हिन्दू पंचांग (Hindu Panchang) के अनुसार, फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को फुलेरा दूज (Phulera Dooj) का पर्व मनाया जाता है। फुलेरा दूज के दिन भगवान श्री कृष्ण और राधा रानी की पूजा की जाती है। इसके साथ ही ब्रज में श्री कृष्ण और मां राधा के साथ फूलों की होली खेली जाती है। माना जाता है कि अन्य शुभ मुहूर्तों की तरह फुलेरा दूज (Phulera Dooj) का दिन भी काफी खास होता है। फुलेरा दूज मांगलिक और शुभ काम करने का शुभ मुहूर्त माना जाता है। इस दिन सगाई, विवाह सहित अन्य शुभ काम करना अच्छा माना जाता है। फुलेरा दूज को शादी व शुभ कार्यो के लिए अबूझ मुहूर्त माना गया है।
शास्त्रों के अनुसार, फूलेरा दूज के दिन शुभ और मांगलिक कामों को करने शुभ फलों की प्राप्ति होगी। इस समय गुरु बृहस्पति उदय है। इसलिए शादी-विवाह जैसे मांगलिक काम करना शुभ होगा। इसके अलावा मुंडन, छेदन, गृह प्रवेश, वाहन खरीदना शुभ साबित होगा। आप चाहे तो फुलेरा दूज के दिन नए काम, व्यवसाय ,बिजनेस की भी शुरुआत कर सकते हैं।
फुलेरा दूज 2023 (Phulera Dooj 2023) शुभ मुहूर्त:
फुलेरा दूज द्वितीया तिथि आरंभ- 21 फरवरी 2023, मंगलवार को सुबह 09 बजकर 04 मिनट पर शुरू
द्वितीया तिथि का समापन- 22 फरवरी को सुबह 05 बजकर 57 मिनट पर होगा।
गोधूलि मुहूर्त – 21 फरवरी को शाम 06 बजकर 13 मिनट से लेकर शाम 06 बजकर 38 मिनट तक
शास्त्रों के अनुसार, एक बार भगवान कृष्ण अधिक व्यस्त थे जिसके कारण काफी लंबे समय तक राधा रानी से नहीं मिल पाए थे। ऐसे में राधा रानी काफी उदास रहने लगी थी। राधा रानी के उदास रहने से प्रकृति पर बुरा असर पड़ने लगा था। ऐसे में पेड़, पौधे, फूल, वन आदि धीरे-धीरे सूखने लगे थे। प्रकृति का ऐसा रूप देखकर भगवान कृष्ण को इस बात का अंदाजा हो गया कि राधा रानी कितना उदास है। ऐसे में श्री कृष्ण राधा रानी से मिलने बरसाना पहुंचे और राधा रानी से मिले।
यह देखकर फिर से प्रकृति खिल गई। फिर भगवान कृष्ण (Lord Krishna) ने एक फूल तोड़कर राधारानी (Radha Rani) के ऊपर फेंक दिया। फिर राधारानी ने भी एक फूल श्रीकृष्ण के ऊपर फेंक दिया। इसके बाद गोपियों ने भी खुश होकर फूल एक-दूसरे में फेंके। ऐसे हर तरफ फूलों की होली खेली गई। जिस दिन फूलों की होली खेली गई उस दिन फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि थी। इसी के कारण हर साल इस दिन फूलों की होली (Holi) को फुलेरा दूज के रूप में मनाते हैं।
(Disclaimer: इस स्टोरी (लेख) में दी गई सूचनाएं सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित हैं। यह पाठ्य सामग्री आम धारणाओं और इंटरनेट पर मौजूद सामग्री के आधार पर लिखी गई है। thenewsworld24 .com इनकी पुष्टि नहीं करता है। इन तथ्यों को अमल में लाने से पहले संबधित विशेषज्ञ से संपर्क करें।)