जयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Chief Minister Ashok Gehlot) ने गुरूवार को सीतापुरा में आयोजित इण्डिया स्टोनमार्ट-2022 (India Stonemart-2022) के 11वें संस्करण का उद्घाटन किया। उन्होंने कहा कि राजस्थान (Rajasthan) में पत्थर व्यवसाय का एक लंबा इतिहास रहा है। आयामी पत्थर राजस्थान का एक प्रमुख खनिज है। देश-विदेश तक यहां के पत्थर को एक विशेष पहचान मिली है। राज्य सरकार निरंतर ऐसे फैसले ले रही है, जिससे खनन और उद्योग क्षेत्र को प्रोत्साहन मिलने के साथ ही रोजगार और राजस्व में भी बढ़ोतरी हो रही है।
गहलोत समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि इन्वेस्ट राजस्थान समिट से प्रदेश में निवेश के प्रति अच्छा माहौल बना है। विभिन्न कंपनियों द्वारा यहां नई इकाइयां स्थापित की जा रही हैं। राज्य सरकार खनन में आ रही परेशानियों को दूर करने के लिए प्रयासरत है। उन्होंने कहा कि आवश्यक सुविधाएं, उपयुक्त माहौल, सुदृढ़ कानून व्यवस्था आदि निवेशकों को राजस्थान की ओर आकर्षित कर रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार अवैध खनन की समस्या के प्रति गंभीर है तथा निरंतर अभियान चलाकर इस पर पूर्णतया रोक लगाने के प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि खनन विभाग तथा पर्यावरण विभाग को मिलकर एक ऐसी व्यवस्था विकसित करनी चाहिए जिससे खनन कार्य में आ रही परेशानियां तुरंत दूर हों एवं नवीन प्रस्तावों को भी समयबद्ध रूप से स्वीकृति मिल सके।
गहलोत ने कहा कि इन्वेस्ट राजस्थान समिट से प्रदेश में निवेश का एक आदर्श वातावरण बना है। इस समिट में पत्थर उद्योग से जुड़े लगभग 800 करोड़ रूपए के एमओयू साइन हुए हैं। राज्य में खनिज भण्डारों के साथ इन्फ्रास्ट्रक्चर, कुषल मानव संसाधन और प्रभावशाली नीतियाँ लागू करने से बड़े स्तर पर निवेष की संभावनाएँ बढ़ी हैं। एमएसएमई उद्योगों के लिए राज्य में उद्यमी एक सेल्फ घोषणा पत्र भर कर अपना व्यवसाय शुरू कर सकते हैं जो 5 वर्षों तक किसी भी प्रकार के निरीक्षण से मुक्त रहेगा। एमएसएमई एक्ट के बाद अब तक 15000 एमएसएमई इकाइयां रजिस्टर्ड हुई हैं। इनमें से 6000 इकाइयां स्थापित हो चुकी हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सिलिकोसिस बीमारी को लेकर राज्य सरकार गंभीर है तथा इसकी रोकथाम के लिए पिछले कुछ वर्षों में कई संवेदनशील कदम उठाए गए हैं। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर स्टोनमार्ट-2022 (India Stonemart) की एग्जीबीटर्स डायरेक्टरी तथा रीको की कॉफी टेबल बुक का भी विमोचन किया।
मुख्यमंत्री ने पत्थर उद्योग के विकास में बहुमूल्य योगदान के लिए आर.के गु्रप के अशोक पाटनी, जेम गु्रप के आर वीरमणी तथा राजस्थान उद्योग के अरूण कुमार अग्रवाल को सी-डॉस लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड से सम्मानित किया। साथ ही, अखिल भारतीय स्टोन आर्किटेक्चर अवॉर्ड का भी वितरण किया गया।
उद्योग मंत्री शकुंतला रावत ने कहा कि राजस्थान पहले कभी सिर्फ मार्बल और सेंडस्टोन के लिए ही जाना जाता था। पिछले 10 वर्षों में जालोर, किशनगढ़ , चित्तौड़गढ़, राजसमन्द और उदयपुर आदि क्षेत्रों में बड़े स्तर पर ग्रेनाइट की खनन और प्रसंस्करण इकाइयां स्थापित होने से ग्रेनाइट उद्योग तेजी से विकसित हुआ है।
मुख्य सचिव उषा शर्मा ने कहा कि इण्डिया स्टोनमार्ट (India Stonemart) का उद्देश्य विश्व के मानचित्र पर भारत के पत्थर उद्योग को प्रमुखता से स्थापित करना था। उसी वर्ष इसका प्रथम बार सफल आयोजन किया गया।
रीको के अध्यक्ष कुलदीप रांका ने कहा कि देश के पत्थर उत्पादन में राजस्थान की 70 फीसदी भागीदारी है। आयामी पत्थर राजस्थान का एक प्रमुख खनिज है। प्रदेश में 4,920 माइनिंग लीज हैं। देश में मार्बल और सेंडस्टोन का 90 प्रतिशत राजस्थान में उत्पादन होता है। राज्य के लगभग 10 लाख से अधिक व्यक्तियों को इससे रोजगार मिल रहा है।
इस अवसर पर राजस्थान लघु उद्योग निगम के अध्यक्ष राजीव अरोड़ा, अतिरिक्त मुख्य सचिव उद्योग वीनू गुप्ता, अतिरिक्त मुख्य सचिव खनन सुबोध अग्रवाल, फिक्की के चैयरमैन अशोक कजारिया, सी-डॉस के मुकुल रस्तोगी, रीको के प्रबंध निदेशक शिवप्रसाद नकाते सहित अन्य अधिकारी एवं उद्योग जगत के प्रतिनिधि उपस्थित थे।