जयपुर। यूनिवर्सिटी ऑफ इंजीनियरिंग एंड मैनेजमेंट (UEM), जयपुर ने संयुक्त राष्ट्र वैश्विक उत्कृष्टता केंद्र के सहयोग से आज 22 नवंबर, 2024 को अंतर्राष्ट्रीय उद्योग संस्थान मीट (IIIM) – सिनर्जी समिट 2024 (Synergy Summit 2024) की सफलतापूर्वक मेजबानी की। इस परिवर्तनकारी आयोजन ने शिक्षा, उद्योग और अनुसंधान क्षेत्रों में वैश्विक विचार नेताओं, नवप्रवर्तकों और परिवर्तन-निर्माताओं को एक साथ लाया, जिससे विचारों और सहयोगों का एक गतिशील आदान-प्रदान हुआ। डेनमार्क, चिली और भारत के विभिन्न क्षेत्रों के प्रतिनिधियों ने विविध दृष्टिकोणों का योगदान दिया साथ ही तकनीकी और प्रबंधन चुनौतियों में अपनी अनूठी अंतर्दृष्टि के साथ चर्चाओं को समृद्ध किया।
यूईएम जयपुर के प्रो-वाइस चांसलर प्रो. डॉ. सत्यजीत चक्रवर्ती ने गतिशील और अनिश्चित वैश्विक परिदृश्य में सहयोग की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला। इसके बाद कुलपति प्रो. डॉ. बिस्वेजॉय चटर्जी ने गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के महत्व पर जोर दिया। रजिस्ट्रार प्रो. डॉ. प्रदीप कुमार शर्मा ने प्रतिस्पर्धी नौकरी बाजार के लिए छात्रों को अत्याधुनिक कौशल से लैस करने की आवश्यकता पर जोर दिया।
मुख्य भाषण के साथ सिनर्जी समिट 2024 (Synergy Summit 2024) के केंद्र में अनेको पैनल चर्चाएं आयोजित की गयी जैसे :
- संचार का भविष्य: एआई, स्वचालन और व्यवसाय में मानवीय संपर्क का विकास
अपने मुख्य भाषण में सुश्री कटजा लार्सन (सीईओ, सिल्वरस्पून कंसल्टेंसी, डेनमार्क) ने एआई और स्थिरता के प्रतिच्छेदन की खोज की, इस बात पर जोर दिया कि वैश्विक चुनौतियों का समाधान करने के लिए प्रौद्योगिकी का लाभ उठाने के लिए संचार कितना महत्वपूर्ण है। उन्होंने जल गुणवत्ता में सुधार और वैश्विक मुद्दों के लिए एआई-संचालित समाधानों पर डेनमार्क-भारत सहयोग पर प्रकाश डाला। पुनीत शर्मा (मीडिया सलाहकार, दूरदर्शन) द्वारा संचालित आगामी पैनल चर्चा में सुश्री काटजा लार्सन, सीईओ, सिल्वरस्पून कंसल्टेंसी, डेनमार्क, डॉ. हर्ष पुरोहित, डीन, एफएमएस-विज़डम, बनस्थली विद्यापीठ, अनिल डोमकावले, आईटी प्रोफेशनल, विप्रो, डॉ. सुधीर कुमार बरई, निदेशक, बिट्स पिलानी, डॉ. कृष्ण कुमार बलरामन, प्रोफेसर, आईआईटी जोधपुर, मेबोले बोबेन, वैज्ञानिक प्रभारी, राष्ट्रीय परीक्षण गृह, वक्ता शामिल हुए। चर्चा इस बात पर केंद्रित थी कि कैसे एआई कॉर्पोरेट संचार को नया रूप देता है, ग्राहक अनुभव को बढ़ाने के लिए प्राकृतिक और कृत्रिम बुद्धिमत्ता को मिलाता है। जबकि डोमकावले ने ग्राहक प्रसन्नता को प्रकट करने में एआई की क्षमता पर प्रकाश डाला, डॉ. पुरोहित ने आध्यात्मिक मूल्यों को एकीकृत करने में एआई की सीमाओं पर एक अनूठा दृष्टिकोण पेश किया। - अंतर को पाटना: संचार किस तरह अंतर-सांस्कृतिक सहयोग को बदलता है
