जयपुर। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री (Medical Minister) गजेन्द्र सिंह खींवसर कोलकाता रेजीडेंट प्रकरण के कारण चिकित्सकों के कार्य बहिष्कार के दृष्टिगत स्वास्थ्य सेवाओं का जायजा लेने रविवार सुबह अचानक जयपुर के एसएमएस अस्पताल (SMS Hospital) एवं सेठी कॉलोनी स्थित राजकीय सेटेलाइट अस्पताल पहुंचे। उन्होंने आपातकालीन सेवाओं (Emergency Services), आईपीडी एवं ओपीडी में निरीक्षण कर चिकित्सा सेवाओं की स्थिति देखी और चिकित्सा अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।
खींवसर प्रातः करीब 8.30 बजे सवाई मानसिंह अस्पताल पहुंचे। उन्होंने सबसे पहले आपातकालीन इकाई में पहुंचकर स्वास्थ्य सेवाओं का जायजा लिया। उन्होंने यहां रोगियों से बात कर स्वास्थ्य सेवाओं की उपलब्धता के बारे में जानकारी ली तथा चिकित्सकों एवं नर्सिंग स्टाफ को निर्देश दिए कि अस्पताल में आ रहे रोगियों को तत्काल उपचार उपलब्ध करवाया जाए। किसी भी मरीज को जांच एवं उपचार लेने में तकलीफ का सामना नहीं करना पडे़।
चिकित्सा मंत्री (Medical Minister) ने जनरल वार्ड में जाकर आईपीडी सेवाओं का भी निरीक्षण किया। वे रोगियों से मिले और उनसे पूछा कि चिकित्सकों के कार्य बहिष्कार के कारण उन्हें उपचार लेने में किसी तरह की कठिनाई तो नहीं है। रोगियों ने बताया कि उन्हें शनिवार को चिकित्सकों की हड़ताल के दौरान भी समुचित जांच एवं उपचार की सुविधा मिली। चिकित्सा मंत्री ने रजिस्ट्रेशन काउंटर एवं अन्य चिकित्सा सुविधाओं का भी जायजा लिया।
निरीक्षण के दौरान सवाई मानसिंह अस्पताल में आपातकालीन इकाई, वार्ड्स, आईसीयू सहित अन्य स्थानों पर स्वास्थ्य सेवाएं सुचारू पाई गईं। इसके बाद चिकित्सा मंत्री सेठी कॉलोनी स्थित राजकीय सेटेलाइट अस्पताल (Government Satellite Hospital) में चिकित्सा सुविधाओं का निरीक्षण करने पहुंचे। उन्होंने यहां आपातकालीन सेवाओं की स्थिति देखी और रोगियों से बातचीत की। साथ ही, ओपीडी एवं आईपीडी सेवाओं का भी अवलोकन किया। यहां भी सभी सेवाएं सुचारू पाई गईं।
इस दौरान मीडिया से बातचीत में चिकित्सा मंत्री (Medical Minister) ने कहा कि राज्य सरकार आमजन को बेहतर चिकित्सा सेवाएं सुगमतापूर्वक उपलब्ध करवाने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि कोलकाता में महिला रेजीडेंट चिकित्सक के साथ हुई घटना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। इसके चलते देशभर में चिकित्सक समुदाय में रोष व्याप्त है और कार्य बहिष्कार की स्थिति उत्पन्न हुई है, लेकिन प्रदेश में सभी जिलों में वैकल्पिक व्यवस्थाएं सुनिश्चित कर रोगियों को स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध करवाई गई हैं।
खींवसर ने बताया कि कार्य बहिष्कार की स्थिति को देखते हुए चिकित्सकों के अवकाश निरस्त कर दिए गए थे। वैकल्पिक व्यवस्थाओं के तहत चिकित्सकों की आपातकालीन इकाई, आईपीडी आदि में रोटेशन के आधार 24 घंटे उपस्थिति सुनिश्चित की गई। कंट्रोल रूम स्थापित किया तथा हर स्थिति से निपटने के लिए पूरी तैयारी की गई। इसके चलते किसी भी स्थान पर चिकित्सा सेवाओं को लेकर अप्रिय स्थिति पैदा नहीं हुई है। ओपीडी, आपातकालीन सेवाओं एवं आईपीडी में रोगियों को समुचित उपचार मिल रहा है।
चिकित्सा मंत्री (Medical Minister) ने कहा कि प्रदेशभर में तेज बारिश के कारण उत्पन्न स्थितियों की भी लगातार मॉनिटरिंग की जा रही है। उच्च स्तरीय बैठक लेकर सभी चिकित्सा अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि अस्पतालों में जांच, दवा एवं उपचार के माकूल प्रबंध सुनिश्चित किए जाएं। मुख्यमंत्री आयुष्मान आरोग्य योजना के माध्यम से आमजन को आईपीडी में सुगमतापूर्वक निःशुल्क उपचार मिल रहा है।
खींवसर ने कार्य बहिष्कार कर रहे चिकित्सकों से अपील की है कि प्रकरण को लेकर उनका विरोध राज्य सरकार एवं केंद्र सरकार के संज्ञान में है और इस दिशा में उचित कार्यवाही के प्रयास किए जा रहे हैं। प्रदेश के अस्पताल में चिकित्सकों की सुरक्षा व्यवस्था को और सुदृढ़ करने के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि आमजन एवं रोगियों के हित में चिकित्सक तत्काल काम पर लौटें और जीवन रक्षा का दायित्व निभाएं। उन्होंने अस्पतालों में रोगियों के उपचार में जुटे चिकित्सकों का आभार व्यक्त किया।
चिकित्सा मंत्री (Medical Minister) के निरीक्षण के दौरान सवाई मानसिंह मेडिकल कॉलेज के प्रधानाचार्य डॉ. दीपक माहेश्वरी, राजकीय सेटेलाइट अस्पताल के अधीक्षक डॉ. गोर्वधन मीणा, एसएमएस अस्पताल के अतिरिक्त अधीक्षक डॉ. गिरधर गोयल सहित अन्य चिकित्सा अधिकारी उपस्थित रहे।