जयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Chief Minister Ashok Gehlot) ने राजस्थान मिशन 2030 (Rajasthan Mission-2030) को लेकर कृषि व बागवानी से जुड़े किसानों से संवाद किया। इससे पूर्व मुख्यमंत्री गहलोत हेलीकाप्टर से करीब पौने 3 बजे हेलिपैड पर उतरे जंहा से सड़क मार्ग द्वारा सभा स्थल पहुंचे। मुख्यमंत्री (Chief Minister) के साथ कृषि मंत्री लालचंद कटारिया व उद्योग मंत्री शकुंतला रावत भी कार्यक्रम में शामिल हुए। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने दीप प्रज्वल्लन कर कार्यक्रम का शुभारम्भ किया। कृषि मंत्री लालचंद कटारिया ने मुख्यमंत्री गहलोत को साफा व सूत की माला पहनाकर स्वागत किया। पूर्व विधायक भगवान सहाय सैनी, डॉ शिखा मील व लोकेश शर्मा द्वारा आगंतुक अतिथियों का स्वागत किया गया ।
मुख्यमंत्री (Chief Minister) अशोक गहलोत ने कहा कि राज्य सरकार ने कृषकों और पशुपालकों के कल्याण के लिए अभूतपूर्व फैसले किए हैं। देश में पहली बार अलग से कृषि बजट, कृषक कल्याण कोष का गठन, 2000 यूनिट प्रति माह निःशुल्क कृषि बिजली जैसे निर्णयों से किसानों को सम्बल मिला है।
गहलोत बुधवार को चौमूं के खेल स्टेडियम में राजस्थान मिशन-2030 के तहत कृषि एवं बागवानी से जुड़े किसानों से संवाद कार्यक्रम को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने किसानों और पशुपालकों से आह्वान किया कि वे राज्य सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं का अधिक से अधिक लाभ उठाएं।
मुख्यमंत्री (Chief Minister) ने कहा कि राजस्थान कृषि प्रसंस्करण, कृषि व्यवसाय एवं कृषि निर्यात प्रोत्साहन योजना के द्वारा कृषक स्वयं अपने उत्पादों की प्रोसेसिंग और मार्केटिंग कर रहे हैं। इस योजना में प्रसंस्करण इकाई स्थापित करने के लिए 2 करोड़ रुपए तक अनुदान दिया जा रहा है। प्राकृतिक आपदाओं से हुए नुकसान पर भी सरकार द्वारा सर्वे कराकर राहत प्रदान की गई है। कृषि यंत्रों की खरीद पर अनुदान दिया जा रहा है।
गहलोत ने कहा कि 40 हजार रुपए प्रति दुधारू पशु बीमा उपलब्ध कराने वाली कामधेनु पशु बीमा योजना वरदान साबित हो रही है। साथ ही, लम्पी रोग से मृत गायों के लिए 40-40 हजार रुपए का मुआवजा दिया गया है। राज्य सरकार द्वारा किसानों की जमीन की कुर्की रोकने सम्बंधित कानून बनाया गया।
मुख्यमंत्री (Chief Minister) ने कहा कि पिछले 5 साल में 51 कृषि महाविद्यालय खोले गए हैं, जहां विद्यार्थी कृषि क्षेत्र में भविष्य संवार रहे हैं। उन्होंने कहा कि पूर्ववर्ती सरकार ने 5 साल में लगभग 500 करोड़ रुपए गौवंश के लिए दिए। वहीं, वर्तमान सरकार द्वारा अब तक लगभग 3 हजार करोड़ रुपए का अनुदान दिया जा चुका है।
गहलोत ने कहा कि महात्मा गांधी नरेगा योजनान्तर्गत राजस्थान में 125 दिन के रोजगार से ग्रामीणों को आर्थिक सम्बल मिला है। उन्होंने कहा कि सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं की चर्चा पूरे देश में हो रही है।
कार्यक्रम में किसानों ने मुख्यमंत्री (Chief Minister) को अपने नवाचारों और राज्य सरकार की योजनाओं का लाभ उठाकर आय में हुई वृद्धि के बारे में बताया। इस दौरान उद्यानिकी विभाग के अधिकारियों ने विभाग से संबंधित योजनाओं, नवाचारों तथा उपलब्धियों के बारे में मुख्यमंत्री को जानकारी दी।
कार्यक्रम में कृषि मंत्री लालचंद कटारिया ने कहा कि किसानों की आर्थिक मजबूती के लिए पहली बार अलग से कृषि बजट पेश कर प्रोत्साहन दिया गया। दुग्ध एवं दलहन सहित विभिन्न फसलों के उत्पादन में राजस्थान प्रथम स्थान पर है।
कार्यक्रम में उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री शकुन्तला रावत, शाहपुरा विधायक आलोक बेनीवाल, पूर्व विधायक भगवान सहाय सैनी, पीसीसी सचिव ललित तुनवाल, ओबीसी प्रकोष्ठ के चेयरमैन हरसहाय यादव, एआईसीसी सदस्या रुक्षमणी कुमारी सहित स्थानीय जनप्रतिनिधि, अधिकारी तथा कृषि एवं बागवानी से जुड़े कृषक मौजूद थे।
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