
जयपुर। चौमूं शहर में पेयजल बिल (Drinking Water Bill) माफ कराने की मांग को लेकर नगर पालिका पार्षद राजेश कुमार वर्मा ने जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग (Public Health Engineering Department) के मंत्री महेश जोशी से भेंटकर ज्ञापन सौंपा।
ज्ञापन में वर्मा ने बताया कि जलदाय विभाग के द्वारा चौमूं शहर में पेयजल आपूर्ति एक दिन के अन्तराल पर मात्र 15-20 मिनिट ही की जा रही है। इससे स्पष्ट है कि जलदाय विभाग के द्वारा महिने में 15 दिन ही पेयजल आपूर्ति की जाती है। जबकि पूरे महिने का पानी का बिल (Drinking Water Bill) प्रतिमाह उपभोक्ताओं को थमा दिया जाता है, जो उपभोक्ताओं पर अनावश्यक भार है। वर्तमान में पेयजल सप्लाई चौमू के आस-पास के गांव यथा जयसिंहपुरा गुवारडी एवं बलेखन में स्थित नलकूपो के माध्यम से की जा रही है, जिससे चौमूं शहर की मात्र 25 प्रतिशत आबादी को ही पेयजल आपूर्ति हो पा रही है, जो ऊँट के मुँह में जीरे के समान है।


वर्मा ने बताया कि चौमूं के शहरी क्षेत्र में लगभग 11000 पेयजल कनेक्शन विभाग के द्वारा जारी किये हुये है। परंतु पेयजल आपूर्ति हेतु जारी कनेक्शन की रीडिंग हेतु मीटर स्थापित नहीं किये हुये है। पेयजल कनेक्शन नीति के अनुसार बिना मीटर के पेयजल कनेक्शन जारी नहीं किया जाता वरन मीटर की रसीद संलग्न करने पर ही पेयजल कनेक्शन जारी किया जाता है। परंतु चौमूं शहर में जलदाय विभाग के द्वारा जारी किये गये पेयजल कनेक्शनों पर रीडिंग हेतु मीटर स्थापित नहीं है, अपितु बिना मीटर रीडिंग के ही औसत बिल विभाग (Drinking Water Bill) के द्वारा महिने में मात्र 15 दिन पेयजल आपूर्ति (आंशिक आपूर्ति) के उपभोक्ताओं को जारी किये जा रहे हैं।
उन्होंने बताया कि विभाग की नीति के अनुसार प्रतिमाह 15000 लीटर से कम पानी का उपयोग करने पर 50 रूपये प्रतिमाह लागू है। जबकि चौमूं शहर में प्रत्येक परिवार को 15000 लीटर पानी मिल ही नही रहा है तथा घरो में पानी के मीटर नहीं होने के कारण औसतन बिल (Drinking Water Bill) जारी किया जाता है। जो कि मासिक उपभोग से बहुत अधिक जल के उपभोग राशि का होता है। चौमूं शहर में ग्रीष्मकाल के दौरान पेयजल आपूर्ति के हालात और भी बदतर हो जाते है।
जलदाय विभाग द्वारा पानी की आपूर्ति नही होने के फलस्वरूप पेयजल आपूर्ति हेतु निजी टैंकरों से मुहमांगी दरों पर पानी आपूर्ति करवानी पडती है। जिस कारण एक तरफ तो जलदाय विभाग द्वारा जारी औसतन बिलों (Drinking Water Bill) का भुगतान करना पड़ता है। वहीं दूसरी तरफ निजी टैंकरों को भी राशि का भुगतान करना पडता है। जिससे चौमूं वासियो को दोहरी वित्तीय भार सहन करना पड रहा है।
वर्तमान में राजस्थान सरकार जनव्यापी लोककल्याणकारी योजनाएं लागू कर गरीब एवं जरूरतमंद लोगो को फायदा पहुंचाने का कार्य कर रही है। सरकार के द्वारा 100 यूनिट तक के बिजली बिल माफ करने के साथ ही चिकित्सा स्वास्थ्य, शिक्षा एवं परिवहन संबंधी अन्य सुविधाएं निःशुल्क रियायती दर पर आमजन को उपलब्ध करवाकर राहत प्रदान की गई है। इसी क्रम में वर्मा ने राज्य सरकार से अनुरोध करते हुए चौमूं शहर में आने वाले पेयजल बिलों की बिल राशि (Drinking Water Bill) को पूर्णतया माफ कर चौमूं वासियों को राहत प्रधान करने की मांग की।