विपक्ष के भारी हंगामे के बीच नगरपालिका का बजट हुआ पारित, विधायक बोलते रहे और चेयरमैन बैठक समाप्त कर निकल गए

चौमूं नगर पालिका सभागार में पालिका बजट (Budget) एवं साधारण सभा की बैठक सोमवार को आयोजित की गई।
चौमूं नगर पालिका सभागार में पालिका बजट (Budget) एवं साधारण सभा की बैठक सोमवार को आयोजित की गई।
  • निर्दलीय पार्षद और बीजेपी पार्षदों ने जमकर बजाई टेबिलें.
  • समाज को बांट रहे विधायक -पूर्व विधायक भगवान सहाय सैनी.
  • विधायक रामलाल शर्मा ने अन्य विकास कार्यों को लेकर चिंता जाहिर की.
  • राजकीय कन्या महाविद्यालय का नाम बाबा साहेब डॉ भीमराव अंबेडकर के नाम पर रखा जाए.

जयपुर। चौमूं नगर पालिका सभागार में पालिका बजट (Budget) एवं साधारण सभा की बैठक सोमवार को आयोजित की गई। एक घण्टे चली बैठक जबरदस्त हंगामेदार रही। बैठक में निर्दलीय पार्षद के साथ भाजपा पार्षदों ने भी जमकर हंगामा किया। बैठक में 62 करोड रूपयों के बजट (Budget) का सर्व सम्मति से अनुमोदन किया गया। वही शहर के विकास को लेकर प्रस्ताव भी पारित किए गए।

सुबह 11 बजे नगरपालिका सभागार में बोर्ड की पहले बजट (Budget) की बैठक आयोजित हुई। बैठक में निर्दलीय पार्षद महेंद्र कुमावत ने बजट (Budget) के आंकड़ों पर सवाल किये लेकिन पालिका अकाउंटेंट से जवाब देते नहीं बना। आंकड़े सही नहीं मिलने पर निर्दलीय पार्षद महेंद्र कुमावत ने जमकर हंगामा किया। निर्दलीय पार्षद और बीजेपी पार्षदों ने जमकर टेबल बजाई।

HD मेकअप, हेयर स्पा, हेयर स्टाइलिंग, स्किन केयर, मैनीक्योर, आदि करवाना चाहते हो?
जेम्स हर्बल ब्यूटी पार्लर एंड ट्रेनिंग सेंटर
रावत शॉपिंग प्लाजा, चौमूँ , जयपुर
केवल महिलाओं के लिए
AD
जेम्स ब्यूटी पार्लर के बारे में अधिक देखे »

बैठक में अध्यक्ष और पार्षदों के मानदेय में बढ़ोतरी के प्रस्ताव पर भी निर्दलीय पार्षद ने हंगामा खड़ा कर दिया। कहा मनमर्जी से नहीं बढ़ाया जा सकता मानदेय। यह अधिकार केवल सरकार के पास है ,ऐसे में मनमर्जी किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं होगी।

इधर बजट (Budget) का अनुमोदन होने के बाद विधायक रामलाल शर्मा ने भी आपत्ति जताई उन्होंने कहा कि पिछली बार की तुलना में इस बार 18 करोड़ रुपयो के कम बजट (Budget) का अनुमोदन हुआ है। विधायक ने कहा सरकार की मंशा विकास करवाने की नहीं है। बैठक में पेयजल की समस्या का निस्तारण करने को लेकर भी चर्चा की गई।

बजट (Budget) के बाद साधारण सभा की बैठक में कई प्रस्ताव रखे गए जिन्हे भी पारित किया गया। लेकिन भाजपा व निर्दलीय पार्षदों ने राजकीय कन्या महाविद्यालय का नामकरण सावित्रीबाई फुले के नाम पर करने के प्रस्ताव परआपत्ति जताई।

इस पर विधायक रामलाल शर्मा ने राजकीय कन्या महाविद्यालय का नामकरण बाबा साहब भीमराव अंबेडकर के नाम पर करने का सुझाव दिया। लेकिन सत्ता पक्ष के बहुमत से कॉलेज के नामकरण का प्रस्ताव पारित हो गया।

इस दौरान विधायक रामलाल शर्मा बैठक में बार-बार अंबेडकर का नाम चिल्लाते रहे लेकिन विधायक की आवाज सत्ता पक्ष के पार्षदों ने दबा दी।राजकीय कन्या महाविद्यालय का नामकरण सावित्रीबाई फुले के नाम पर करने के प्रस्ताव पर जोरदार हंगामा हुआ। विधायक रामलाल शर्मा इस पर बोलते रहे और चेयरमैन व ईओ सहित सत्ता पक्ष के पार्षद बैठक समाप्त कर निकल गए।

विधायक रामलाल शर्मा ने कहा कि बाबा साहेब डॉ भीमराव अंबेडकर के नाम से राजकीय कन्या महाविद्यालय का नाम रखा जाए। विधायक रामलाल शर्मा के इस प्रस्ताव को कांग्रेस के पार्षदों ने खारिज किया और कांग्रेस पार्षदों द्वारा कहा गया कि अगर राजकीय कन्या महाविद्यालय का नामकरण होगा तो सावित्रीबाई फुले के नाम पर ही रखा जाएगा। साथ ही उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार की विकास कार्य करवाने की कोई मंशा नजर नहीं आ रही है।

पिछले वर्ष बोर्ड बैठक में 79 करोड़ का बजट (Budget) अनुमोदन किया गया था परंतु इस वर्ष सिर्फ 62 करोड का बजट अनुमोदन किया गया, जो पिछले बजट से लगभग 18 करोड कम है। जब संबंधित अधिकारियों को बजट (Budget) के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के द्वारा कुछ मदों में पैसा आता था उसे बंद कर दिया गया है इस कारण पिछले बजट (Budget) के मुकाबले कम बजट का अनुमोदन किया गया है। साथ ही विधायक रामलाल शर्मा ने अन्य विकास कार्यों को लेकर चिंता जाहिर की ।

वही पालिका की बोर्ड बैठक में काॅलेज के नाम पर हो रही राजनीति पर पूर्व विधायक भगवान सहाय सैनी ने कहा कि एक जनप्रतिनिधि को समाज के सभी लोगों को साथ लेकर चलना चाहिए। विधायक रामलाल शर्मा दो महान विभूतियों के नाम को लेकर राजनीति कर रहे हैं। महिला काॅलेज का नाम महिला विभूति के नाम पर हो तो यहां पढ़ने वाली छात्राओं के लिए सहज होगा।

विधायक का यह आरोप भी गलत है कि किसी समाज विशेेष की महिला के नाम पर काॅलेज का नाम रखा गया है। जबकि सावित्रीबाई फुले सर्व समाज की मान्य विभूति हैं, जिन्होंने महिला शिक्षा को बढ़ावा देते उन्हें समाज में उच्च स्थान दिलाया। एवं सावित्रीबाई फुले भारत की प्रथम महिला शिक्षिका थी।

वीडियो के माध्यम से पूरी खबर देखे:-

प्रातिक्रिया दे

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *