चैत्र मास में शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से चैत्र नवरात्रि (Chaitra Navratri) आरंभ हो जाती है। नवरात्रि का हिंदू धर्म में काफी महत्व है। नवरात्रि में मां दुर्गा के 9 स्वरूपों की पूजा करने का विधि-विधान है। सालभर में कुल 4 नवरात्रि आती हैं जिसमें चैत्र और शारदीय नवरात्रि का महत्व काफी ज्यादा होता है। माना जाता है कि नवरात्रि में माता की पूजा-अर्चना करने से देवी दुर्गा की खास कृपा होती है।
इस बार चैत्र नवरात्रि (Chaitra Navratri) 22 मार्च 2023, बुधवार से शुरू हो रही हैं। मां दुर्गा की सवारी वैसे तो शेर है लेकिन जब माता धरती पर आती हैं तो उनकी सवारी बदल जाती है। इस बार मां दुर्गा नाव पर सवार होकर धरती पर आएंगी।
ज्योतिषाचार्य पंडित रविन्द्राचार्य के मुताबिक, इस वर्ष मां का आगमन नौका पर है, जिसे सुख-समृद्धि प्रतीक माना जाता है। पूरे 9 दिनों के नवरात्र में मां के 9 स्वरूपों की पूजा होगी। इस बार चार ग्रहों का परिवर्तन नवरात्र पर देखने को मिलेगा। यह संयोग कई दशकों बाद मिल रहा है। माना जाता है कि इसी दिन भगवान ब्रह्मा ने पृथ्वी की रचना की थी। इसलिए यह और भी महत्वपूर्ण हो जाता है। प्रतिपदा तिथि 21 मार्च रात में 11 बजकर 4 मिनट पर लग जाएगी इसलिए 22 मार्च को सूर्योदय के साथ नवरात्रि की शुरुआत कलश स्थापना के साथ होगी।
नवरात्रि शुभ मुहूर्त (Chaitra Navratri Ghatasthapana Muhurat):
ज्योतिषाचार्य पंडित रविन्द्राचार्य के मुताबिक, इस वर्ष मां का आगमन नौका पर है, जिसे सुख-समृद्धि प्रतीक माना जाता है। पूरे 9 दिनों के नवरात्र में मां के 9 स्वरूपों की पूजा होगी। इस बार चार ग्रहों का परिवर्तन नवरात्र पर देखने को मिलेगा। यह संयोग कई दशकों बाद मिल रहा है। माना जाता है कि इसी दिन भगवान ब्रह्मा ने पृथ्वी की रचना की थी। इसलिए यह और भी महत्वपूर्ण हो जाता है। प्रतिपदा तिथि 21 मार्च रात में 11 बजकर 4 मिनट पर लग जाएगी इसलिए 22 मार्च को सूर्योदय के साथ नवरात्रि की शुरुआत कलश स्थापना के साथ होगी।
चैत्र नवरात्रि 22 मार्च 2023 से शुरू होकर 30 मार्च तक चलेंगे। घटस्थापना नवरात्रि (Chaitra Navratri) के दौरान महत्वपूर्ण अनुष्ठानों में से एक है। घटस्थापना देवी शक्ति का आव्हान है और इसे गलत समय पर करने से देवी शक्ति का प्रकोप हो सकता है। नवरात्रि में घट या कलश स्थापना को मुहूर्त के मुताबिक करना चाहिए। चैत्र नवरात्रि (Chaitra Navratri) में घट स्थापना प्रतिपदा तिथि को आती है और इसका मुहूर्त द्वि-स्वभाव मीणा लग्न के दौरान आता है।
घटस्थापना करने के लिए सबसे शुभ या शुभ समय दिन का पहला एक तिहाई है जबकि प्रतिपदा प्रचलित है। यदि किन्हीं कारणों से यह समय उपलब्ध नहीं है तो अभिजित मुहूर्त में घटस्थापना की जा सकती है।
घट स्थापना शुभ मुहूर्त- 06:23 AM से 07:32 AM तक
अवधि – 01 घंटा 09 मिनिट
प्रतिपदा तिथि प्रारंभ – 21 मार्च 2023 को रात्रि 10:52 बजे
प्रतिपदा तिथि समाप्त – 22 मार्च 2023 को रात्रि 08:20 बजे
मीणा लग्न प्रारम्भ – 22 मार्च 2023 को 06:23 पूर्वाह्न
मीणा लग्न समाप्त – 22 मार्च 2023 को 07:32 AM
मां दुर्गा के किस स्वरूप की किस दिन होगी पूजा?
नवरात्रि पहला दिन- 22 मार्च 2023 दिन बुधवार: मां शैलपुत्री पूजा (घटस्थापना)
नवरात्रि दूसरा दिन- 23 मार्च 2023 दिन गुरुवार: मां ब्रह्मचारिणी पूजा
नवरात्रि तीसरा दिन- 24 मार्च 2023 दिन शुक्रवार: मां चंद्रघंटा पूजा
नवरात्रि चौथा दिन- 25 मार्च 2023 दिन शनिवार: मां कुष्मांडा पूजा
नवरात्रि पांचवां दिन- 26 मार्च 2023 दिन रविवार: मां स्कंदमाता पूजा
नवरात्रि छठवां दिन- 27 मार्च 2023 दिन सोमवार: मां कात्यायनी पूजा
नवरात्रि सातवं दिन- 28 मार्च 2023 दिन मंगलवार: मां कालरात्रि पूजा
नवरात्रि आठवां दिन- 29 मार्च 2023 दिन बुधवार: मां महागौरी
नवरात्रि 9वां दिन- 30 मार्च 2023 दिन गुरुवार: मां सिद्धिदात्री
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(Disclaimer: इस स्टोरी (लेख) में दी गई सूचनाएं सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित हैं। यह पाठ्य सामग्री आम धारणाओं और इंटरनेट पर मौजूद सामग्री के आधार पर लिखी गई है। thenewsworld24 .com इनकी पुष्टि नहीं करता है। इन तथ्यों को अमल में लाने से पहले संबधित विशेषज्ञ से संपर्क करें।)