
गुरु का सभी धर्मों में सर्वोच्च स्थान माना गया है। गुरु पूर्णिमा (Guru Purnima) गुरुओं को समर्पित पर्व (Festival) है। इस दिन गुरुओं की विशेष पूजा से जीवन में सुख, समृद्धि बनी रहती है। गुरुओं की पूजा से ज्ञान में वृद्धि होती है तथा हर काम में सफलता मिलती है। गुरु का स्थान देवी देवताओं से भी उच्च बताया गया है। हिंदू धर्म में गुरु पूर्णिमा का विशेष महत्व बताया गया है।
आषाढ़ माह की पूर्णिमा को गुरु पूर्णिमा (Guru Purnima) के नाम से जाना जाता है। इसी दिन महर्षि वेद व्यास जी का जन्म हुआ था। गुरु पूर्णिमा को वेदव्यास पूर्णिमा भी कहा जाता है। महर्षि वेद व्यास जी ने ही पहली बार मानव जाति को चारों वेदों का ज्ञान दिया था, इसलिए महर्षि वेदव्यास जी को प्रथम गुरु माना जाता है। हिंदू धर्म में गुरु को भगवान से भी श्रेष्ठ माना जाता है, क्योंकि गुरु ही भगवान के बारे में बताते हैं और भगवान की भक्ति का मार्ग दिखाते हैं। ऐसे में प्रत्येक वर्ष आषाढ़ माह की पूर्णिमा तिथि को आषाढ़ पूर्णिमा, व्यास पूर्णिमा और गुरु पूर्णिमा के तौर पर बड़े ही उत्साह और श्रद्धा के साथ मनाया जाता है।
गुरु पूर्णिमा 2023 तिथि( Guru Purnima -2023 Date):
पंचांग के अनुसार इस साल आषाढ़ माह की पूर्णिमा तिथि की शुरुआत 2 जुलाई 2023 को रात में 8 बजकर 21 मिनट से हो रही है। इस तिथि का समापन अगले दिन 3 जुलाई, 2023 शाम 5 बजकर 08 मिनट पर होगा। उदया तिथि के अनुसार इस साल गुरु पूर्णिमा 3 जुलाई 2023, सोमवार के दिन मनाई जाएगी।
गुरु पूर्णिमा 2023 पूजा मुहूर्त:
गुरु पूर्णिमा के अवसर पर पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 05:27 बजे से सुबह 07:12 बजे तक और सुबह 08:56 बजे से सुबह 10:41 बजे तक है। उसके बाद दोपहर में 02:10 बजे से 03:54 बजे तक शुभ समय है। गुरु पूर्णिमा वाले दिन ब्रह्म योग, इंद्र योग और बुधादित्य राजयोग बन रहा है।
(Disclaimer: इस स्टोरी (लेख) में दी गई सूचनाएं सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित हैं। यह पाठ्य सामग्री आम धारणाओं और इंटरनेट पर मौजूद सामग्री के आधार पर लिखी गई है। thenewsworld24 .com इनकी पुष्टि नहीं करता है। इन तथ्यों को अमल में लाने से पहले संबधित विशेषज्ञ से संपर्क करें।)