(दिनेश कुमार/ हरिओम वर्मा )
देशभर में गणेश चतुर्थी (Ganesh Chaturthi) हिंदू धर्म में मनाया जानें वाला एक प्रमुख त्यौहार है। गणेश चतुर्थी (Ganesh Chaturthi) का त्यौहार हर साल अगस्त या सितंबर के महीनें में (हिंदी कैलेंडर के अनुसार भाद्र माह की चतुर्थी) में मनाया जाता है।
गणेश चतुर्थी का त्यौहार 11 दिनों तक चलने वाला सबसे लंबा त्यौहार है। गणेश चतुर्थी के दिन लोग अपने घरों में गणेश जी की मिट्टी की मूर्ति लेकर आते हैं और 10 दिन तक लोग अपने घरों और मंदिरों की साफ-सफाई करते हैं और सजाते है। गणेश चतुर्थी से लेकर अगले 10 दिनों तक भगवान गणेश की पूजा की जाती, भक्ति गीत गाए जाते हैं, मोदक का प्रसाद चढ़ाया जाता है, अलग अलग तरह के पकवान बनते हैं, मंदिरों में भंडारे का आयोजन भी किया जाता है। अन्नत चतुर्दशी के दिन यानि 11वें दिन गणेश विसर्जन के साथ गणेश भगवान को विदा कर दिया जाता है और अगले बरस जल्दी आने की कामना की जाती है। गणेश विर्सजन के लिए एक सुंदर रथ बनाया जाता है और रंग-बिरंगे फूलों से सजाया जाता है। जिसके बाद गणेश भगवान की आरती की जाती है और उनकी मूर्ति को रथ में बिठाया जाता है। फिर पूरे शहर में शोभायात्रा निकाली जाती है। गणेश शोभायात्रा में लोग गुलाल उड़ाते हैं, पटाखे जलाते हैं, गणपत्ति बप्पा मोरिया, मंगल मूर्ति मोरिया के नारे लगाये जाते हैं। आज कल लोग डीजे भी बजाने लगे हैं। आखिर में शहर के किसी तालाब, नदी या समुंदर में गणेश भगवान की प्रतिमा को विसर्जित कर दिया जाता है।
गणेश चतुर्थी (2020) का मुहूर्त:-
पूजा का शुभ मुहर्त पूर्वाह्न 11 बजकर सात मिनट से दोपहर एक बजकर 42 मिनट तक, दूसरा शाम चार बजकर 23 मिनट से सात बजकर 22 मिनट तक व रात में नौ बजकर 12 मिनट से 11 बजकर 23 मिनट तक है।
गणेश विसर्जन:- मंगलवार 1 सितंबर 2020
पूजन सामग्री:- पान, सुपारी, लड्डू, सिंदूर, दूर्वा
ऐसे करें गणेश पूजा:-
भगवान की पूजा करें और लाल वस्त्र चौकी पर बिछाकर स्थान दें। इसके साथ ही एक कलश में जलभरकर उसके ऊपर नारियल रखकर चौकी के पास रख दें। दोनों समय गणपति की आरती, चालीसा का पाठ करें। प्रसाद में लड्डू का वितरण करें।
इस मंत्र का उच्चारण करें-
ऊं गं गणपतये नम: मंत्र का जाप करें। प्रसाद के रूप में मोदक और लड्डू वितरित करें।
क्यों मनाई जाती है गणेश चतुर्थी:-
भगवान गणेश के जन्मदिन के रूप में गणेश चतुर्थी मनाई जाती है। कहा जाता है कि एक बार भगवान शिव ने गुस्से में अपने पुत्र गणेश का सर काट दिया था। लेकिन फिर एक हाथी के बच्चे का सर उनके धड़ से जोड़ दिया गया । इस तरह से गणेश भगवान ने अपना जीवन दोबारा पाया। इस दिन को ही गणेश चतुर्थी के रूप में मनाया जाता है।
यद्यपि उनके जन्म से जुड़ी विभिन्न कहानियां हैं। भगवान शिव की अनुपस्थिति में, देवी पार्वती ने अपने चंदन के पेस्ट का उपयोग गणेश को बनाने के लिए किया और उसे स्नान करने के लिए रख दिया। जब वह चला गया था, तब भगवान शिव ने गणेश के साथ युद्ध किया और उसे अपनी माँ के आदेशों के अनुसार प्रवेश नहीं करने दिया। क्रोधित होकर भगवान शिव ने गणेश का सिर काट दिया। जब पार्वती ने यह दृश्य देखा, तो उन्होंने देवी काली का रूप धारण कर लिया और दुनिया को नष्ट करने की धमकी दी। इसने सभी को चिंतित कर दिया और उन्होंने भगवान शिव से एक उपाय खोजने और देवी काली के क्रोध को शांत करने का अनुरोध किया। शिव ने तब अपने सभी अनुयायियों को तुरंत एक बच्चे को खोजने का आदेश दिया। अनुयायियों द्वारा देखा गया पहला बच्चा एक हाथी था। उन्होंने उसके सिर को काटने का आदेश दिया और कटा सिर भगवान शिव के पास लाया। भगवान शिव ने हाथी के सिर को तुरंत गणेश के शरीर पर रखा और इसे फिर से जीवन में ले आए। माँ काली का क्रोध शांत हो गया और देवी पार्वती एक बार फिर अभिभूत हो गईं।आज का दिन उसी कारण से मनाया जाता है। सभी भगवान गणेश को आशीर्वाद देते हैं ।
महाराष्ट्र में मनाया जानें वाला सबसे बड़ा त्यौहार :-
गणेश चतुर्थी का त्यौहार देश के विभिन्न राज्यों में मनाया जाता है लेकिन मुख्य रूप से महाराष्ट्र में मनाया जानें वाला सबसे बड़ा त्यौहार है। चतुर्थी के दिन घर और मंदिर में गणेश मूर्ति स्थापना से शुरू होता है। लोग अपने घरों में गणेश जी मूर्ति बड़ी धूमधाम से ढोल-नगाड़े बजाकर लेकर आते हैं। गणेश चतुर्थी से कुछ दिनों पहले ही बाजारों में रोनक शुरू हो जाती और मिट्टी से बनीं गणेश जी की अलग-अलग तरह की प्रतिमाएँ मिलती है। सभी लोग गणेश चतुर्थी से लेकर अगले 10 दिन तक अपने घरों और मंदिरों में गणेश भगवान की पूजा और अराधना करते हैं, गीत गाते हैं, नाच गाना करते हैं, मंत्रोच्चारण करते हैं, आरती करते और गणेश जी को मोदक का प्रसाद चढ़ाते हैं। इन दिनों में मंदिरों में खूब साज-सजावट की जाती। कोई भी नया काम शुरू करने से पहले गणेश भगवान को सबसे पहले याद किया जाता है। गणेश भगवान बच्चों के सबसे प्रिय भगवान हैं। बच्चे उन्हें प्यार से गणेशा बुलाते हैं। बॉलीवुड के सितारे भी गणेश महोत्सव को बड़े धूमधाम के साथ मनाते हैं।