- वीसी के माध्यम से होगी शासन सचिवालय (Secretariat) में आयोजित होने वाली बैठकें.
- कोरोना से बचाव के लिए मुख्य सचिव की नई पहल.
- सिलिकोसिस रोगी (Silicosis patients) सरकारी सहायता से वंचित नहीं रहे.
जयपुर । शासन सचिवालय (Secretariat) में आयोजित होने वाली बैठकें अब वीसी के माध्यम से होगी। मुख्य सचिव राजीव स्वरूप (Chief secretary Rajeeva Swarup) ने कोरोना संक्रमण के मध्यनजर नई पहल करते हुए बैठकों के स्वरूप में बदलाव किया है। अब सचिवालय (Secretariat) में आयोजित की जाने वाली अधिकतर बैठकें कॉन्फ्रेंस हॉल एवं कमेटी रूम के स्थान पर वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से की जायेगी। मुख्य सचिव ने सोमवार को शीर्ष अधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस कर इसकी शुरुआत की।
शीघ्र सर्वे कराकर सभी को सहायता मुहैया कराएं – मुख्य सचिव
मुख्य सचिव राजीव स्वरूप ने सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग की शासन सचिव श्रीमती गायत्री राठौड़ की मौजूदगी में सोमवार को अपने कक्ष से वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से विभिन्न विभागों के उच्च अधिकारियों के साथ सिलिकोसिस प्रकरणों की समीक्षा की। इस वीसी बैठक से खान एवं पेट्रोलियम विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव सुबोध अग्रवाल, वित्त विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव निरंजन आर्य, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख शासन सचिव अखिल अरोड़ा, श्रम विभाग के शासन सचिव नीरज कुमार पवन ने अपने -अपने कक्ष से जुडकर भाग लिया।
मुख्य सचिव ने सभी अधिकारियों से बैठक के इस नए स्वरूप के बारे में राय जानी। सभी ने इस नई पहल का समर्थन करते हुए कहा कि वीसी के माध्यम से सभी बिन्दुओं पर बहुत सहज ढंग से संवाद हुआ है और इससे कोरोना संक्रमण से बचने के साथ ही समय की भी बचत होगी। पहली वीसी के सार्थक परिणाम मिलने के बाद मुख्य सचिव ने सभी विभागों के अतिरिक्त मुख्य सचिव, प्रमुख शासन सचिव और शासन सचिव को भी उनके द्वारा की जाने वाली बैठके यथासंभव वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से ही करने के निर्देश दिए। मुख्य सचिव ने सिलिकोसिस रोगियों के प्रमाणीकरण और भुगतान से संबंधित प्रकरणों की विस्तार से समीक्षा की।
शासन सचिवालय (Secretariat) में वीसी के माध्यम से होगी बैठकें:-
शासन सचिवालय (Secretariat) के कॉन्फ्रेंस हॉल एवं समिति कक्ष में आयोजित की जाने वाली बैठकों के लिए अधिकारियों को तय समय से पहले आना होता है और बैठक समाप्त होने के बाद अपने कक्ष में जाकर कामकाज शुरू करने में भी समय लगता है। इस नई पहल के बाद वीडियो कॉन्फ्रेंस के दौरान अधिकारी नियत समय पर अपने कक्ष से ही बैठक से जुड़ जायेंगे और वीसी समाप्त होने के तुरंत बाद अपने कार्यालय का काम शुरू कर सकेंगे।
सिलिकोसिस रोगी (Silicosis patients) सरकारी सहायता से वंचित नहीं रहे:-
मुख्य सचिव राजीव स्वरूप ने कहा कि प्रदेश में सिलिकोसिस बीमारी (Silicosis disease) से पीड़ित कोई भी व्यक्ति सरकारी सहायता से वंचित नहीं रहना चाहिए। उन्होंने इसके लिए शीघ्र सर्वे शुरू कराकर प्रमाणीकरण एवं सहायता राशि के भुगतान की कार्यवाही करने के निर्देश दिए।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की सिलिकोसिस पीड़ितों को समय पर सरकारी राहत पहुंचाना प्रमुख प्राथमिकता है। उन्होंने इसके लिए पूरे प्रदेश में सर्वे कराकर रोगियों को चिह्नित कर प्रमाणीकरण एवं सहायता राशि के भुगतान की कार्यवाही करने के निर्देश दिए।
मुख्य सचिव ने सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग को 10 दिन में सर्वे का प्लान प्रस्तुत कर कार्य शुरू करने के निर्देश दिए। सर्वे के दौरान 2018 से पहले ऑफलाइन आवेदन करने वाले पात्र लोगों को जिला कलक्टर के माध्यम से चिह्नित किया जाएगा। उसके बाद पोर्टल पर अपलोड कर पीड़ितों को नियमानुसार सहायता मुहैया कराई जाएगी। उन्होंने सिलिकोसिस के लम्बित प्रकरणों की समीक्षा करते हुए खान एवं श्रम विभाग को भी 10 दिन के भीतर सभी प्रमाणित प्रकरणों में भुगतान व चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग को सभी लम्बित प्रकरणों का शीघ्र प्रमाणीकरण कराने के निर्देश दिए।
बैठक में सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग की शासन सचिव श्रीमती गायत्री राठौड़ ने बताया कि डस्ट से होने वाली बीमारियों के लिए न्यूमोकोनोसिस निवारण निधि बनाई जा रही है, जिससे जिला कलक्टर की स्वीकृति के पश्चात् शीघ्रता से नियत समय पर भुगतान किया जा सकेगा। इस निधि में खान एवं श्रम विभाग के अंश के अलावा राज्य सरकार से फंड उपलब्ध करवाना प्रस्तावित है।
इस वीडियो कॉन्फ्रेंस बैठक से खान एवं पेट्रोलियम विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव सुबोध अग्रवाल, वित्त विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव निरंजन आर्य, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख शासन सचिव अखिल अरोड़ा एवं श्रम विभाग के शासन सचिव डॉ. नीरज कुमार पवन जुड़े हुए रहें।।