निकाय चुनाव – 2020: मुद्दों पर नहीं लॉकडाउन (Lockdown) की सेवा पर दबेगा बटन

निकाय चुनाव - 2020: मुद्दों पर नहीं लॉकडाउन (Lockdown) कि सेवा पर दबेगा बटन
निकाय चुनाव – 2020: मुद्दों पर नहीं लॉकडाउन (Lockdown) कि सेवा पर दबेगा बटन
  • सफाई, पानी, सड़कों व नाली के मुद्दों पर नहीं बल्कि लॉक डाउन (Lockdown) की सेवा पर दबेगा बटन.
  • नए चेहरों को मिलेगा मौका, कई निवर्तमान लगेंगे साइड.

चौमूं (जयपुर)। नगर निकाय चुनाव को लेकर चुनाव आयोग ने पूरा कार्यक्रम घोषित कर दिया है। नगर पालिका चुनाव कार्यक्रम घोषणा के बाद प्रत्याशी भी खुलकर सामने आ रहे हैं। दीपावली के त्यौहार पर रामा श्यामा के बहाने दावेदारों ने अपने अपने वार्डो में जाकर अपनी स्थिति टटोली। इसके साथ ही जनता की समस्याओं से रूबरू भी हुए । लोगो ने स्थानीय समस्याओं के साथ लॉक डाउन (Lockdown) में हुई समस्याओं से भी अवगत कराया ।

सफाई, पानी, सड़कों व नाली के मुद्दों पर नहीं बल्कि लॉक डाउन (Lockdown) की सेवा पर दबेगा बटन:

नगर पालिका चुनाव में पार्टियां अपने-अपने मुद्दों पर चुनाव लड़ती हैं। जहां एक और सत्ता पक्ष अपनी उपलब्धियां गिनाता है तो वहीं दूसरी ओर विपक्ष सत्ता पक्ष की कमियों को मुद्दा बनाता है। सत्ता पक्ष क्षेत्र में करवाए गए विकास कार्यों पर वोट मांगता है तो वही विपक्ष जनता की समस्याओं को मुद्दा बना कर वोट मांगता है। पार्टियों के पास भले ही सफाई, पानी, सड़क, नाली व रोड लाइटों का मुद्दा हो , भले ही जीत का समीकरण जातिगत आधार हो ।

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लेकिन अबकी बार जनता विकास पर नहीं बल्कि लॉक डाउन की सेवा पर वोट करेगी। नगर पालिका क्षेत्र में ऐसे कई वार्ड हैं जहां लंबे समय से आज भी पानी, सड़क, सफाई, गंदे पानी की निकासी, नालियों व रोड लाइटों की समस्या बनी हुई है। लाख शिकायतों व प्रदर्शनों के बाद भी यह समस्या जस की तस है। जो किसी से छुपी हुई नहीं है। कई ऐसे भी मुद्दे हैं जिन्होंने किसी वार्ड को नहीं बल्कि पूरे नगर पालिका क्षेत्र को प्रभावित किया है चाहे वह सीवरेज लाइन का हो या पालिका क्षेत्र में पार्कों की बदहाली का या फिर अवैध अतिक्रमण का।

लेकिन इन सबसे अलग हटकर जनता को लॉकडाउन (Lockdown) के दौरान हुई समस्या का बड़ा मुद्दा रहा । लॉकडाउन भले ही गुजर गया हो लेकिन इस लॉकडाउन (Lockdown) ने आमजन को सुख दुख के साथी व कौन जनप्रतिनिधि कितना हितेषी की पहचान जरूर करवा दी। लॉकडाउन के दौरान कुछ ही जनप्रतिनिधि ऐसे थे जिन्होंने अपनी जनता की सुध ली।

जिन जनप्रतिनिधियों ने लॉक डाउन के दौरान अपनी जनता की सुध नहीं ली अब जनता भी उनकी कार सेवा के लिए तैयार बैठी है।‌ ऐसे में अब पालिका चुनाव में उन जनप्रतिनिधियों को फायदा मिलने वाला है जिन्होंने लॉकडाउन (Lockdown) के दौरान अपनी जनता के दुःख को बांटा व तन मन से सेवा की। फिर आगे जनता जनार्दन है कब नेताओं की मीठी गोली में आ जाए कुछ नहीं कहा जा सकता।

नए चेहरों को मिलेगा मौका, कई निवर्तमान लगेंगे साइड:


परिसीमन व आरक्षण के बाद बदले वार्डो से कई दिग्गजों की गणित भी बिगड़ गई है। इस स्थिति के चलते कईयों ने जहां चुनावों से किनारा करने का मन बना लिया है तो कई दूसरे वार्डों में अपना वजूद बैठाने में लगे रहे। सोशल मीडिया पर स्थिति देखने से तो लगता है अबकी बार युवाओं की ज्यादा दावेदारी रहेगी। बाजारों की चर्चाओं से लगता है कि पार्टियां भी ज्यादा से ज्यादा नए व युवा चेहरों को ही टिकट देने में रूचि रखेगी, बजाय पुराने चेहरों के। वही दावेदारों में नए चेहरे ही निकल कर सामने आ रहे हैं। हालांकि 22 नवंबर तक स्थिति साफ होगी। फिलहाल सभी पार्टियां जिताऊ उम्मीदवारों की तलाश में जुटी हुई है।


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