सद्‍भावना दिवस पर इंदिरा रसोई योजना का शुभारम्भ

  • सम्मान और सेवा-भाव के साथ मिलेगा मात्र 8 रूपए में भरपेट भोजन.
  • जनकल्याण की योजनाओं में स्वयंसेवी संस्थाओं की भूमिका महत्वपूर्ण.
  • स्थानीय स्वाद के अनुसार मिलेगा भोजन.
  • प्रतिवर्ष राज्य सरकार 100 करोड़ रुपए व्यय करेगी.
Inauguration of Indira Rasoi Yojana on Sadbhavna Day
Inauguration of Indira Rasoi Yojana on Sadbhavna Day

सरकार की संवेदनशील सोच का परिचायक यह योजना – मुख्यमंत्री.

जयपुर । गुरुवार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने गरीब एवं जरूरतमंद लोगों को पूरे सम्मान और सेवाभाव के साथ मात्र 8 रुपए में भरपेट भोजन उपलब्ध करवाने के लिए राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी योजना ‘इंदिरा रसोई‘ का शुभारम्भ किया।

इस योजना से हर वर्ष करीब 4.87 करोड़ लोगों को ताजा एवं पौष्टिक भोजन मिलेगा। इंदिरा रसोई योजना पूर्व प्रधानमंत्री स्व. राजीव गांधी की जयंती ‘सद्भावना दिवस‘ के अवसर पर नारी सशक्तीकरण की प्रतीक पूर्व प्रधानमंत्री स्व. इंदिरा गांधी के नाम पर प्रारम्भ की गई।

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गहलोत ने प्रदेशभर गुरूवार को वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम के 213 नगरीय निकायों में शुरू होने वाली 358 इंदिरा रसोई में से 325 रसोई का एक साथ शुभारम्भ किया। शेष रसोइयां 31 अगस्त तक प्रारम्भ हो जाएंगी। उन्होंने कहा कि महान नेता एवं पूर्व प्रधानमंत्री स्व. श्रीमती इंदिरा गांधी ने गरीबों, पिछड़ों, वंचितों एवं असहाय लोगों के कल्याण के लिए गरीबी हटाओ का नारा दिया। भारत को खाद्यान्न के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने के लिए हरित क्रांति जैसा सफल अभियान चलाया। यह योजना हमारी संवेदनशील सोच का परिचायक है। बीस सूत्री कार्यक्रम प्रारम्भ किया। उनकी स्मृति में राज्य सरकार ने इस योजना का शुभारम्भ किया है।

जनकल्याण की योजनाओं में संस्थाओं की भूमिका महत्वपूर्ण:-

मुख्यमंत्री ने इस योजना में सहयोग करने वाली स्वयंसेवी संस्थाओं को साधुवाद देते हुए कहा कि ‘कोई भी भूखा न सोए’ के संकल्प को साकार करने की दिशा में इंदिरा रसोई एक बड़ा कदम है। कोरोना के दौर में राज्य सरकार के प्रयासों के साथ-साथ स्वयंसेवी संस्थाओं ने सेवा की भावना के साथ जरूरतमंद लोगों को भोजन उपलब्ध करवाने में आगे बढ़कर जो सहयोग किया, वह सराहनीय है। उन्होंने कहा कि जनकल्याण की ऎसी योजनाओं में स्वयंसेवी संस्थाओं की भागीदारी महत्वपूर्ण होती है।

8 रुपए में भरपेट भोजन:-

मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर जोधपुर, जयपुर, राजसमंद, गंगानगर, सिरोही, भरतपुर, कोटा, बांसवाड़ा सहित अन्य स्थानों पर प्रारम्भ हुई। इंदिरा रसोई को संचालित करने वाली स्वयंसेवी संस्थाओं के प्रतिनिधियों एवं लाभार्थियों से भी बात की। लाभार्थियाें ने खुशी व्यक्त करते हुए कहा कि बाजार में जहां 10 रुपए में एक रोटी मिल पाती है। वहीं इस योजना के माध्यम से गरीबों को मात्र 8 रुपए में भरपेट भोजन उपलब्ध कराना राज्य सरकार की जनकल्याणकारी भावना को दर्शाता है।

बेहतरीन पहल:-

शिक्षा राज्यमंत्री गोविन्द सिंह डोटासरा ने कहा कि पिछली सरकार में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रदेश की महिलाओं, बुजुर्गों और जरूरमतंद परिवारों के सम्मान के लिए सामाजिक सुरक्षा पेंशन तथा हर व्यक्ति को बेहतर चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध करवाने के लिए मुख्यमंत्री निशुल्क दवा एवं जांच योजना जैसी जनकल्याणकारी योजनाओं की शुरूआत की थी। अब इंदिरा गांधी के नाम पर गरीबों एवं जरूरतमंद लोगों के लिए ऎसी योजना की शुरूआत करना एक बेहतरीन पहल है।

स्थानीय स्वाद के अनुसार मिलेगा भोजन:-

नगरीय विकास मंत्री शांति धारीवाल ने कहा कि इंदिरा रसोई योजना में लोगों को सम्मानपूर्वक बैठाकर ताजा एवं पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराया जाएगा। साथ ही योजना में पूर्ण पारदर्शिता रखने के लिए ऑनलाइन मॉनिटरिंग भी सुनिश्चित की जाएगी। उन्होंने कहा कि भोजन की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। भोजन का मेन्यू सभी स्थानों पर एक जैसा न होकर स्थानीय स्वाद के अनुसार होगा।

प्रतिवर्ष राज्य सरकार 100 करोड़ रुपए व्यय करेगी:-

शासन सचिव, स्वायत्त शासन विभाग, भवानी सिंह देथा ने योजना के संबंध में प्रस्तुतीकरण देते हुए बताया कि इंदिरा रसोई योजना की शुरूआत रेलवे स्टेशन, बस स्टैण्ड एवं अस्पताल जैसे भीड़ वाले स्थानों पर प्राथमिकता के साथ की जा रही है। योजना पर प्रतिवर्ष राज्य सरकार 100 करोड़ रुपए व्यय करेगी। जयपुर नगर निगम क्षेत्र में 20, कोटा एवं जोधपुर में 16-16, अजमेर, बीकानेर एवं उदयपुर में 10-10, भरतपुर नगर निगम क्षेत्र में पांच, 34 नगर परिषदों में तीन-तीन तथा 169 नगर पालिका क्षेत्रों में एक-एक रसोई प्रारम्भ की जाएगी।

राज्य मंत्रिपरिषद के सदस्य, विधायकगण, संभागीय आयुक्त, जिला कलक्टर, नगरीय निकायों के जनप्रतिनिधि, अधिकारी एवं स्वयंसेवी संस्थाओं के प्रतिनिधि भी वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से इस कार्यक्रम से जुड़े।

इस अवसर पर अतिरिक्त मुख्य सचिव वित्त निरंजन आर्य, प्रमुख शासन सचिव नगरीय विकास भास्कर ए. सावंत, आयुक्त सूचना एवं प्रौद्योगिकी वीरेन्द्र सिंह, सूचना एवं जनसम्पर्क आयुक्त महेन्द्र सोनी एवं निदेशक स्थानीय निकाय दीपक नंदी भी उपस्थित रहे।

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