जयपुर । दिल्ली में चल रहे किसान आंदोलन के समर्थन में एवं तीन कृषि कानूनों (Agricultural laws) के विरोध में गोविंदगढ़ चौमूं में किसानों ने राजस्थान विश्वविद्यालय के सहायक प्रोफेसर सी.बी.यादव के नेतृत्व में सद्बुद्धि यज्ञ एवं विरोध प्रदर्शन किया। किसान हाथ में काले कानून को वापस करो की तख्तियां हाथ में लेकर यह सद्बुद्धि यज्ञ किया जिसमें उपस्थित किसानों ने एक स्वर में किसान आंदोलन के प्रति सरकार के दमनकारी रवैया की कड़े शब्दों में आलोचना की एवं सरकार से खुले मन से किसानों से वार्ता करके किसानों के हित में उचित फैसला लेने की मांग की।
कृषि कानूनों (Agricultural laws) के विरोध में किसान कई महीनों से आंदोलन:
डॉ.सी.बी.यादव ने बताया कि संवाद एवं विचार विमर्श लोकतंत्र की सबसे अभिन्न प्रक्रिया है। लेकिन केंद्र की सरकार जिस प्रकार से कानून निर्माण के दौरान ना तो किसी किसान संगठन से संवाद किया, तथा न हीं संसद में इन पर बहस की। विपक्ष की संसद की सेलेक्ट कमेटी को भेजे जाने के प्रस्ताव को भी सरकार ने खारिज कर दिया। इन तीन किसान विरोधी कृषि कानूनों (Agricultural laws) के विरोध में किसान कई महीनों से लगातार आंदोलनरत है लेकिन सरकार ने बातचीत के स्थान पर दमन की नीति अपनाई। जिसका परिणाम है कि किसानों में सरकार के प्रति पूर्णतया विश्वास उत्पन्न हो गया है।
सरकार को इस अविश्वास को दूर करने के लिए लेटलतीफी एवं आंदोलन की तोड़ने की नीति से बाज आना चाहिए एवं किसानों आंदोलनकारियों की मांग के अनुसार तीन कृषि कानून को वापस लेकर न्यूनतम समर्थन मूल्य का गारंटी कानून नंबर बनाने की सच्चे मन से पहल करनी चाहिए। जय किसान आंदोलन जयपुर इकाई के अध्यक्ष विमल कुमार यादव ने बताया 5 दिसंबर को क्षेत्र के किसान बड़ी संख्या में दिल्ली की ओर कूच करेंगे। इसके लिए गांव-गांव में पीले चावल वितरित करके कार्य योजना बनाई जा रही है।
कॉर्पोरेट के हितों को पूरा करने के लिए कृषि कानूनों (Agricultural laws) को लागू करने का कार्य किया:
गोविंदगढ़ पंचायत समिति के पूर्व प्रधान भगवान सहाय तहसील ने बताया कि यह कानून वस्तुतः अप्रत्यक्ष रूप से कृषि क्षेत्र में कॉर्पोरेट के नियंत्रण को स्थापित करने की दृष्टि से बनाए गए है। कोरोना संकट के दौरान जहां सरकार से किसान मानवीय संवेदनाओं के तहत आर्थिक सहायता की अपेक्षा कर रहा था वहीं सरकार ने इस संकट में भी कॉर्पोरेट के हितों को पूरा करने के लिए यह तीन कृषि कानूनों (Agricultural laws) को लागू करने का कार्य किया है। राजस्थान के चुनावी दिल्ली में चल रही है किसान आंदोलन में कंधे से कंधा मिलाकर साथ देगा। इसके लिए कल 5 दिसंबर को बड़ी संख्या में किसान कुछ करेंगे।
किसान नेता मोहन लाल निठारवाल ने बताया कि सरकार इन तीन कृषि कानूनों (Agricultural laws) को कृषि सुधारों के संदर्भ में ऐतिहासिक करार दे रही है लेकिन यह सोचने वाली बात है कि बिना किसानों को विश्वास में लिए हुए कोई भी कृषि सुधार कैसे लागू होगा। कृषि क्षेत्र में कोई भी सुधार केवल किसानों के विश्वास के रास्ते ही संभव हो सकता है।
सद्बुद्धि यज्ञ एवं विरोध प्रदर्शन में पूर्व सरपंच नंदकिशोर यादव, मलिकपुर सरपंच पति नानू यादव, प्रगतिशील किसान संगठन के अध्यक्ष चौधरी नरेंद्र कुमार, किसान नेता मालीराम यादव, जितेंद्र कुमावत, लालचंद सैनी, पूरणमल सैन, मुरलीधर यादव, गणपत निठारवाल, प्रभु दयाल यादव सहित सैकड़ों किसानों ने भाग लिया।