जयपुर। मुख्य सचिव (Chief Secretary) सुधांश पंत ने कहा है कि नेत्रदान (Eye Donation) के प्रति आमजन को प्रेरित और प्रोत्साहित कर जरूरतमंद व्यक्तियो को कॉर्निया उपलब्ध करवाकर उनके जीवन मे रोशनी लायी जा सकती है। उन्होंने आमजन में नेत्रदान (Eye Donation) के प्रति जागरूकता बढ़ाने की आवश्यकता प्रतिपादित की।
पन्त रविवार को प्रातः भट्टारकजी की नसिया सभागार में आई बैंक सोसायटी ऑफ़ राजस्थान (Eye Bank Society of Rajasthan) द्वारा आयोजित नेत्रदानी परिवार सम्मान समारोह को मुख्य अतिथि के रुप में संबोधित कर रहे थे।
पंत ने आमजन को नेत्रदान (Eye Donation) के प्रति जागरूक कर कॉर्निया उपलब्ध कराने में सहयोग के लिए आई बैंक सोसायटी ऑफ़ राजस्थान के प्रति साधुवाद व्यक्त किया। उन्होंने ऑर्गन डोनेशन के बारे में बनाये गए पोर्टल के बारे में जानकारी दी। इस पोर्टल पर सरल प्रक्रिया से ऑर्गन डोनेशन (Organ donation) किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि कैडेबर कॉर्निया ट्रांसप्लांट की प्रक्रिया अत्यंत सरल है।
इस अवसर पर नेत्रदानी परिवार सम्मान के साथ ही आई बैंक सोसायटी ऑफ़ राजस्थान में उल्लेखनीय योगदान देने वाले कार्यकर्ताओ का भी सम्मान किया गया। श्री योगेश मित्तल ने एक लाख रुपये की सहयोग राशि के साथ ही अन्य दानदाताओं ने सोसायटी की सहायतार्थ चैक प्रदान किये।
आई बैंक सोसायटी ऑफ़ राजस्थान के अध्यक्ष सेवानिवृत्त आईएएस बी. एल. शर्मा ने बताया कि वर्ष 2002 में आई बैंक सोसायटी ऑफ़ राजस्थान की स्थापना की गई। अब तक 24 हजार नेत्रदान करवाकर 14 हजार का प्रत्यारोपण किया जा चुका है। सोसायटी द्वारा गुणवत्ता पर विशेष ध्यान दिया जाता है और इसी का परिणाम है कि अंतरराष्ट्रीय स्तर के बराबर 65 प्रतिशत कॉर्निया काम मे लिया जा रहा है। गत वर्ष 2300 कॉर्निया ट्रांसप्लांट (Cornea Transplants) किये गए।
एसएमएस अस्पताल अधीक्षक डॉ. अचल शर्मा ने कॉर्निया ट्रांसप्लांट करने की प्रक्रिया के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि सर्वप्रथम चेकोस्लोवाकिया के एक डॉक्टर ने वर्ष 1905 में कॉर्निया ट्रांसप्लांट किया और अब विश्वभर में कॉर्निया ट्रांसप्लांट कर जरूरतमंदो को रोशनी प्रदान की जा रही है।
उच्च न्यायालय के चीफ जस्टिस रहे जस्टिस एन. के. जैन ने नेत्रदानी परिवारों का अभिनंदन करते हुए कहा कि उनके परिजन से मृत्युपरांत प्राप्त कॉर्निया से किसी को नेत्र ज्योति प्राप्त हुई है। उन्होंने आमजन से समाज के प्रति अधिक उत्तरदायी होते हुए नेत्रदान (Eye Donation) करने की अपील की।
सेवानिवृत्त मुख्य सचिव अरुण कुमार ने नेत्रदान के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने के लिए आई बैंक सोसायटी ऑफ़ राजस्थान से जुड़े सभी व्यक्तियों एवं उनके परिजनों को धन्यवाद दिया।
आई बैंक सोसायटी ऑफ़ राजस्थान के सचिव ललित कोठारी ने अतिथियों का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि कॉर्निया केवल मृत शरीर से ही प्राप्त हो सकता है और जरूरतमंद व्यक्ति को रोशनी प्रदान की जा सकती है। उन्होंने बताया कि अब तक आई बैंक सोसायटी ऑफ़ राजस्थान के सहयोग से 14 हजार व्यक्तियों को कॉर्निया उपलब्ध करवाकर उन्हें रोशनी प्रदान की गई है।
नेत्रदानी परिवार के योगेश मित्तल ने अपनी माताजी की मृत्यु उपरांत उनकी इच्छा के अनुसार उषा बापना के सहयोग से नेत्रदान करने के बारे मे जानकारी दी। उन्होंने नेत्रदान के संबंध में एक एप बनाने में सहयोग की पेशकश की। नेत्रदानी परिवार के राजकुमार ने बताया कि उन्होंने सड़क दुर्घटना में अपने युवा पुत्र आशीष के निधन के बाद कामरा की प्रेरणा से नेत्रदान किया। साथ ही बीमा से प्राप्त होने वाली राशि दान करने का निर्णय लिया। उन्होंने पाठ्यक्रम में अंगदान को शामिल करने का सुझाव दिया।
कॉर्निया से नेत्रज्योति प्राप्त करने वाली श्रीमती करमा बाई ने आई बैंक सोसायटी ऑफ़ राजस्थान एवं नेत्रदानी परिवार का आभार जताया। इस अवसर पर लक्ष्मण बोलिया द्वारा संपादित नेत्रज्योति पत्रिका के वार्षिक अंक का विमोचन किया गया। इस पत्रिका के संपादक लक्ष्मण बोलिया ने अतिथियों को पत्रिका की प्रति भेंट की।
आई बैंक सोसायटी ऑफ़ राजस्थान के उपाध्यक्ष व सेवानिवृत्त डीजी कपिल गर्ग ने भी धन्यवाद ज्ञापित किया।