
जयपुर। संयुक्त किसान मोर्चा (Sanyukt Kisan Morcha) के तत्वाधान में चौमूं में किसान आंदोलन (Kisan Andolan) की अगुवाई कर रहे प्रोफेसर सी बी यादव के नेतृत्व में भारत बंद (Bharat Bandh) के आह्वान पर प्रातः 8:00 बजे से ही लोगों का जुटना प्रारंभ हो गया था। महिला किसानों ने किसान ट्रैक्टर मार्च (Tractor March) की अगुवाई की।
डॉ. सृष्टि चौधरी ने ट्रैक्टर चलाकर मार्च की अगुवाई की। किसानों का भारत बंद (Bharat Bandh) का मार्च गढ़ गणेश मंदिर से शुरू होकर बस स्टैंड , लक्ष्मीनाथ चौराहा, चौपड़, रावण गेट, थाना मोड, धोली मंडी होते हुए अनाज मंडी पहुंचा। ट्रेक्टर रैली तहसील परिसर के समीप आम सभा में तब्दील हो गई। भारत बंद के दौरान निकाली गई रैली (Rally) के साथ दुकानदारों ने अपनी दुकाने बंद की लेकिन रैली के जाने के बाद बाजार पहले की तरह ही खुलना शुरू हो गए। बंद का शहर में आंशिक असर देखने को मिला।


चौमूं में भारत बंद (Bharat Bandh) के दौरान के व्यापारियों व किसानों के बीच कुछ जगहों पर हल्की-फुल्की बहस भी देखने को मिली। लेकिन समझाईश के उपरांत लोगों ने अपने प्रतिष्ठानों को बंद कर दिया।
ट्रैक्टर मार्च में कई जगह आमजन एवं व्यापारियों ने पुष्प वर्षा करके मार्च का स्वागत किया। भारत बंद (Bharat Bandh) के दौरान चौमूं अनाज मंडी भी पूरी तरह बंद रही। अनाज मंडी के व्यापार संघ के अध्यक्ष महेश मित्तल के नेतृत्व में किसान नेताओं का स्वागत किया गया एवं पूरे ट्रैक्टर मार्च के दौरान अनाज मंडी (Anaj Mandi) का व्यापार मंडल किसानों के साथ रहा। चौमूं के नगरपालिका पार्षदों ने महेंद्र लांबा, अभिषेक सैनी के नेतृत्व में भारत बंद के लिए किसानों की सुविधाओं की पूरी व्यवस्था की।
भारत बंद (Bharat Bandh) के इस मार्च में डॉ. हनुमान बराला, पूर्व पीसीसी सदस्य रमेश गुलिया, किसान नेता भगवान सहाय बधाला, कालूराम भावरिया, सागर लांबा, जिला परिषद सदस्य हरिनारायण गठाला, पूर्व प्रधान भगवान सहाय धांसिल एवं लालचंद शेरावत, बीकेयू के रामदेव यादव व लक्ष्मीचंद नेता, जय किसान आंदोलन के विमल कुमार यादव, सुरेश शेरावत, यूथ फॉर किसान के उपाध्यक्ष सोहन लाल यादव, ताराचंद बराला, पूर्व सरपंच नंदकिशोर यादव सहित कई किसान नेता एवं जनप्रतिनिधि उपस्थित रहे।
प्रो. सी बी यादव ने संबोधित करते हुए कहा कि तीन कृषि कानूनों (Agricultural Laws) की वापसी से बड़ा मुद्दा लोकतंत्र एवं संविधान को बचाने का हो गया है। चौमूं में ट्रैक्टर मार्च की अगुवाई कर रहे डॉक्टर हनुमान बराला ने बताया कि कोई भी लोकतांत्रिक सरकार इतने लंबे समय तक संवादहीनता की स्थिति नहीं रख सकती है। इसीलिए चौमूं की डॉक्टर एसोसिएशन (Doctors Association) ने काली पट्टी बांधकर सरकार के इस रवैए के खिलाफ अपना रोष व्यक्त किया है।