परीक्षा में नक़ल करवाने व पेपर लीक करने पर 10 करोड़ रूपये तक का जुर्माना: परीक्षार्थियों को 3 साल तक का कारावास, विधेयक पारित

राजस्थान विधानसभा ने गुरूवार को राजस्थान सार्वजनिक परीक्षा (भर्ती में अनुचित साधनों की रोकथाम के अध्युपाय) विधेयक (Rajasthan Public Examination Bill) , 2022 ध्वनिमत से पारित कर दिया।
राजस्थान विधानसभा ने गुरूवार को राजस्थान सार्वजनिक परीक्षा (भर्ती में अनुचित साधनों की रोकथाम के अध्युपाय) विधेयक (Rajasthan Public Examination Bill) , 2022 ध्वनिमत से पारित कर दिया। File Photo

जयपुर। राजस्थान विधानसभा (Rajasthan Assembly) ने गुरूवार को राजस्थान सार्वजनिक परीक्षा (भर्ती में अनुचित साधनों की रोकथाम के अध्युपाय) विधेयक (Rajasthan Public Examination Bill), 2022 ध्वनिमत से पारित कर दिया।

इससे पहले उच्च शिक्षा राज्य मंत्री राजेंद्र यादव ने विधेयक को सदन में चर्चा के लिए प्रस्तुत किया। विधेयक (Bill) पर सदन में चर्चा के बाद यादव ने बताया कि परीक्षाओं में अनुचित साधनों की रोकथाम के लिए मुख्यमंत्री (Chief Minister) संवेदनशील है। उन्होंने ऐसे प्रकरणों में सख्त से सख्त कानून लाकर कार्रवाई करने के निर्देश दिये है। राज्य सरकार इस विधेयक (Rajasthan Public Examination Bill) के जरिये भर्ती प्रक्रिया को अधिक पारदर्शिता के साथ करायेगी।

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यादव ने बताया कि अब अनुचित साधनों का प्रयोग करने वाले परीक्षार्थियों के लिए दंडात्मक प्रावधान के अंतर्गत तीन साल तक का कारावास, न्यूनतम एक लाख रूपये का अर्थदंड एवं सार्वजनिक परीक्षा से दो वर्ष के लिए वंचित किया जायेगा। परीक्षा एजेंसी के साथ मिलीभगत कर अनुचित साधनों का प्रयोग करने वाला परीक्षार्थी सहित किसी भी व्यक्ति को 5 से 10 वर्ष तक कारावास एवं 10 लाख से 10 करोड़ रूपये तक का अर्थदंड दिये जाने का प्रावधान किया गया है।

अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक स्तर के अधिकारी या उससे ऊपर के अधिकारी होंगे अनुसंधान अधिकारी:

यादव ने बताया कि अपराध के आगम से प्राप्त सम्पत्ति की जब्ती, कुर्की व राजसात करने के संबंध में प्रावधान किये गये है। इसमें अनुसंधान अधिकारी द्वारा राज्य सरकार की पूर्वानुमति से चल या अचल सम्पत्ति को जब्त किया जा सकेगा। मैनेजमेंट या संस्था द्वारा अपराध करने पर उस संस्था को सदैव के लिए बैन एवं दोषी पाये जाने पर परीक्षा पर हुए खर्चे की भरपाई के लिए संस्था या प्रबंधन की सम्पत्ति को नीलाम किया जायेगा। इस प्रकार के अपराध संज्ञेय, गैर जमानती एवं नॉन कम्पाउंडेबल होंगे। अपराधों की ट्रायल के लिए सेशन कोर्ट का प्रावधान किया गया है। अनुसंधान अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक स्तर के अधिकारी या उससे ऊपर के अधिकारी द्वारा किया जायेगा।

उच्च शिक्षा राज्य मंत्री ने बताया कि 1992 के अधिनियम के अनुसार परीक्षार्थियों के द्वारा अनुचित साधनों का प्रयोग किये जाने पर तीन साल तक कारावास अथवा दो हजार रूपये तक का जुर्माना अथवा दोनों का प्रावधान रहा है। उन्होंने कहा कि हम सभी को आरोप-प्रत्यारोप के बजाय समाज के लिए कलंक ऐसे मामलों की रोकथाम के प्रयास करने चाहिए। इस विधेयक (Rajasthan Public Examination Bill) से सख्ती आयेगी, आगे और भी सुझाव आने पर धाराएं जोड़ सकते है। राज्य सरकार द्वारा शिक्षा क्षेत्र के विकास के लिए रेग्युलेटरी ऑथोरिटी ला रहे है। इससे शिक्षा के सभी क्षेत्र एक अम्ब्रेला के नीचे आ जायेंगे।

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