जयपुर। उपमुख्यमंत्री (Deputy Chief Minister) दिया कुमारी की अभिनव पहल और निर्देशों पर राजस्थान पर्यटन विभाग (Rajasthan Tourism Department) की ओर से लोक कला और कलाकारों को प्रोत्साहित करने के लिए और उनको आजीविका के अवसर उपलब्ध करवाने के लिए “कल्चरल डायरीज श्रृंखला” (Cultural Diaries Series) के तहत दो दिवसीय (15 व 16 नवम्बर ) सांस्कृतिक संध्या के पहले दिन शुक्रवार को रामनिवास बाग स्थित अल्बर्ट हॉल में सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
राजस्थान की लोक कला एवं संस्कृति को वैश्विक पटल पर प्रस्तुत करने, लोक कलाकारों को नया मंच प्रदान की दृष्टि से उक्त सांस्कृतिक संध्या का शुभारम्भ वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ हुआ। जिसके पश्चात शेखावाटी अंचल के प्रसिद्ध कच्छी घोड़ी नृत्य की प्रस्तुति दी गई। तत्पश्चात राजस्थान मयूर नृत्य की मनमोहक प्रस्तुति दी गई। इसके पश्चात राधा कृष्ण ने फूलों की होली खेली जिससे प्रदेश के उत्तर-पूर्व में स्थित ब्रज अंचल की कला-संस्कृति भव्य रूप में साकार हुई।
श्रीकृष्ण-राधा की प्रेमरसमयी और लठमार होली (Holi) के रंगों व फूलों से साराबोर नृत्य की प्रस्तुति देख दर्शक भी थिरकने लगे। ब्रज के लोक कलाकारों ने उक्त प्रस्तुति में भगवान श्रीकृष्ण और राधारानी के निर्मल प्रेम को साकार किया। इस दौरान ग्रामीण भवाई नृत्य की आकर्षक प्रस्तुति दी गई। जिसमें नृत्य की विभिन्न मुद्राओं का अद्भुत संतुलन प्रदर्शित किया गया। ब्रज क्षेत्र के कर्णप्रिय और मन को लुभाने वाले भक्तिभाव से परिपूर्ण लोक संगीत सहित सांस्कृतिक संध्या में दी गई मोहक प्रस्तुतियों ने जयपुरवासियों और देशी-विदेशी पावणों को आनंद विभोर कर दिया।
उपमुख्यमंत्री (Deputy Chief Minister) दिया कुमारी तथा पर्यटन सचिव रवि जैन के निर्देशों की पालना में पर्यटन विभाग (Tourism Department) की ओर से लोक कला और कलाकारों को प्रोत्साहित करने और उनको नियमित रूप से आजीविका का अवसर दिलाने के लिए सांस्कृतिक कार्यक्रमों के आयोजन की पहल की गई है। इस हेतु पर्यटन विभाग की ओर से कल्चरल डायरीज श्रृंखला शुरू की गई है। जिससे राजस्थान की कला व संस्कृति से पूरी दुनिया परिचित होगी। इसी श्रृंखला में आयोजित सांस्कृतिक संध्या के दूसरे दिन शनिवार, 16 नवम्बर को अल्बर्ट हॉल पर ही बाड़मेर-जैसलमेर क्षेत्र के प्रसिद्ध लंगा-मांगणियार कलाकारों की गायन-वादन की प्रस्तुतियां होंगी।
इस अवसर पर निदेशक पुरातत्व एवं संग्रहालय पंकज धरेन्द्र तथा पर्यटन विभाग की संयुक्त निदेशक पुनीता सिंह एवं विभागीय अधिकारी उपस्थित रहें