जयपुर। संयुक्त किसान मोर्चा (Kisan Morcha) के तत्वाधान में रेल रोको अभियान (Rail Roko Abhiyan) के तहत चौमूं रेलवे स्टेशन के निकट दी क्षेत्र के किसानों ने रेल पटरियों (Railway tracks) पर धरना देकर दोपहर 12:00 से साईं 4:00 बजे तक रेलों के आवागमन को पूरी तरह से रोका। धरने को कई किसान नेताओं ने संबोधित किया। हालांकि इस दरमियान रेलो के आने का शेड्यूल नहीं होने के कारण किसान रेल रोक नहीं पाएं।
किसान आंदोलन में सक्रिय भूमिका निभाने वाले राजस्थान विश्वविद्यालय के सहायक प्रोफेसर सी बी यादव ने बताया कि इस रेल रोको अभियान (Rail Roko Abhiyan) में सरकार से कृषि बिलो की वापसी एवं न्यूनतम समर्थन मूल्य गारंटी कानून बनाने के साथ-साथ आम नागरिकों के लिए रेलवे के आवागमन को पूरी तरह से सुचारू रूप से चलाने का आवाहन किया गया है।
उन्होंने बताया कि सरकार को किसान अब वोट की चोट देने की तैयारी कर लिया है जिसका प्रत्यक्ष उदाहरण पंजाब नगर निकायों के चुनाव में सरकार को देखने को प्राप्त हो गया है। इसी क्रम में किसान मार्च महीने के प्रथम सप्ताह में जयपुर जिले में भी विशाल किसान महापंचायत करेंगे जिसमें राकेश टिकैत व योगेंद्र यादव सहित कई बड़े किसान नेता संबोधित करेंगे।
चौधरी चरण सिंह संघर्ष समिति के अध्यक्ष कालूराम बावरिया ने तीन कृषि कानूनों को पूरी तरह किसान विरोधी करार देते हुए सरकार से इन्हें वापस लेने की अपील की। धरने की अध्यक्षता कर रहे हैं । भगवान सहाय तहसील ने क्षेत्र के किसानों को किसान आंदोलन में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेने की अपील की एवं आगामी किसान महापंचायत को सफल बनाने का आह्वान किया।
टाटियावास टोल प्लाजा मुक्त करवाने का निर्णय, टाटिया वास टोल प्लाजा प्रबंधन को 3 दिन का दिया अल्टीमेटम:
रेल रोको अभियान (Rail Roko Abhiyan) की समाप्ति के उपरांत किसान संगठनों के प्रतिनिधि एवं जनप्रतिनिधियों ने पूर्व विधायक भगवान सहाय सैनी के निवास पर एक मीटिंग की। जिसमें पूर्व विधायक भगवान सहाय सैनी, किसानों के आंदोलन में सक्रिय भूमिका निभाने वाले प्रोफेसर सी बी यादव, पूर्व प्रधान भगवान सहाय धांसिल, कॉमरेड भगवान सहाय बधाला,कृषि उपज मंडी के पूर्व चेयरमैन सांवरमल चौधरी, राजस्थान किसान परिषद के अध्यक्ष हरि नारायण गठाला, कांग्रेस ओबीसी ब्लॉक अध्यक्ष मालीराम यादव, पूर्व सरपंच नंदकिशोर यादव सहित कई किसान नेता सम्मिलित हुए।
मीटिंग में किसान नेताओं एवं जनप्रतिनिधियों ने टाटियावास टोल प्लाजा (Toll Plaza) को मुक्त करवाने की रणनीति पर विस्तार से चर्चा की गई एवं इस टोल प्लाजा को पूरी तरह बंद करवाने का निर्णय लिया। मीटिंग में हुए निर्णय के अनुसार किसानों का एक प्रतिनिधिमंडल प्रोफ़ेसर सी बी यादव के नेतृत्व में टाटियावास टोल प्लाजा के प्रतिनिधिमंडल से लिखित ज्ञापन देकर अपनी रणनीति से अवगत करवाया जिसके अनुसार टाटिया वास टोल प्लाजा के प्रबंधन को आगामी 3 दिन में टोल प्लाजा को पूरी तरह से बंद करने का अल्टीमेटम दिया गया है।
किसान संगठनों ने टोल प्लाजा प्रबंधन पर यह है कि आरोप लगाया है कि 6 फरवरी को जब टोल प्लाजा को किसानों द्वारा बंद कर दिया गया था तब टोल प्लाजा प्रबंधन ने किसानों से टोल नहीं लेने का पुख्ता आश्वासन दिया था। लेकिन टोल प्लाजा प्रबंधन ने किसानों के साथ हुए इस समझौते को क्रियान्वित करने की पूरी तरह अनदेखी की है। किसानों के प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे प्रो. सी.बी.यादव ने बताया कि पंजाब एवं हरियाणा राज्य पूरी तरह से टोल मुक्त हो चुके हैं।
राजस्थान में भी गंगानगर, हनुमानगढ़, बीकानेर, अलवर, सीकर जिले के कई टोल प्लाजा पूरी तरह टोल मुक्त हो चुके हैं। टोल प्लाजा प्रबंधन को किसान आंदोलन को देखते हुए जयपुर जिले के टोल प्लाजाओं को भी शीघ्र से शीघ्र टोल मुक्त कर देना चाहिए अन्यथा जयपुर जिले सहित पूरे राजस्थान में किसान आगामी कुछ ही दिनों में टोल मुक्त करवाने का अभियान उग्र रूप धारण करेगा। इस टोल प्लाजा मुक्ति के आंदोलन में किसान स्थाई रूप से टोल प्लाजा पर धरना देकर टोल प्लाजाओं को पूरी तरह से टोल फ्री करवाएंगे।