
- (विष्णु जाखोटिया की रिपोर्ट)
जयपुर। जिले के रेनवाल क़स्बा निवासी ताराचंद, रामकृष्ण एवं गिरीराज भण्डारी के बडे भाई स्व. तुलसीराम भण्डारी की पत्नि प्रेमकांता भण्डारी की मृत्यु के बाद भी उनकी आंखे अब दो लोगों के जीवन को रोशन कर रही है। दिवंगत प्रेमकांता भण्डारी का परिवार अभी वर्तमान में इंदौर (Indore) शहर में रह रहा है। पुत्र विपिन एवं अमित भण्डारी की प्रेरणा एवं स्वयं के मन में बनी प्रबल इच्छा को ध्यान में रखते हुये परिजनो ने उनकी आंखे दान की है। नैत्रदान (Eyedonate) के साथ-साथ अपनी त्वचा भी दान की है जो विभिन्न हादसो में शिकार हुये लोगो के जीवन को बचाने में काम आती है।

इंदौर (Indore) के एम.के. इन्टरनेशनल आई बैंक को आंखे दान तथा चोइथराम अस्पताल एवं अनुसंधान केंद्र, त्वचा बैंक को अपनी त्वचा दान कर एक नया इतिहास बनाने वाली स्व. प्रेमकांता भण्डारी की इस सराहनीय प्रेरणा को इंदौर (Indore), रेनवाल, जयपुर (Jaipur) के माहेश्वरी समाज सहित सभी ने सादर नमन किया है। आई बैंक एवं त्वचा बैंक द्वारा एक प्रमाण पत्र देकर दिवंगत आत्मा को सादर श्रद्धांजलि भी दी गई।


गौरतलब है कि 71 वर्षीय प्रेमकांता भण्डारी की मृत्यु 24 जुलाई 2023 को निवास स्थान इंदौर (Indore) में हो गई थी। अपने अंतिम दिनो में हाॅस्पिटल में आने वाले विभिन्न हादसे यथा बर्न केस, प्लास्टिक सर्जरी केस में लोगो की पीडा को समझते हुये मन भावुक हो गया। अपनी ईच्छा को अपने पुत्र विपिन एवं अमित के समक्ष रखी जिसको दोनों पुत्रो ने स्वीकार करते हुये इस फैसले में पूरा सहयोग किया।
जयपुर में रहने वाले स्व.रतनलाल बल्दुआ की पुत्री प्रेमकांता भण्डारी शुरु से ही मानव सेवा एवं समाजसेवा के कार्यो से जुडी रही है। मरने के दो दिन के अंदर ही प्रेमकांता भण्डारी की आंखो ने दो व्यक्तियों को रोशनी दे दी । स्व.प्रेमकांता भण्डारी का ये कार्य पूरी मानव जाती के लिए प्रेरणादायक साबित होगा।