रात 8 बजे के बाद शराब की दुकानें खुली पाई गई तो उस इलाके के पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई, भूमाफिया के खिलाफ कार्रवाई के लिए कमेटी का गठन- मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने गुरूवार को पुलिस मुख्यालय (Police Headquarters) में कानून व्यवस्था की समीक्षा बैठक को संबोधित किया।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने गुरूवार को पुलिस मुख्यालय (Police Headquarters) में कानून व्यवस्था की समीक्षा बैठक को संबोधित किया।

जयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Chief Minister Ashok Gehlot) ने गुरूवार को पुलिस मुख्यालय (Police Headquarters) में कानून व्यवस्था की समीक्षा बैठक (Review Meeting) को संबोधित किया। गहलोत ने कहा कि प्रदेश में पुलिस (Police) सराहनीय कार्य कर रही है। राजस्थान पुलिस (Rajasthan Police) के नवाचारों के कारण अपराधों के अनुसंधान में लगने वाला समय कम हुआ है। राज्य में हुई जघन्य घटनाओं में पुलिस द्वारा की गई त्वरित कार्रवाइयां एक बड़ी उपलब्धि है। उन्होंने कहा कि पुलिस विभाग (Police Department) द्वारा आमजन को न्याय सुनिश्चित करने के लिए सभी कदम उठाए जा रहे हैं।

उन्होंने कहा कि वर्तमान परिप्रेक्ष्य में पुलिस द्वारा अनुसंधान को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए आईटी और सोशल मीडिया (Social Media) का उपयोग करना चाहिए। गहलोत ने कहा कि राज्य में अपराधों पर अंकुश लगाने के लिए अभय कमाण्ड सेन्टर को और सुदृढ़ किया जा रहा है एवं 30 हजार सीसीटीवी कैमरे लगाने का कार्य जल्दी पूरा हो जाएगा।

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भूमाफिया पर कार्रवाई के लिए समिति गठित होगी:

मुख्यमंत्री (Chief Minister) ने कहा कि प्रदेश में जयपुर (Jaipur) और अन्य शहरों में जमीनों के क्रय-विक्रय से संबंधित धोखाधड़ी के मामलों में काफी वृद्धि हुई है, जो चिंताजनक है। इस तरह के प्रकरणों की प्रभावी रोकथाम के लिए गृह सचिव की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय समिति बनाई जाएगी, जो दो महीने में अपनी रिपोर्ट देगी। इस समिति में जयपुर विकास प्राधिकरण, नगरीय विकास विभाग, सहकारिता विभाग और पुलिस (Police) के उच्चाधिकारी सम्मिलित होंगे।  यह समिति भूमाफिया पर प्रभावी नियंत्रण के लिए अपने सुझाव देगी ताकि आमजन को जमीन की खरीद-फरोख्त के दौरान ठगी से बचाया जा सके। मुख्यमंत्री ने कहा कि बजरी और शराब माफिया के खिलाफ चल रहे अभियान को भी और गति दी जाएगी।

मृतक के शव को लेकर प्रदर्शन सांस्कृतिक मूल्यों के विपरीत:

बैठक में मुख्यमंत्री ने मुआवजे के लिए हादसे में मृतक के शव को लेकर विरोध प्रदर्शन करने की प्रवृत्ति पर चिंता व्यक्त की और इसे सांस्कृतिक मूल्यों के खिलाफ बताया। उन्होंने कहा कि सरकार की प्राथमिकता है कि ऎसे मामलों में दोषी को सजा मिले। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के प्रकरणों में समाज के लोगों को भी सकारात्मक रूख अपनाना चाहिए।

शराब की दुकानें बजे सख्ती से बंद करवाई जाएंगी:

गहलोत ने कहा कि राज्य में शराब की दुकानों (Liquor Shops) के बंद होने का समय रात 8 बजे है, जिसका सख्ती से पालन करवाया जाएगा। उन्होंने कहा कि यदि रात 8 बजे के बाद शराब की दुकानें खुली पाई गई तो उस इलाके के पुलिस (Police) अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। गहलोत ने कहा कि बच्चों और युवाओं में ड्रग्स लेने की बढ़ती प्रवृत्ति चिंता का विषय है। इसके लिए शिक्षा विभाग के सहयोग से एक व्यापक जागरूकता अभियान आरम्भ किया जाएगा।

गैंगस्टरों पर होगी कड़ी कार्रवाई:

मुख्यमंत्री ने कहा कि पड़ोसी राज्यों से आकर राजस्थान में अपराध करने वाले अपराधी तत्वों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। इसके लिए राज्य के पड़ोसी राज्यों से लगते जिलों में पुलिस को विशेष रूप से सक्रिय किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि जेलों के अंदर से अपराध गतिविधियां चलाने वाले गैंगस्टरों (Gangsters) पर भी प्रभावी अंकुश लगाया जाएगा। उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया पर अपराधियों का महिमामण्डन करने वाले लोगों, साप्रदायिक सद्भाव बिगाड़ने और अफवाह फैलाने वाले असामाजिक तत्वों पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है। इसके साथ ही कानून व्यवस्था के प्रभावी संधारण के लिए पुलिस (Police) प्रशासन को होमगार्ड के एक हजार जवान उपलब्ध कराए जाएंगे।

