
बरसाना (Barsana) का कीर्ति मंदिर (Kirti Temple): कृष्ण जन्माष्टमी (Krishna Janmashtami) के 15 दिन बाद राधा अष्टमी (Radha Ashtami) का पर्व मनाया जाता है। मान्यताओं के अनुसार, राधा अष्टमी भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि के दिन राधा रानी (Radha Rani) का जन्म हुआ था। इस मौके पर आप बरसाना स्थित लाड़ली जी के मंदिर में राधा रानी के दर्शनों के लिए जा रहे हो तो पास ही कीर्ति मंदिर भी जरूर हो कर आये । कीर्ति मंदिर बरसाने का एक खास मंदिर है जो देवी राधा और उनकी मां को समर्पित है। यह मंदिर वास्तुकला का बेजोड़ नमूना है।
ये मंदिर दुनिया का अकेला ऐसा मंदिर है, जहां राधा-रानी (Radha Rani) मां की गोद में विराजती हैं। मंदिर के गर्भगृह के दरवाजे की दोनों ओर अष्ट सखियां राधा के बाल स्वरूप को निहारती नजर आती हैं। यहां राधा के जीवन से जुड़ी विभिन्न झांकियां भी देखने के मिलती हैं। राधा कृष्ण की झांकी पर्यटकों का मन मोह लेती है। यहां कहीं पर श्री कृष्ण राधा-रानी (Radha Rani) को झूला झुलाते नजर आते हैं तो कहीं पर वो सखियों के साथ रास रचाते दिखाई देते हैं।


कीर्ति मंदिर की आधारशिला साल 2006 में जगदगुरु कृपालु महाराज (Jagadguru Kripalu Maharaj) ने रखी थी। उनके देह त्याग के बाद उनकी तीन पुत्रियों ने इस मंदिर के निर्माण का कार्य पूरा कराया था। करीब 13,200 वर्ग फीट में फैले इस मंदिर के गुंबद में 25 स्वर्ण कलश लगाए गए हैं। कीर्ति मंदिर के निर्माण में 12 साल का समय लगा था, और इसे 500 मजदूरों ने बनाया था। मंदिर की छत पर इटेलियन मार्बल लगाया गया है।
कीर्ति मंदिर रंगीली महल से करीब 350 मीटर व श्री राधा रानी (Radha Rani) मंदिर 1.1 किमी दूर स्थित है। यह मंदिर वृन्दावन (Vrindavan) के प्रेम मंदिर (Prem Mandir) का एक छोटा रूप है। रात को इस मंदिर की लाइटिंग बहुत ही आकर्षक लगती है। रंग बिरंगी रौशनी में नहाया मंदिर पर्यटकों को खूब लुभाता है। यहां हर रोज हजारों की संख्या में पर्यटक भगवान के दर्शन करने पहुंचते हैं।
बरसाने का कीर्ति मंदिर :
(Disclaimer: इस स्टोरी (लेख) में दी गई सूचनाएं सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित हैं। यह पाठ्य सामग्री आम धारणाओं और इंटरनेट पर मौजूद सामग्री के आधार पर लिखी गई है। thenewsworld24.com इनकी पुष्टि नहीं करता है। इन तथ्यों को अमल में लाने से पहले संबधित विशेषज्ञ से संपर्क करें।)