सुश्री कार्ला सिड (प्रमुख, प्रतिभा प्रबंधन, टेक्निकास रेयूनिडास, चिली) द्वारा दूसरा मुख्य भाषण अंतर-सांस्कृतिक संचार चुनौतियों को संबोधित करता है, सहयोग को बढ़ावा देने के लिए भाषा अवरोधों और सांस्कृतिक मतभेदों को पाटने के महत्व पर जोर देता है। इस पैनल चर्चा में प्रो. डॉ. नीरज गुप्ता, डीन, स्कूल ऑफ आर्किटेक्चर, सेंट्रल यूनिवर्सिटी ऑफ राजस्थान, प्रो. डॉ. राजुल भार्गव, सेवानिवृत्त एचओडी, अंग्रेजी विभाग, राजस्थान विश्वविद्यालय, स्टिलराज सौंदरंजन, वैज्ञानिक, नेशनल टेस्ट हाउस, विभोर नुवाल, उद्यमी, राजकुमार शर्मा, अध्यक्ष, ऑल इंडिया काउंसिल ऑफ रोबोटिक्स एंड ऑटोमेशन आदि विचारकों ने भाग लिया: पैनल ने पता लगाया कि प्रभावी वैश्विक सहयोग के लिए व्यक्तिगत बातचीत, अनुकूलनशीलता और सांस्कृतिक समझ कैसे आवश्यक है। नुवाल ने अनुकूलनशीलता को बढ़ावा देने पर उद्यमशीलता संबंधी अंतर्दृष्टि साझा की, जबकि प्रो. भार्गव ने सार्थक अंतर-सांस्कृतिक संवाद की बारीकियों पर चर्चा की। - अराजकता से स्पष्टता तक: प्रबंधन में संचार की भूमिका
सुश्री जाक्सा गोहिल (सलाहकार और सलाहकार, अम्माराह) द्वारा तीसरा मुख्य भाषण संचार के भविष्य पर गहनता से चर्चा करते हुए प्रबंधन चुनौतियों पर चर्चा के लिए मंच तैयार करता है। इस पैनल में निम्नलिखित प्रमुख वक्ता शामिल हैं: सुश्री कार्ला सिड, प्रतिभा प्रबंधन प्रमुख, चिली, डॉ. प्रेम कुमार अरोड़ा, फिजियोथेरेपी अधीक्षक, एसएमएस अस्पताल, डॉ. प्रदीप कुमार होता, संकाय, आईआईएम उदयपुर, सुधांशु पाढ़ी, जीएम-एचआर, हीरो मोटोकॉर्प
नरेश जोशी, वरिष्ठ सलाहकार, फिक्की, अमीश अमेय, उप निदेशक, उद्योग एकीकरण प्रकोष्ठ, विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय, हरियाणा
पैनलिस्टों ने साझा किया कि कैसे मजबूत संचार रणनीतियाँ संगठनात्मक चुनौतियों को संरचित अवसरों में बदल देती हैं, जो प्रबंधन में अनुकूलनशीलता और सहयोगी नेतृत्व पर ध्यान केंद्रित करती हैं।
प्रतिभा और नवाचार का प्रदर्शन: शिखर सम्मेलन में प्रबंधन, फिजियोथेरेपी और कंप्यूटर विज्ञान जैसे विषयों से 50 से अधिक छात्र-नेतृत्व वाली परियोजनाओं का भी प्रदर्शन किया गया।
अंतर्राष्ट्रीय उद्योग संस्थान मीट (आईआईआईएम) – सिनर्जी समिट 2024 (Synergy Summit 2024) में यू ई एम जयपुर के सभी एसोसिएट डीन, सभी विभागों में प्रमुख, शिक्षक व स्टाफ के सदस्य उपस्थित रहे।