
जयपुर। किसानों को लाभकारी मूल्य देने सहित विभिन्न मांगों को लेकर भारतीय किसान संघ (Bhartiya Kisan Sangh) का एक दिवसीय राष्ट्रव्यापी धरना (Dharna) 8 सितंबर को आयोजित किया गया। देशभर में भारतीय किसान संघ (Bhartiya Kisan Sangh) के आह्वान पर बड़ी संख्या में किसान जुटें और प्रदर्शन(Protest) कर ज्ञापन (Memorandum) दिया। शहर में जिला कलेक्ट्रेट (District Collectorate) पर किसानों की ओर से प्रातः 11 बजे से धरना आयोजित किया गया।


भारतीय किसान संघ (Bhartiya Kisan Sangh) के प्रांत अध्यक्ष कालूराम ने बताया कि किसानों को उपज का पूरा मूल्य नहीं मिलने के कारण गरीब किसान कर्जदार होता जा रहा है। सरकार द्वारा घोषित एमएसपी केवल छलावा साबित हुई है। इसका लाभ केवल कुछ प्रतिशत किसानों को ही मिल पाता है। किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य नहीं, लागत के आधार पर लाभकारी मूल्य देना होगा। वहीं एक बार घोषित मूल्य के बाद उसके आदानों में होने वाली महंगाई को भुगतान में समायोजित कर वास्तविक मूल्य चुक ना चाहिए।
भारतीय किसान संघ (Bhartiya Kisan Sangh) के मंत्री सांवरमल सोलेट ने बताया कि भारतीय किसान संघ की माँग है कि लाभकारी मूल्य देने संबंधी कोई नीति घोषित करें। जिस पर फिलहाल सरकार की कोई सकारात्मक पहल नहीं दिखाई दी है। ऐसे में भारतीय किसान संघ (Bhartiya Kisan Sangh) आज आंदोलन करने पर मजबूर है।
सोलेट ने कहा कि केवल मूल्य घोषित करने से कुछ नहीं होगा, उस मूल्य पर उपज की खरीदी भी होनी चाहिए। चाहे खरीदी मंडी में या फिर बाहर हो या फिर सरकार के द्वारा खरीदी जाए। घोषित मूल्य से कम पर खरीदी अपराध माना जाए। यह बिना कठोर कानून के संभव नहीं है। भारतीय किसान संघ लाभकारी मूल्य मिलने तक आंदोलन (Protest) जारी रखेगा। आगे की रणनीति की घोषणा 8 सितंबर के बाद की जाएगी। इसके बाद भारतीय किसान संघ (Bhartiya Kisan Sangh) प्राइवेट बिल के माध्यम से लाभकारी मूल्य देने संबंधी कानून बनाने की प्रक्रिया प्रारंभ करेगा।
प्रांत मंत्री सांवरमल ने कहा कि भारतीय किसान संघ (Bhartiya Kisan Sangh) तीनों कृषि कानूनों को किसानों के हित में मानता है। केन्द्र सरकार की ओर से आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 में सुधार कानून, कृषि ऊपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन एवं सुविधा) कानून, कृषक (सशक्तिकरण और संरक्षण ) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा पर करार कानून लाए गए हैं। इन कानूनों को लेकर भारतीय किसान संघ की ओर से चार सुझाव दिए गए हैं। जिसमें सरकार को बताया था कि सभी प्रकार की खरीद समर्थन मूल्य पर होने का कानूनी प्रावधान होना चाहिए।
सोलेट ने कहा कि वहीं निजी व्यापारियों का राज्य एवं केंद्र स्तर पर पंजीयन आवश्यक हो तथा उनकी बैंक सेक्युरिटी हो। जो एक पोर्टल के द्वारा सबके लिए उपलब्ध रहे। इस संदर्भित जो भी विवाद हों उनके समाधान हेतु स्वतंत्र कृषि न्यायालयों की व्यवस्था हो और सब विवादों का निपटारा किसान के गृह जिले में ही होना चाहिए।
कार्यक्रम में संभाग मंत्री डालचंद गुर्जर, प्रदेश मंत्री विरेंद्र चौधरी, जिला अध्यक्ष शैतान सेरावत, मंत्री लक्ष्मीनारायण यादव, उपाध्यक्ष रधेश्यम शर्मा, बोदुराम मंडिया, प्रदेश महिला प्रमुख मंजु दीक्षित, प्रचार प्रमुख राजीव दीक्षित सहित अनेक किसान उपस्थित रहे ।