प्रदेश में अंगदान की मुहिम को मिले नए आयाम: चिकित्सा मंत्री की पहल एवं अतिरिक्त मुख्य सचिव के प्रयासों से साकार हो रहा अंगदान को बढ़ावा देने का संकल्प, 39 वर्षीय भूरिया ने तीन लोगों को दिया जीवनदान

चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री  की पहल पर राजस्थान अंगदान (Organ Donation) के क्षेत्र में प्रतिबद्धता के साथ आगे बढ़ रहा है।
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री की पहल पर राजस्थान अंगदान (Organ Donation) के क्षेत्र में प्रतिबद्धता के साथ आगे बढ़ रहा है।

जयपुर। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री (Medical and Health Minister) गजेन्द्र सिंह की पहल पर राजस्थान अंगदान (Organ Donation) के क्षेत्र में प्रतिबद्धता के साथ आगे बढ़ रहा है। अंगदान (Organ Donation) की ऑनलाइन शपथ में अव्वल मुकाम हासिल करने के बाद अब प्रदेश में अंगदान करने को भी बढ़ावा मिल रहा है। इस मुहिम में अब झालावाड़ मेडिकल कॉलेज (halawar Medical College) भी शामिल हो गया है। शनिवार को यहां एक ब्रेन डेड मरीज के ऑर्गन रिट्राइवल के लिए संवेदनशीलता के साथ प्रयास कर अंगदान महाभियान को आगे बढ़ाया गया।

चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव शुभ्रा सिंह ने अंगदान के इस पुनीत कार्य में विशेष प्रयास करते हुए झालावाड़ मेडिकल कॉलेज को ऑर्गन एण्ड ट्श्यिू रिट्राइवल के लिए सर्टिफिकेट जारी करवाया। साथ ही, ब्रेन डेड मरीज के परिजनों की काउंसलिंग के बाद ऑर्गन रिट्राइवल की सहमति मिलते ही इस कार्य में सहयोग के लिए जयपुर एवं कोटा मेडिकल कॉलेज तथा जोधपुर एम्स (AIIMS) से चिकित्सकों के दल रवाना करने के निर्देश दिए।

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जयपुर, कोटा एवं जोधपुर से गए चिकित्सा विशेषज्ञों के दलों ने झालावाड़ मेडिकल कॉलेज के चिकित्सकों के साथ अंगदान (Organ Donation) के इस कार्य को मूर्त रूप दिया। ब्रेन डेड मरीज से किडनी, लिवर एवं कॉर्निया प्राप्त किए गए। इनमें से एक किडनी तथा लिवर सवाई मानसिंह अस्पताल जयपुर तथा एक किडनी एम्स जोधपुर को आवंटित की गई। इन अंगों को तत्काल प्रभाव से जरूरतमंद मरीजों तक पहुंचाने के लिए राजस्थान ट्रैफिक पुलिस की सहायता से ग्रीन कॉरिडोर बनाया गया। चार एम्बुलेंस के माध्यम से इन अंगों को जयपुर एवं जोधपुर पहुंचाया गया।

और इस तरह तीन लोगों को जीवनदान दे गए 39 वर्षीय भूरिया—

एसआरजी हॉस्पिटल एंड झालावाड़ मेडिकल कॉलेज में 21 फरवरी 2024 को छत से गिरने के कारण घायल हुए 39 वर्षीय भूरिया को भर्ती कराया गया था। गहरी चोट के कारण भूरिया ब्रेन डेड हो चुके थे। चिकित्सकों द्वारा ब्रेन डेड घोषित करने के बाद झालावाड़ मेडिकल कॉलेज प्रशासन एवं झालावाड़ के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. साजिद खान ने यह सूचना राज्य सरकार को दी तो चिकित्सा मंत्री गजेन्द्र सिंह एवं अतिरिक्त मुख्य सचिव शुभ्रा सिंह ने परिजनों से अंगदान (Organ Donation) की सहमति प्राप्त करने के निर्देश दिए। परिजनों से सहमति प्राप्त होते ही शनिवार को अवकाश के दिन ही झालावाड़ मेडिकल कॉलेज को अंग रिट्राइवल के लिए सर्टिफिकेट जारी किया गया। तत्काल प्रभाव से जयपुर, जोधपुर एवं कोटा से चिकित्सकों के दल इस कार्य में सहयोग के लिए रवाना किए गए।

चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की अंगदान (Organ Donation) को बढ़ावा देने की प्रतिबद्धता और ब्रेन डेड मरीज भूरिया की धर्मपत्नी संजू, माता एवं भाई के मानवता को समर्पित भाव से अंगदान (Organ Donation) की यह पहल मूर्त रूप लेने की दिशा में आगे बढ़ी और अपने जीवन के बाद भूरिया अपनी किडनियां एवं लिवर दान कर तीन लोगों को नया जीवन दे गए। अंगदाता भूरिया के गाँव किटिया में प्रशासन द्वारा उनका ससम्मान अंतिम संस्कार किया जाएगा।

प्रदेश का 58वां अंगदान (Organ Donation)

उल्लेखनीय है कि झालावाड़ प्रदेश का पहला नॉन ट्रांसप्लांट ऑर्गन रिट्रीवल सेंटर बना है, जहां पर ब्रेन डेड घोषित किए गए मरीज के परिवार की सहमति के बाद 3 अंगों को दूसरे शहर में प्रत्यारोपित किया जाएगा। यह प्रदेश का 58वां अंगदान (Organ Donation) है।

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