- अंगदान तथा अंग प्रत्यारोपण के क्षेत्र में और अधिक समर्पित भाव से कार्य करने की आवश्यकता.
- अंगदान (Organ donation) को उत्सव के रूप में मनाया जाना चाहिए.
- राजस्थान ऎसा पहला राज्य है, जहां ड्राइविंग लाइसेंस पर अंगदाता होने का चिन्ह अंकित करना प्रारंभ हुआ.
जयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री निवास से वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से अंगदान दिवस (Organ Donation) के अवसर मोहन फाउण्डेशन जयपुर सिटीजन फोरम (एमएफजेसीएफ) के तत्वावधान में जयपुर में बनाए गए अंगदाता स्मारक के उद्घाटन समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि अंगदान एक पुनीत कार्य है। एक व्यक्ति के अंगदान से कई लोगों के जीवन को बचाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि अंगदान को लेकर समाज में भ्रांतियों को दूर कर इसे जन आंदोलन का रूप देने की आवश्यकता है और हर व्यक्ति को अंगदान का संकल्प लेना चाहिए।
अंगदान (Organ Donation) तथा अंग प्रत्यारोपण के क्षेत्र में और अधिक समर्पित भाव से कार्य करने की आवश्यकता:
मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत में वर्तमान में अंगदान की दर प्रति दस लाख जनसंख्या पर मात्र 0.08 ही है, जबकि स्पेन में यह 35.01, अमरीका में 21.9, ब्रिटेन में 15.5 प्रति मिलियन है। देश में हर साल करीब दो लाख लोगों को किडनी, इतने ही लोगों को लिवर तथा 50 हजार लोगों को हार्ट ट्रांसप्लांट की जरूरत होती है। अंगदान (Organ Donation) के प्रति जागरूकता में कमी के कारण बहुत कम लोगों में ही अंग प्रत्यारोपित हो पाते हैं। उन्होंने कहा कि हमें अंगदान तथा अंग प्रत्यारोपण के क्षेत्र में और अधिक समर्पित भाव से कार्य करने की आवश्यकता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में ऑर्गन ट्रांसप्लांट की दिशा में हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं। सवाई मानसिंह मेडिकल कॉलेज में पिछले साल मानव अंग एवं उतक प्रत्यारोपण केन्द्र तथा कार्डियोथोरासिक हृदय प्रत्यारोपण ऑपरेशन थिएटर एवं गहन चिकित्सा इकाई का उदघाटन किया गया था। यह केन्द्र लोगों को अंगदान के लिए प्रेरित करने का भी काम कर रहा है।
गहलोत ने इस अवसर पर स्मारक से संबंधित पोस्टर का विमोचन किया। उन्होंने प्रदेश में अंगदान के प्रति सामाजिक जागरूकता लाने के लिए जयपुर सिटीजन फोरम के चैयरमेन राजीव अरोडा तथा एमएफजेसीएफ की कन्वीनर श्रीमती भावना जगवानी की सराहना की ।
समारोह की अध्यक्षता करते हुए नगरीय विकास मंत्री शांति धारीवाल ने कहा कि सामाजिक मान्यताओं के कारण लोगों को अंगदान के लिए प्रोत्साहित करना आसान कार्य नहीं है, लेकिन ऎसी संस्थाओं के प्रयासों से इस नेक काम को आगे बढ़ाने में मदद मिल रही है।
अंगदान (Organ Donation) को उत्सव के रूप में मनाया जाना चाहिए:
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने कहा कि अंगदान तथा अंग प्रत्यारोपण चिकित्सा के क्षेत्र में एक ऎसी क्रांति है जिससे लोगों के जीवन को बचाया जा सकता है। एक ब्रेन डेड घोषित व्यक्ति के शरीर से कॉर्निया, किडनी, लिवर, दिल, पैंक्रियाज, फेफडे, हार्ट वाल्व का प्रत्यारोपण कर लोगों को नया जीवन दिया जा सकता है। जयपुर ग्रेटर मेयर श्रीमती सौम्या गुर्जर ने कहा कि अंगदान को उत्सव के रूप में मनाया जाना चाहिए।
राजस्थान ऎसा पहला राज्य है, जहां ड्राइविंग लाइसेंस पर अंगदाता होने का चिन्ह अंकित करना प्रारंभ हुआ:
जयपुर सिटीजन फोरम के अध्यक्ष राजीव अरोड़ा ने कहा कि मुख्यमंत्री की प्रेरणा से जयपुर में भारत का पहला अंगदान (Organ Donation) स्मारक बन सका है। उन्होंने कहा कि राजस्थान ऎसा पहला राज्य है जहां ड्राइविंग लाइसेंस पर अंगदाता होने का चिन्ह अंकित करना प्रारंभ किया गया है। यह अपने आप में बड़ी पहल है। उन्होंने कहा कि राजस्थान पूरे उत्तर भारत में अंगदान के क्षेत्र में आगे आने वाला प्रमुख राज्य बन गया है।
एमएफजेसीएफ की कन्वीनर श्रीमती भावना जगवानी ने प्रदेश में अंगदान के लिए संस्था द्वारा किए जा रहे प्रयासों से अवगत कराया। उन्होंने कहा कि हमारा संकल्प है कि प्रदेश अंगदान (Organ Donation) के क्षेत्र में मिसाल कायम करे। स्मारक की डिजाइन तैयार करने वाले आर्किटेक्ट समीर व्हीटन ने भी संबोधित किया।