
जयपुर। राज्यपाल कलराज मिश्र (Governor Kalraj Mishra) राजस्थान विधानसभा (Rajasthan Assembly) के प्रोटेम स्पीकर (protem speaker) के रूप में पूर्व मंत्री और वरिष्ठ विधायक कालीचरण सराफ को आज सांय 4:30 बजे राजभवन में आयोजित कार्यक्रम में दिलाएंगे शपथ ।
राज्यपाल (Governor) मिश्र ने उनके साथ सहयोग के लिए तीन सदस्यीय पैनल भी बनाया है। इसमें वरिष्ठ विधायक दयाराम परमार, प्रताप सिंह सिंघवी और डॉ. किरोड़ी लाल मीणा सम्मिलित है।


क्या होता है प्रोटेम स्पीकर (protem speaker) ?
प्रोटेम (Pro-tem) लैटिन शब्द प्रो टैम्पोर(Pro Tempore) का संक्षिप्त रूप है. इसका शाब्दिक अर्थ होता है-‘कुछ समय के लिए’ । प्रोटेम स्पीकर (protem speaker) कुछ समय के लिए राज्यसभा और विधानसभा में काम करता है। प्रोटेम स्पीकर वह व्यक्ति होता है जो विधानसभा और लोकसभा के स्पीकर के पद पर कुछ समय के लिए कार्य करता है। यह अस्थायी होता है । प्रोटेम स्पीकर की नियुक्ति गवर्नर करता है। आमतौर पर इसकी नियुक्ति तब तक के लिए होती है, जब तक स्थायी विधानसभा अध्यक्ष ना चुन लिया जाए। प्रोटेम स्पीकर ही नवनिर्वाचित विधायकों का शपथ दिलाता है। शपथ ग्रहण का पूरा कार्यक्रम प्रोटेम स्पीकर की देखरेख में होता है।
प्रोटेम स्पीकर (protem speaker) के पद पर सदन के वरिष्ठ सदस्य को चुना जाता है। जो सदन में नए एवं स्थायी स्पीकर का चुनाव करने में सहायता करता है। प्रोटेम स्पीकर उसे ही बनाया जाता है, जो कई बार विधानसभा चुनाव जीत चुका हो। भारत के संविधान के अनुच्छेद 180 के तहत राज्यपाल के पास सदन का प्रोटेम स्पीकर नियुक्त करने की शक्ति होती है। जब सदन नए स्पीकर का चुनाव करता है, तो प्रोटेम स्पीकर (protem speaker) का पद मौजूद नहीं रहता है। इसलिए प्रोटेम स्पीकर का पद अस्थायी है, जो कुछ दिनों के लिए ही अस्तित्व में रहता है।