बताया कि आरोपी तीन माह से फरार चल रहा था। पुलिस ने आरोपी को तपोवन, ऋषिकेश ( उत्तराखण्ड ) से गिरफ्तार किया है। पुलिस की अग्रिम पूछताछ जारी है।

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जिला पुलिस अधीक्षक (District Superintendent of Police) जयपुर ग्रामीण शंकर दत्त शर्मा ने बताया कि दिनांक 29.07.21 को जयसिंह नगर थाना चन्दवाजी निवासी पीड़ित गिरधारी लाल ने एक रिपोर्ट दर्ज करवायी कि सत्येन्द्र शाह नाम के व्यक्ति ने विंग्स टू लाईफ कम्पनी का निदेशक बताकर आवासीय योजना में सब्सिडी दिलाने, गाँवों में पानी के टैंकर की व्यवस्था करवाने तथा ई-रिक्शा दिलवाने का झांसा देकर रजिस्ट्रेशन के नाम से चन्दवाजी, अचरोल व आस-पास के गरीब ग्रामीणजनों से कम्पनी के खाते में करीब 25 लाख रूपये जमा करवाकर गबन कर अचानक फरार हो गया। इस पर मुकदमा दर्ज कर अनुसंधान शुरू किया गया।

उन्होंने बताया कि प्रकरण दर्ज कर चन्दवाजी थानाधिकारी जितेन्द्र गंगवानी के नेतृत्व में एक टीम गठित की गई। जिस पर टीम ने मुखबिरों एवं साईबर तकनीकी का प्रयोग कर फरार अभियुक्त सत्येन्द्र शाह निवासी वजीरपुर अशोक विहार दिल्ली स्थायी पता बुलन्दशहर उत्तरप्रदेश की तलाश कर तपोवन, ऋषिकेश ( उत्तराखण्ड ) से गिरफ्तार किया। पुलिस (Police) टीम तीन दिन से अभियुक्त के घर के बाहर निगरानी कर रही थी।

जैसे ही अभियुक्त शुक्रवार की सुबह घर से बाहर आया तो पुलिस टीम (Police Team) ने उसे दबोच लिया। अभियुक्त ऋषिकेश तपोवन में किराये का मकान लेकर परिवार सहित निवास कर रहा था। वह अपने पुत्र के नाम से तपोवन, ऋषिकेश के पहचान पत्र से बैंक खाता खुलवाकर ठगी (Cheating) की राशि शेयर मार्केट में निवेश कर रहा था।

प्रारम्भिक पूछताछ में सामने आया कि अभियुक्त अलग-अलग जगह पर किराये पर रहकर किराये के मकान के पहचान पत्र बनवाकर ठगी करता है। विंग्स टू लाईफ नाम की कम्पनी का धरातल पर कोई अस्तित्व नहीं है। फर्जी कम्पनी का रजिस्ट्रेशन करवाकर स्वंय कम्पनी का निदेशक बनकर विभिन्न प्रकार से झांसे देकर फर्जी कम्पनी (Fake Company) के नाम से बैंक खाते खुलवाकर राशि जमा करवाकर ठगी (Cheating) करता है। आरोपी से अग्रिम अनुसंधान जारी है।

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