DGP Lathar: जानिये राजस्थान के नए DGP Lathar के बारे में

DGP Lathar: जानिये राजस्थान के नए DGP Lathar के बारे में
DGP Lathar: जानिये राजस्थान के नए DGP Lathar के बारे में (File Photo) (Photo: DGP Lathar)

जयपुर । बुधवार को महानिदेशक अपराध एम एल लाठर (Lathar) ने महानिदेशक पुलिस का अतिरिक्त कार्यभार सम्भाल लिया । भारतीय पुलिस सेवा के वर्ष 1987 बैच के अधिकारी लाठर (Lathar) को महानिदेशक पुलिस का अतिरिक्त कार्यभार दिया गया है।

हाल ही में डूंगरपुर जिले एवं उदयपुर के खेरवाडा कस्बे में कानून व्यवस्था की स्थिति उत्पन्न होने पर उदयपुर पहुंचकर लाठर (Lathar) ने स्थितियों को अतिशीघ्र सामान्य करने में उल्लेखनीय कार्य किया। वर्ष 2019 में लोकसभा चुनाव के दौरान बिना किसी स्थान पर पुर्नमतदान के शान्तिपूर्ण चुनाव सम्पन्न कराने का दायित्व बखूबी सम्भाला। इसी प्रकार पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ पहाडिया के निवास के समीप कई घरों में 4 जनवरी 1990 में हुई डकैती की घटना को मात्र 3 घण्टे में सुलझा दिया। इसके लिए उन्हे 2 हजार रूपये का नकद मय प्रशंसा पत्र पुरस्कार प्रदान किया गया।

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लाठर सिरोही, सीआईडी सीबी, दौसा, धौलपुर, कोटा ग्रामीण एवं उदयपुर के पुलिस अधीक्षक पद पर तैनात रहे हैं। उपमहानिरीक्षक के रूप में बीएसएफ बाडमेर व बीकानेर, आरएसी, सीआईडी इन्टेलिजेन्स व राजस्थान पुलिस अकादमी में सराहनीय सेवाएं प्रदान की। महानिरीक्षक पद पर पुलिस आयोजना एवं कल्याण, जयपुर रेज द्वितीय एवं आरएसी में सेवाएं दी। अतिरिक्त महानिदेशक के पद पर लाठर (Lathar) पुलिस आवासन, सीआईडी सिविल राईट्स एवं कानून व्यवस्था के दायित्वों को सम्भाला।

लाठर (Lathar) को एक सफल पुलिस अधिकारी के तौर पर विशेष रूप से दस्यु उन्मूलन तथा कानून व्यवस्था की विकट परिस्थितियों पर प्रभावी नियंत्रण स्थापित करने वाले अधिकारी के रूप में जाना जाता है।


वर्ष 1996 से 1998 में धौलपुर पुलिस अधीक्षक पद पर रहते हुए दस्यु उन्मूलन में अत्यन्न सराहनीय योगदान दिया। वर्ष 2006 में राजखेडा के पास डकैतों द्वारा 14 व्यक्तियों के अपहरण मामले में भिजवाये जाने पर उन्होंने विशेष अभियान चलाकर शीघ्र ही सफलता अर्जित की। इस अतिविशिष्ट कार्य के लिए उन्हे 32 बोर रिवाल्वर मय प्रंशसा पत्र भी प्रदान की गयी। वर्ष 2005 में टोंक के सुहेला कांड के समय कानून व्यवस्था की विकट स्थिति को मात्र 12 घण्टे में सामान्य करने के उनके योगदान को काफी सराहा गया था। वर्ष 2011 में भरतपुर के गोपालगढ गोलीकांड में 13 व्यक्तियों की मृत्यु हो जाने से उत्पन्न तनाव को नियंत्रण करने के लिए लाठर (Lathar) को विशेष रूप से तैनात किया गया था।

लाठर को वीरता के लिए पुलिस पदक, विशिष्ट सेवाओं के लिए राष्ट्रपति पुलिस पदक, बारटूपुलिस मैडल फॉर स्पेशल डयूटी, ऑपरेशन पराक्रम मैडल सहित कुल 6 पदको से अलंकृत किया जा चुका है। लाठर की पत्नी गृहणी एवं पुत्र कम्प्यूटर इंजीनियर तथा पुत्री आईआरएस अधिकारी है।

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