जयपुर। ग्राम पंचायतों में कार्यरत ‘ग्राम सेवक (Gram Sevak)‘ के पदनाम को बदलकर अब ‘ग्राम विकास अधिकारी (Village Development Officers)‘ कर दिया है । शनिवार को राज्य विधानसभा (Rajasthan Legislative Assembly) ने राजस्थान पंचायती राज (संशोधन) विधेयक, 2021 को ध्वनिमत से पारित कर दिया है।
इससे पहले संसदीय मामलात मंत्री (Parliamentary Affairs Minister) शांती कुमार धारीवाल (Shanti Kumar Dhariwal) ने विधेयक को चर्चा के लिए सदन में प्रस्तुत किया। विधेयक पर हुई चर्चा के बाद अपने जवाब में धारीवाल ने कहा कि अधिनियम, 1994 की धारा 89 की उपधारा (2) के खंड (ख) में उल्लेखित ग्राम सेविकाओं का पद पंचायती राज संस्थाओं में विद्यमान नहीं है। इसलिए उपबंध को भी हटाया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि ग्राम सेविका (Gram Sevak) के पद के लिए आज तक कोई अलग से भर्ती भी नहीं की गई है। इस पद के लिए महिलाओं के लिए आरक्षण व्यवस्था लागू रहेगी।
उन्होंने बताया कि पंचायती राज विभाग (Panchayati Raj Department) में ग्राम विकास अधिकारी के 3896 रिक्त पदों पर भर्ती के लिए हाल ही राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड ने विज्ञप्ति जारी की है। इसकी शैक्षणिक योग्यता स्नातक और कम्प्यूटर दक्षता के लिए आरएससीआईटी (RSCIT) कोर्स का प्रमाण पत्रा होना आवश्यक रखा गया है। भर्ती के लिए प्रारंभिक परीक्षा दिसंबर 2021 और मुख्य परीक्षा फरवरी 2022 में कराया जाना प्रस्तावित हैं।
धारीवाल ने कहा कि वर्तमान और आने वाली भर्ती परीक्षाओं के लिए कम्प्यूटर दक्षता योग्यता रखी है। वहीं, ग्राम पंचायतों में पहले से ही कार्यरत ऎसे ग्राम विकास अधिकारियों को समय-समय पर ऑनलाइन कार्य करने के लिए प्रशिक्षण दिया जाता रहा है और आगे भी यह व्यवस्था सुचारू रूप से रहेगी।
संसदीय मामलात मंत्री ने बताया कि राज्य में ग्राम पंचायत स्तर पर ग्राम सेवक (Gram Sevak) पंचायतराज कर्मी होता है। ग्राम सेवक की ग्रेड पे 2400 है तथा 7वें वेतन आयोग में इनको एल-6 में शामिल किया है और प्रारंभिक वेतन 21500 रुपये है। उन्होंने ग्राम सेवक (Gram Sevak) की पदोन्नति के संबंध में बताया कि ग्राम विकास अधिकारी से आगे पदोन्नति सहायक विकास अधिकारी की ग्रेड पे 3600, अतिरिक्त विकास अधिकारी की ग्रेड पे 4200 और विकास अधिकारी की ग्रेड पे 5400 होती है।
उन्होंने बताया कि ग्राम सेवक (Gram Sevak) की प्रथम पदोन्नति जो कि सहायक विकास अधिकारी पद पर होती है, जिसमें करीब 20 साल लग जाते है। दूसरी पदोन्नति अतिरिक्त विकास अधिकारी पर जिसमें 6 से 7 साल लग जाते है। वहीं तृतीय पदोन्नति के लिए अभी नियमों में संशोधन की प्रक्रिया जारी है। उन्होंने बताया कि अधिकारी पद पर पदोन्नति के लिए डीपीसी दो जुलाई 2021 को वर्ष 2016-17 की अवधि के लिए आयोजित की गई थी।
संसदीय मामलात मंत्री ने बताया कि राज्य वित्त आयोग की प्रथम किश्त पंचम राशि 1387 करोड़ में से 1287 करोड़ राशि ग्रामीण विकास और 100 करोड़ रुपये पंचायत सहायकों को मानदेय के लिए रखा गया है। दूसरी किश्त 1380 करोड़ रुपये शीघ्र जारी की जायेगी। उन्होंने बताया कि पंचायत सहायक को वर्तमान में 6600 रुपये मानदेय दिया जाता है।