
जयपुर। राजस्थान विश्वविद्यालय (Rajasthan University) के सहायक प्रोफेसर सी.बी.यादव के नेतृत्व में यूथ फॉर किसान के बैनर तले तीन कृषि कानूनों (Agricultural Laws) के विरोध में युवा दिवस के अवसर 12 जनवरी को किसान तिरंगा यात्रा निकाली जा रही है। जिसमें प्रदेशभर से युवा किसान तिरंगा यात्रा लेकर शाहंजहापुर टोल प्लाजा के लिए पूरे प्रदेश के लोग निकल चुके हैं चौमूं से बड़ी संख्या में किसान रैली के माध्यम से एक दांत निकल गए हैं । राजस्थान विश्वविद्यालय से भी युवा बड़ी संख्या में निकले हैं।
जहां से यह किसान तिरंगा यात्रा पैदल मार्च के रूप में शाहजहांपुर बॉर्डर पर आंदोलनरत किसानों का साथ देने के लिए पहुंच रहे हैं। प्रोफेसर सी बी यादव ने बताया कि प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों के साथ-साथ कई राज्य से भी युवा किसान इसमें सम्मिलित हो रहे हैं। इसकी तिरंगा यात्रा में 10,000 से अधिक युवाओं के भाग लेने की संभावना है।


उन्होंने बताया कि किसान आंदोलन स्थल पर उन्होंने यह महसूस किया कि आंदोलनरत किसानों में अधिकांश है बुजुर्ग पीढी के किसान ही अधिक सम्मिलित है। इस पूरे किसान आंदोलन में यह कमी महसूस की गई कि युवाओं में आंदोलन में भाग लेने की प्रवृत्ति कम रही है। जबकि इन कृषि कानूनों (Agricultural Laws) एवं सरकार की अन्य नीतियों का सबसे अधिक प्रभाव इन्हीं युवा पीढ़ी के भविष्य पर पड़ रहा है। इसीलिए उन्होंने इसी उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए यूथ फॉर किसान (Youth for Kisan) संगठन का गठन किया है।
यूथ फोर किसान संगठन के महासचिव योगेश कुमार जांगिड़ ने बताया कि सरकार के अड़ियल रवैए को देखते हुए किसान आंदोलन में युवाओं की भागीदारी इस किसान आंदोलन में एक नए जोश एवं उत्साह का संचार करेगी। यह युवा पीढ़ी जमीन पर किसान आंदोलन का साथ देने के साथ-साथ सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर भी किसान आंदोलन के प्रति जनमत का निर्माण करेगी।
उन्होंने बताया कि युवाओं को यह प्रेरणा प्रोफ़ेसर सी.बी. यादव की किसान आंदोलन में सक्रियता से प्राप्त हो रही है। उल्लेखनीय है कि तीन कृषि कानूनों (Agricultural Laws) के विरोध में चल रहे किसान आंदोलन में सी बी यादव प्रारंभ से ही अपनी सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं। हाल ही में उन्होंने गांव गांव में किसान जागृति अभियान प्रारंभ किया साथ ही हर घर से 5 बाजरे की रोटी का अभियान कि प्रदेश में चर्चा में रहा।
विश्वविद्यालय के सहायक प्रोफेसर गजेंद्र फोगाट ने बताया कि पूर्व में राजस्थान विश्वविद्यालय के मुख्य द्वार पर कई बार इन कृषि कानूनों (Agricultural Laws) के विरोध में विश्वविद्यालय के शिक्षकों के साथ प्रदर्शन कर चुके हैं। राजस्थान विश्वविद्यालय के शिक्षकों ने उनकी इसी सक्रियता के मद्देनजर व्यापक स्तर पर आंदोलनरत किसानों के लिए रसद सामग्री भी पहुंचाई है।