राजस्थान ग्रामीण पर्यटन योजना: राजस्थान ग्रामीण पर्यटन योजना लागू, प्रदेश की ग्रामीण संस्कृति और स्थानीय रोजगार को मिलेगा बढ़ावा

राज्य में ‘राजस्थान ग्रामीण पर्यटन योजना‘ (Rajasthan Rural Tourism Scheme) लागू कर दी गई है।
राज्य में ‘राजस्थान ग्रामीण पर्यटन योजना‘ (Rajasthan Rural Tourism Scheme) लागू कर दी गई है।

जयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Chief Minister Ashok Gehlot) ने ग्रामीण क्षेत्रों में पर्यटन (Tourism) को बढ़ावा देने के लिए राज्य बजट में ‘राजस्थान ग्रामीण पर्यटन योजना‘ (Rajasthan Rural Tourism Scheme) की घोषणा की थी। यह योजना लागू कर दी गई है।

राज्य सरकार द्वारा गांवों के जीवन, कला संस्कृति और विरासत को प्रदर्शित करने वाली पर्यटन इकाइयों को बढ़ावा दिया जाएगा। योजना (Rajasthan Rural Tourism Scheme) के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों में पर्यटन इकाइयां स्थापित होने से स्थानीय लोक कला को प्रोत्साहन और हस्तशिल्प का संरक्षण होगा। इससे ग्रामीण इलाकों में स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के अवसर भी उपलब्ध हो सकेंगे।

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स्टाम्प ड्यूटी में 100 प्रतिशत की छूट दी जाएगी। आरंभ में 25 प्रतिशत स्टाम्प ड्यूटी देय होगी, पर्यटन इकाई शुरू होने का प्रमाण-पत्र प्रस्तुत करने पर पुनर्भरण किया जाएगा। देय एवं जमा एसजीएसटी का 10 वर्षों तक 100 प्रतिशत पुनर्भरण किया जाएगा। ‘मुख्यमंत्री लघु उद्योग प्रोत्साहन योजना‘ के तहत 25 लाख रुपये तक के ऋण पर 8 प्रतिशत के स्थान पर 9 प्रतिशत ब्याज अनुदान दिया जाएगा।

ग्रामीण पर्यटन इकाइयों को भू-संपरिवर्तन एवं बिल्डिंग प्लान अनुमोदन की जरूरत नहीं होगी। वन विभाग के अधीन क्षेत्र में ग्रामीण पर्यटन का प्रोत्साहन राज्य इको टूरिज्म पॉलिसी, 2021 के प्रावधानों के अनुसार किया जाएगा। स्थानीय लोक कलाकारों एवं हस्तशिल्पियों तथा ग्रामीण स्टार्टअप को अनुमोदन एवं देय लाभों में प्राथमिकता दी जाएगी।

ग्रामीण क्षेत्रों में गेस्ट हाउस पंजीकृत किए जाएंगे, जिनमें 6-10 कमरे होंगे। ये कमरे पर्यटकों के ठहरने के लिए किराए पर उपलब्ध होंगे। गेस्ट हाउस में पर्यटकों के भोजन की व्यवस्था भी होगी।

कृषि भूमि पर अनुमोदित पर्यटन इकाई न्यूनतम 2,000 वर्गमीटर एवं अधिकतम 2 हेक्टेयर पर स्थापित होगी। इसके 90 प्रतिशत हिस्से में कृषि और बागवानी कार्य, ऊंट फार्म, घोड़ा फार्म, पक्षी एवं पशुधन, फसल बोने के लिए, हस्तशिल्प, बगीचे आदि गतिविधियां पर्यटकों को ग्रामीण परिवेश उपलब्ध करवाया जाएगा।

कृषि भूमि पर न्यूनतम 1,000 वर्गमीटर एवं अधिकतम एक हेक्टेयर पर कैम्पिंग साइट स्थापित हो सकेगी। इसके 10 प्रतिशत हिस्से पर टेन्ट में अस्थाई आवास की व्यवस्था होगी। शेष हिस्से में ऊंट फार्म, घोड़ा फार्म, पशुधन, बगीचे आदि गतिविधियां होंगी।

कृषि भूमि पर न्यूनतम 1,000 वर्ग मीटर एवं अधिकतम 1 हेक्टेयर पर कैरावैन पार्क स्थापित हो सकेगा। इस पर अतिथियों के वाहन पार्क किए जाने के बुनियादी सुविधाओं का विकास होगा। पर्यटन विभाग द्वारा पूर्व में जारी होम स्टे (पेईंग गेस्ट हाउस) स्कीम ग्रामीण क्षेत्र में भी लागू है। इसके तहत आवास मालिक द्वारा स्वयं के आवास में पर्यटकों को 5 कमरों तक आवास सुविधा उपलब्ध होगी।

उल्लेखनीय है कि इस योजना (Rajasthan Rural Tourism Scheme) के तहत ग्रामीण गेस्ट हाउस, कृषि पर्यटन इकाई, कैम्पिंग साइट, कैरावैन पार्क का प्रोजेक्ट अनुमोदन और पंजीकरण पर्यटन विभाग के संबधित पर्यटक स्वागत केंद्र द्वारा किया जाएगा। साथ ही ग्रामीण पर्यटन इकाइयों के लिए 15 फ़ीट चौड़ी सड़क होना आवश्यक होगा।

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