एनसीआरबी के आंकड़ों को गलत पेश कर छवि धूमिल करने की हो रही कोशिश:

मुख्यमंत्री ने कहा कि नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) की क्राइम इन इंडिया रिपोर्ट-2021 के हवाले से राजस्थान की छवि धूमिल करने के प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि राजस्थान में एफआईआर के अनिवार्य पंजीकरण की नीति के बावजूद 2021 में 2019 की तुलना में करीब 5 प्रतिशत अपराध कम दर्ज हुए हैं जबकि अन्य राज्यों में अपराध अधिक दर्ज हुए हैं। बैठक में बतया गया कि गुजरात, हरियाणा और मध्यप्रदेश में अपराधों में क्रमशः 69, 24 और 20 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। हत्या, महिला के विरूद्ध अपराध और अपहरण में उत्तर प्रदेश सबसे आगे है। वहीं सबसे ज्यादा कस्टोडियल डेथ्स गुजरात में हुई है। पोक्सो एक्ट के मामलों में मध्यप्रदेश पहले स्थान पर है, जबकि राजस्थान 12वें स्थान पर है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में 2019 में महिला अपराधों की 45.28ः, 2020 में 44.77ः एवं 2021 में 45.26ः एफआईआर जांच में झूठी निकली हैं। झूठी एफआईआर करवाने वालों पर सख्त कार्रवाई की जा रही है। बैठक में बताया गया कि महिलाओं तथा अनुसूचित जाति-जनजाति के विरूद्ध होने वाले अपराधों के अनुसंधान में लगने वाले समय में कमी आई है। राज्य में वर्ष 2018 में महिला अत्याचारों के अनुसंधान में लगने वाला 168 दिन का समय अब 69 और एससी एसटी के विरूद्ध अपराधों के अनुसंधान में लगने वाला समय 231 से घटकर 79 दिन रह गया है। बलात्कार के प्रकरणों में राजस्थान में सजा का प्रतिशत करीब 48 प्रतिशत है, जबकि राष्ट्रीय स्तर पर ये मात्र 28.6 प्रतिशत है। महिला अत्याचार के प्रकरणों में राजस्थान में सजा का प्रतिशत 45.2 है जबकि राष्ट्रीय स्तर पर यह 26.5 प्रतिशत है। महिला अत्याचार के प्रकरणों की पेंडिंग प्रतिशत 9.6 प्रतिशत है, जबकि राष्ट्रीय स्तर पर यह 31.7 प्रतिशत है। आईपीसी के प्रकरणों में राजस्थान में लम्बित मामले लगभग 10 प्रतिशत है, जबकि राष्ट्रीय स्तर पर यह 35.1 प्रतिशत है। 

मुख्यमंत्री ने कहा कि राजस्थान में कानून व्यवस्था की स्थिति राष्ट्रीय औसत से बेहतर है तथा जघन्य अपराधों के शीघ्र अनुसंधान व अपराधियों को सजा दिलाने हेतु हीनियस क्राइम मॉनिटरिंग यूनिट (एचसीएमयू) का गठन किया गया है। इसी प्रकार महिला अत्याचार पर प्रभावी रोकथाम तथा उनसे जुड़े अपराधों के त्वरित अनुसंधान के लिए जिलों में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक के नेतृत्व में स्पेशल इंवेस्टिगेशन यूनिट फॉर क्राइम अगेंस्ट वुमेन गठित किया गया।

बैठक में बताया गया कि अधिक सड़क दुर्घटनाओं वाले 40 पुलिस (Police) थानों की पहचान कर वहां दुर्घटनाएं रोकने के विशेष उपाय किए गए हैं, जिसके कारण सड़क हादसों में मरने वालों की संख्या में काफी कमी आई है। बैठक से पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने वाहनों की गति पर नियंत्रण के लिए अत्याधुनिक इन्टरसेप्टर वाहन का अवलोकन किया।

गृह राज्यमंत्री राजेन्द्र सिंह यादव ने पुलिस (Police) को चाक चौबन्द रहकर कार्य करने के निर्देश दिए। साथ ही उन्होंने अफसरों को अपराधियों पर सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए। बैठक में मुख्य सचिव श्रीमती उषा शर्मा, पुलिस महानिदेशक उमेश मिश्रा, अतिरिक्त मुख्य सचिव गृह आनंद कुमार, एडीजी क्राइम डॉ. आरपी मेहरड़ा सहित वरिष्ठ पुलिस अधिकारीगण उपस्थित थे।

वीडियो के माध्यम से सुने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की प्रेस वार्ता—

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