
जम्मू । जम्मू केंद्रीय विश्वविद्यालय (Central University of Jammu) के डीन छात्र कल्याण कार्यालय और डायलेक्टा क्लब ने “समान नागरिक संहिता (Uniform Civil Code) और भारत में इसकी प्रासंगिकता” विषय पर एक विचारोत्तेजक बहस सत्र का सफलतापूर्वक आयोजन किया। यह कार्यक्रम अमृतांश भारती (Amritansh Bharti) के समन्वयन में विश्वविद्यालय परिसर में हुआ और इसमें छात्रों की उत्साहपूर्ण भागीदारी देखी गई।
बहस का विषय, “समान नागरिक संहिता (यूसीसी) (Uniform Civil Code) और भारत में इसकी प्रासंगिकता,” भारत के विविध सांस्कृतिक और कानूनी परिदृश्य के संदर्भ में अत्यधिक महत्व रखता है। इस कार्यक्रम का उद्देश्य समान नागरिक संहिता को लागू करने के फायदों, चुनौतियों और संभावित प्रभावों पर एक रचनात्मक चर्चा की सुविधा प्रदान करना है, जो भारत के सभी नागरिकों पर समान रूप से लागू होगी, चाहे उनकी धार्मिक संबद्धता कुछ भी हो।


इस कार्यक्रम में प्रतिभागियों के जबरदस्त तर्क और प्रतिवाद देखने को मिले, जिससे विषय के विभिन्न आयामों की गहन समझ का प्रदर्शन हुआ। चर्चा में एक प्रमुख आवाज सूरज शर्मा ने इस मामले पर अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा, “यूसीसी (Uniform Civil Code) धर्म-आधारित व्यक्तिगत कानूनों के बावजूद महिलाओं के लिए सामाजिक सुरक्षा प्रदान करेगा और सभी शैक्षणिक संस्थानों में अनुसूचित श्रेणियों के लिए समान अवसर भी सुनिश्चित करेगा।” अल्पसंख्यक अधिनियमों का। समान नागरिक संहिता (Uniform Civil Code) एक राष्ट्र के रूप में समाज की एकता और समान गतिविधियों को सशक्त बनाएगी।”
विभिन्न प्रतिभागियों ने लैंगिक समानता, धार्मिक स्वतंत्रता, सांस्कृतिक विविधता और राष्ट्रीय एकता जैसे पहलुओं पर चर्चा करते हुए विचारों का स्वस्थ आदान-प्रदान किया। उन्होंने अधिक न्यायसंगत और समान कानूनी ढांचे के लिए प्रयास करते हुए व्यक्तिगत कानूनों के संरक्षण से संबंधित चिंताओं को संबोधित किया।
दर्शकों को एक सर्वांगीण बहस का सामना करना पड़ा, जिसने विषय की बारीकियों पर प्रकाश डाला और इसके निहितार्थों की व्यापक खोज की अनुमति दी। प्रतिभागियों द्वारा दिए गए व्यावहारिक तर्कों ने विविध समाज के सामूहिक हितों के साथ व्यक्तिगत अधिकारों को संतुलित करने के महत्व को रेखांकित किया।
जनसंचार एवं न्यू मीडिया विभाग के प्रमुख डॉ. बच्चा बाबू ने अपने सूचनात्मक टिप्पणी के साथ कार्यक्रम का समापन किया और इस प्रकार की बौद्धिक वार्ता के आयोजन के लिए डॉ. नीना गुप्ता को धन्यवाद दिया।
डायलेक्टिका क्लब की संकाय संयोजक डॉ. नीना गुप्ता ने आयोजन की सफलता पर संतोष व्यक्त किया। उन्होंने कहा, “इस तरह के वाद-विवाद सत्र छात्रों को अपने महत्वपूर्ण सोच कौशल को बढ़ाने, सार्थक चर्चा में शामिल होने और महत्वपूर्ण सामाजिक मुद्दों पर अपने दृष्टिकोण को व्यापक बनाने के लिए एक मंच प्रदान करते हैं।”
मनीष प्रकाश (सहायक प्रोफेसर), डॉ. उमेश (एसोसिएट प्रोफेसर) भी प्रमुख रूप से उपस्थित थे और प्रतिभागियों को निर्देश दिये।
जम्मू केंद्रीय विश्वविद्यालय का डिबेट क्लब बौद्धिक विकास और खुले संवाद के माहौल को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है। इस वाद-विवाद सत्र की सफलता अकादमिक प्रवचन को बढ़ावा देने और सूचित और सम्मानजनक बहस के लिए आवश्यक कौशल को बढ़ावा देने में क्लब की भूमिका को और मजबूत करती है।