
जयपुर। पंडित डॉ. रविंद्रचार्य अंतरराष्ट्रीय भविष्यवक्ता ने बताया कि पूरे भारत में भैरव जन्मोत्सव (Bhairav Janmotsav) 16 नवंबर 2022 को मनाया जाएगा।
आचार्य रविन्द्र ने बताया कि भैरुजी की उत्पत्ति शिवजी के भृकुटी से हुई है। भैरव 52 प्रकार के है और विशेष कृपा प्राप्ति हेतु-
◆ भैरू जन्मोत्सव (Bhairav Janmotsav) पर कंगन ,कचोरी, गुलाब की माला, लोंग ,पतासे का भोग लगाएं और भैरव नामावली के पाठ करें सभी प्रकार की मनोकामना पूर्ण होगी।


◆आचार्य ने बताया कि नज़र दोष, शत्रु बाधा के लिए मीठी रोटी बनाएं और भैरू वाहन स्वान को खिलाएं।
◆व्यापार वृद्धि के लिए व्यापार स्थल पर बैठकर इस मंत्र का जाप करें ओम श्री बटुक भैरवाय नमः।
आचार्य ने बताया कि रींगस भेरुजी के जन्मोत्सव (Bhairav Janmotsav) की शुरुआत आचार्य ने प्रारंभ की थी। उनको आभास हुआ और आदेश हुआ तब से रींगस (Reengus) भेरुजी का जन्मोत्सव मनाते आ रहे हैं। भेरुजी का जन्मोत्सव पर विशेष श्रृंगार होता है और मावे का केक बनाकर भक्तों को वितरित किया जाता है।
पंडित रविंद्रचार्य ने कहा की सभी भैरव के जन्मोत्सव (Bhairav Janmotsav) पर दीप प्रचलित करें ,माला प्रसाद चढ़ाएं तो सभी की मंगल कामना पूर्ण हो जाएंगी।