
- तिलम संघ (Tilam Sangh) की राजफैड़ में विलय की प्रक्रिया होगी शुरू.
- सहकारिता के ढांचे को मजबूत करने की दिशा में यह कदम उठाया.
जयपुर । सहकारिता मंत्री उदयलाल आंजना ने गुरूवार को शासन सचिवालय में तिलम संघ (Tilam Sangh) के राजफैड में विलय को लेकर हुई बैठक की अध्यक्षता की।
आंजना ने कहा कि तिलम संघ को राजफैड में विलय करने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। तिलम संघ (Tilam Sangh) वर्तमान में लगभग 167 करोड़ रुपये के घाटे में है तथा लगभग 151 करोड़ रुपये की देनदारिया है। उन्होंने कहा कि सहकारिता के ढांचे को मजबूत करने की दिशा में यह कदम उठाया जा रहा है।


आंजना ने कहा कि वर्ष 1991 से पहले तिलम संघ राजफैड का ही अंग था लेकिन विश्व बैंक की शर्तो के आधार पर 1991 में राजफैड से अलग कर तिलम संघ की स्थापना की गई थी। वर्ष 2008 से तिलम संघ के तीनों उत्पादन संयत्र (कोटा, श्रीगंगानगर एवं फतेहनगर) बंद है। इन संयत्रों की मशीनरी भी पुरानी हो चुकी है।
सहकारिता मंत्री ने कहा कि तिलम संघ के राजफैड में विलय से राजफैड को भी फायदा होगा तथा राजफैड में अधिकारियों एवं कर्मचारियों के रिक्त पदों की भी पूर्ति हो जाएगी। उन्होंने कहा कि तिलम संघ के पास बाजार दर से लगभग 500 करोड़ की संपत्तियां है, जो राजफैड़ में तिलम संघ के विलय होने पर राजफैड के पास आ जाएगी।
तिलम संघ (Tilam Sangh) के राजफैड़ में विलय की प्रक्रिया को नियमानुसार किया जाए:-
आंजना ने निर्देश दिए कि तिलम संघ के राजफैड़ में विलय की प्रक्रिया को नियमानुसार किया जाए। तिलम संघ में वर्तमान में 113 कार्मिक कार्यरत है। जिनमें से 40 कार्मिक अगले वर्ष सेवानिवृत हो रहे है। तिलम संघ के विलय होने पर 89 कार्मिक राजफैड में समायोजित होंगे।
बैठक में प्रमुख शासन सचिव सहकारिता कुंजीलाल मीणा, रजिस्ट्रार मुक्तानन्द अग्रवाल, प्रबंध निदेशक राजफैड़ श्रीमती सुषमा अरोड़ा, संयुक्त शासन सचिव (सहकारिता) नारायण सिंह, अतिरिक्त रजिस्ट्रार (मार्केटिंग) एम.पी. यादव सहित राजफैड एवं तिलम संघ के अधिकारी उपस्थित थे।
प्रारंभ में बैठक के समक्ष तिलम संघ की वस्तुस्थिति पर प्रबंध निदेशक तिलम संघ (Tilam Sangh) राधेश्याम मीणा ने जानकारी दी।