मुरादाबाद के बाद जयपुर सबसे ज्यादा ध्वनि प्रदूषण वाला शहर! ध्वनि प्रदूषण को ध्यान में रखते हुए पूरे प्रदेश में इस पर नियंत्रण के लिए उठाएं सख्त कदम – मुख्य सचिव

परिवहन विभाग, नगर निगम और प्रदूषण नियंत्रण मण्डल मिलकर ध्वनि प्रदूषण (Noise Pollution) को नियंत्रित करने की प्रभावी कार्य योजना बनाए- मुख्य सचिव।
परिवहन विभाग, नगर निगम और प्रदूषण नियंत्रण मण्डल मिलकर ध्वनि प्रदूषण (Noise Pollution) को नियंत्रित करने की प्रभावी कार्य योजना बनाए- मुख्य सचिव।

जयपुर। शुक्रवार को यहॉं शासन सचिवालय (Government Secretariat) में मुख्य सचिव (Chief Secretary) श्रीमती उषा शर्मा ने प्रदेश के विभिन्न शहरों में ध्वनि प्रदूषण (Noise Pollution) कम करने के लिए किये जा रहे प्रयासों तथा इसके लिए भविष्य की कार्ययोजना के संबंध में आयोजित बैठक को संबोधित किया।

उन्होंने कहा कि आमजन को ध्वनि प्रदूषण (Noise Pollution) से होने वाले नुकसान तथा इससे संबंधित नियमों के बारे में जागरूक किया जाए और साथ ही उनके द्वारा नियमों का सख्ती से पालन किया जाना भी सुनिश्चित किया जाये। ध्वनि प्रदूषण (Noise Pollution) को कैसे नियंत्रित करना है इस बारे में परिवहन विभाग (Transport Department), नगर निगम (Municipal Corporation) और प्रदूषण नियंत्रण मण्डल (Pollution Control Board) मिलकर प्रभावी कार्य योजना बनाएं।

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केन्द्र सरकार की ओर से हुए एक सर्वे की रिपोर्ट के अनुसार मुरादाबाद के बाद जयपुर सबसे ज्यादा ध्वनि प्रदूषण (Noise Pollution) वाला शहर:

श्रीमती शर्मा उन्होंने कहा कि हाल ही केन्द्र सरकार की ओर से हुए एक सर्वे की रिपोर्ट के अनुसार मुरादाबाद के बाद जयपुर (Jaipur) सबसे ज्यादा ध्वनि प्रदूषण (Noise Pollution) वाला शहर है। उन्होंने कहा कि यह एक गंभीर समस्या है, जिस पर त्वरित रूप से कार्यवाही की जानी चाहिये।

उन्होंने कहा कि शहर में विभिन्न स्थानों को औद्योगिक, वाणिज्यिक, आवासीय या शांत पेरिक्षेत्रों में वर्गीकृत किया जाना चाहिये। इसके बाद इन क्षेत्रों में किन-किन गतिविधियों पर रोक लगाई जाए यह भी तय किया जाए। श्रीमती शर्मा ने कहा कि इसके पश्चात् इस संबंध में आम जन को जागरूक किया जाना चाहिये। उन्होंने कहा कि नो हॉंन्किंग जैसे अभियान चलाए जाएं तथा स्कूल और अस्पताल जैसी जगहों के आसपास निर्धारित दूरी तक साइलेंट जोन घोषित किये जाएं। श्रीमती शर्मा ने कहा कि नियमों का उल्लंघन करने वालों पर सख्ती से जुर्माने का प्रावधान भी किया जाए।

मुख्य सचिव ने कहा कि ध्वनि प्रदूषण (Noise Pollution) के नियंत्रण के लिए यातायात और पुलिस विभाग द्वारा लगातार मॉनीटरिंग व पेट्रोलिंग की जाए, ताकि लोग नियमों का पालन गंभीरता से करें। उन्होंने कहा कि ध्वनि प्रदूषण (Noise Pollution) से होने वाले नुकसान के बारे में भी जनता को जागरूक करने के लिए प्रचार-प्रसार किया जाए।

इस अवसर पर वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग (Forest, Environment and Climate Change Department) के प्रमुख शासन सचिव शिखर अग्रवाल तथा पुलिस आयुक्त आनन्द कुमार श्रीवास्तव ने ध्वनि प्रदूषण (Noise Pollution) की रोकथाम के लिए पूर्व में की गई कार्यवाहियों तथा इस संबंध में केन्द्र सरकार तथा राज्य सरकार द्वारा दिये गए दिशा-निर्देशों तथा मौजूदा कानूनों एवं नियमों के बारे में जानकारी दी।

बैठक में यातायात विभाग, नगर निगम तथा राजस्थान राज्य प्रदूषण नियंत्रण मण्डल सहित संबंधित विभागों के अधिकारियों ने भाग लिया।

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