
जयपुर। कहावत है विषम परिस्थितियों में भी बेटियां (Daughters) मां-बाप के साथ खड़ी रहती है l यह शब्द केवल कहावत मात्र ही नहीं है बल्कि कई मामलो में चरितार्थ भी हुए है।
ऐसा ही एक वाक्या चौमूं के वार्ड नंबर 39 में देखने को मिला जिसको देखकर हर किसी की आँख भर आये।


दरअसल वार्ड नंबर 39 में रहने वाले सत्यनारायण बागोरिया की दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई। मृतक सत्यनारायण बागोरिया के पांच बेटियां (Daughters) ही है उनके कोई पुत्र नहीं है। ऐसे में क्रियाकर्म के लिए बेटियां हिम्मत करके आगे आई।
उनकी पांचो बेटियों ने पूरे विधि विधान से अपने पिता का अंतिम संस्कार किया। यहाँ तक की बेटियों (Daughters) ने पिता की अंतिम यात्रा में घर से लेकर श्मशान तक कंधा भी दिया और चिता पर लेटे पिता के पार्थिव शरीर को मुखाग्नि भी दी। आज बेटियों (Daughters) के इस पुत्र धर्म की समाज में ही नहीं बल्कि पूरे शहर में जगह जगह चर्चा हो रही है ।